प्रादेशिक
गोदावरी ‘महा पुष्करालु’ के दूसरे दिन हजारों ने किया पवित्र स्नान
राजामुंदरी (आंध्र प्रदेश)| गोदावरी पुष्कर मेले के दूसरे दिन बुधवार को यहां हजारों श्रद्धालुओं ने गोदावरी नदी में पवित्र स्नान किया। मेले के पहले ही दिन मंगलवार को यहां हुई भगदड़ में 27 लोगों की मौत को देखते हुए भीड़ नियंत्रण के पुख्ता प्रबंध किए गए हैं। गोदावरी ‘महा पुष्करालु’ के पहले दिन हुई भगदड़ के मद्देनजर, अधिकारियों ने भीड़ नियंत्रण के लिए पुलिस बलों की संख्या बढ़ा दी है।
मुख्यमंत्री एन.चंद्रबाबू नायडू शहर में बने हुए हैं। उन्होंने नियंत्रण कक्ष से शीर्ष अधिकारियों के साथ सभी छह स्नान घाटों पर भीड़ नियंत्रण का जायजा लिया और अधिकारियों को निर्देश दिए कि भीड़ को एक ही घाट पर एकत्र न होने दिया जाए।
श्रद्धालु रात दो बजे से ही घाटों पर जुटने लगे थे। भगदड़ को रोकने के लिए पुलिस तीर्थयात्रियों को जत्थों में घाटों पर भेज रही थी। राज्य के पुलिस महानिदेशक जे.वी.रामुदु खुद घाट पर व्यवस्था की निगरानी कर रहे थे।अधिकारियों ने कहा कि पूर्वी गोदावरी जिले के इस शहर में बुधवार दोपहर तक विभिन्न घाटों पर चार लाख से अधिक लोग गोदावरी में पवित्र डुबकी लगा चुके थे।
नायडू ने मंगलवार आधी रात के बाद विभिन्न घाटों पर व्यवस्था का जायजा लेने के लिए वहां का दौरा किया। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि वे लोगों की इस गलतफहमी को दूर करें कि पवित्र स्नान केवल पुष्कर घाट पर ही करना चाहिए।इसी घाट पर मंगलवार को नायडू व उनके परिवार के सदस्यों, मंत्रिमंडल के सदस्यों व अन्य महत्वपूर्ण व्यक्तियों (वीआईपी) ने पवित्र डुबकी लगाई थी, जिसके कुछ मिनटों बाद ही भगदड़ मच गई थी।
इस त्रासदी में 27 तीर्थयात्रियों की मौत हो गई थी, जबकि 60 अन्य घायल हो गए थे। इस घटना के बाद नायडू ने 12 दिनों तक चलने वाले इस मेले की संपूर्ण अवधि तक इसी शहर में रहने का फैसला लिया।विपक्षी पार्टियों ने इस घटना को लेकर मुख्यमंत्री पर हमले किए हैं और उन्हें इस घटना के लिए जिम्मेदार ठहराते हुए उनसे इस्तीफे की मांग की। विपक्षी पार्टी वाईएसआर कांग्रेस ने आरोप लगाया कि समस्त प्रशासन नायडू व अन्य वीआईपी लोगों की आवभगत में व्यस्त था, जबकि आम लोग घंटों से इंतजार कर रहे थे। ऐसे में जब उन्हें मौका मिला तो भगदड़ मच गई।
अधिकारियों ने पूर्वी गोदावरी जिले में पवित्र डुबकी के लिए 151 घाटों को चिन्हित किया है, जिनमें छह घाट राजामुंदरी में हैं।वहीं, पश्चिम गोदावरी जिले में 129 घाट हैं। दोनों जिलों में इस मेले को लेकर उत्सव का माहौल है।
IANS News
वसुधैव कुटुंबकम’ भारत का शाश्वत संदेश : योगी आदित्यनाथ
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘वसुधैव कुटुंबकम’ के आदर्श वाक्य के महत्व पर जोर देते हुए इसे भारत की वैश्विक मानवता के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक बताया है। उन्होंने इसे भारत का शाश्वत संदेश बताते हुए कहा कि हमने हमेशा से शांति, सौहार्द और सह-अस्तित्व को प्राथमिकता दी है। सीएम योगी ने यह बात शुक्रवार को एलडीए कॉलोनी, कानपुर रोड स्थित सिटी मॉन्टेसरी स्कूल (सीएमएस) के वर्ल्ड यूनिटी कन्वेंशन सेंटर में विश्व के मुख्य न्यायाधीशों के 25वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करने के दौरान अपने संबोधन में कही। कार्यक्रम में 56 देशों के 178 मुख्य न्यायाधीश और डेलिगेट्स ने भाग लिया।
‘अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक’
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक बताया। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद सम्मानजनक अंतरराष्ट्रीय संबंधों को विकसित करने और संघर्षों को शांतिपूर्ण ढंग से हल करने के लिए नैतिक मार्ग का अनुसरण करने के लिए हम सभी को प्रेरित करता है। उन्होंने समारोह को प्रेरणादायक बताते हुए कहा कि 26 नवंबर 2024 को संविधान अंगीकरण के 75 वर्ष पूरे होंगे। यह संविधान के अंगीकृत होने के अमृत महोत्सव वर्ष की शुरुआत के दौरान आयोजित हो रहा है।
‘युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है’
योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संयुक्त राष्ट्र के ‘समिट ऑफ दि फ्यूचर’ में दिये गये संबोधन की चर्चा करते हुए कहा कि युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है। युद्ध ने दुनिया के ढाई अरब बच्चों के भविष्य को खतरे में डाला है। उन्होंने दुनिया के नेताओं से आग्रह किया कि वे एकजुट होकर आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वच्छ, सुरक्षित और भयमुक्त समाज का निर्माण करें। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सम्मेलन को वैश्विक संवाद और सहयोग का मंच बताते हुए विश्वास व्यक्त किया कि अनुच्छेद 51 की भावना के अनुरूप यह आयोजन विश्व कल्याण के मार्ग को प्रशस्त करेगा। उन्होंने दुनिया भर के न्यायाधीशों से इस दिशा में सक्रिय योगदान देने का भी आह्वान किया।
‘भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध’
मुख्यमंत्री ने संविधान के अनुच्छेद 51 की चर्चा करते हुए कहा कि यह वैश्विक शांति और सौहार्द की दिशा में भारत की सोच को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद संघर्षों के शांतिपूर्ण समाधान और सभी देशों के बीच सम्मानजनक संबंधों को बढ़ावा देने का संदेश देता है। मुख्यमंत्री ने भारत की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की सक्रिय भागीदारी से यह स्पष्ट होता है कि भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध है।
सीएमएस के संस्थापक को दी श्रद्धांजलि
सीएमएस के संस्थापक डॉ. जगदीश गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी दूरदृष्टि और प्रयासों से यह सम्मेलन एक महत्वपूर्ण मंच बना है। उन्होंने डॉ. भारती गांधी और गीता गांधी को इस कार्यक्रम को अनवरत जारी रखने के लिए धन्यवाद दिया।
इस अवसर पर हंगरी की पूर्व राष्ट्रपति, हैती रिपब्लिक के पूर्व प्रधानमंत्री सहित दुनिया के 56 देशों से आए हुए न्यायमूर्तिगण, सीएमएस की संस्थापक निदेशक डॉ भारती गांधी, प्रबंधक गीता गांधी किंगडन समेत स्कूली बच्चे और अभिभावकगण मौजूद रहे।
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