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घाटी में पीडीपी को फायदा, उमर को झटका

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श्रीनगर| जम्मू एवं कश्मीर में हुए विधानसभा चुनावों के नतीजे चौंकाने वाले साबित हुए हैं। कश्मीर घाटी में पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) तथा नेशनल कांफ्रेंस ने जीत के झंडे तो गाड़े, लेकिन मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला खुद दो सीटों में से एक से चुनाव हार गए। त्रिशंकु विधानसभा के कयासों के बीच घाटी में 46 सीटों पर नेकां तथा पीडीपी के बीच सीधा मुकाबला था। वर्ष 2008 में हुए चुनावों में नेकां 28, जबकि पीडीपी 21 सीटें जीतने में कामयाब रही थी।

बीरवाह से उमर अब्दुल्ला की जीत पीडीपी के लिए चौंकाने वाली है, हालांकि श्रीनगर के सोनावार से वह चुनाव हार गए। पीडीपी के लिए दो बेहद अचरज की बात हुई कि उत्तरी कश्मीर के गांदेरबल जिले से नेकां ने कंगन तथा गांदेरबल दोनों ही सीटों पर जीत दर्ज की। नेकां ने गांदेरबल से मैदान में अशफाक जब्बार शेख को उतारा था। पीडीपी के काजी मुहम्मद अफजल के मुकाबले उन्हें कमजोर उम्मीदवार माना जा रहा था, जिन्होंने वर्ष 2002 में उमर अब्दुल्ला को हराया था, हालांकि वर्ष 2008 में उमर ने उन्हें हराकर अपनी हार का बदला ले लिया था।

मंगलवार को हुई मतगणना में अशफाक शेख ने काजी को मात्र 432 मतों से हराकर पीडीपी को चौंकने पर मजबूर कर दिया। वरिष्ठ गुज्जर नेता नेकां के मियां अल्ताफ अहमद को कंगन में तगड़ा मुकाबला मिल रहा था, लेकिन मियां ने राजनीतिक पंडितों को गलत साबित कर दिया और उन्होंने पीडीपी के बशीर अहमद मीर को हरा दिया।

श्रीनगर जिले के आठों सीटों पर वर्ष 2008 के चुनावों में नेकां ने जीत दर्ज की थी, लेकिन इस बार पीडीपी ने इन पांच सीटों अमिरा कादल, सोनवार, हजरतबल, बटमालू तथा जादिबल पर जीत दर्ज की। वहीं नेकां ईदगाह, खंयार तथा हब्बा कादल सीट को बचाने में कामयाब रही। हालांकि अनंतनाग जिले में नेकां ने पहलगाम सीट जीतकर यहां अपनी उपस्थिति दर्ज करा दी।

नेकां के लिए अन्य महत्वपूर्ण जीत उत्तरी कश्मीर के बांदिपोरा जिले के सोनावारी में रही। शिया नेता तथा नेकां विधायक आगा सैयद रूहुल्ला ने भी बडगाम सीट को बरकरार रखकर पीडीपी को चौंकने पर मजबूर कर दिया। यहां से पीडीपी अपनी जीत को लेकर पूरी तरह आश्वस्त थी। प्रदेश की 87 सीटों वाले विधानसभा में पीडीपी का बहुमत के लिए 44 सीटों तक पहुंचने की भविष्यवाणी गलत साबित हुई।

पीडीपी के वरिष्ठ नेता मुजफ्फर हुसैन बेग ने कहा कि अगर उनकी पार्टी कम से कम 35 सीटें जीतने में कामयाब नहीं हो पाती, तो यह एक आघात की तरह होगा। लेकिन अपने बूते सरकार बनाने लायक सीटें लाने में कोई भी पार्टी कामयाब नहीं हो पाई है।

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‘एक केजीबीवी, एक खेल’ योजना से 82,120 बालिकाओं को खेल में निपुण बनाएगी योगी सरकार

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों में पढ़ने वाली 82,120 बालिकाओं की खेल प्रतिभाओं को राष्ट्रीय स्तर तक पहुंचाने का प्रयास तेज कर दिया है। सरकार इस उद्देश्य को ‘एक केजीबीवी, एक खेल’ योजना लागू कर साकार करेगी।

बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री संदीप सिंह के नेतृत्व में इस योजना के अंतर्गत प्रत्येक विद्यालय में एक विशेष खेल का चयन किया जाएगा, जिसमें छात्राओं को विशेषज्ञ प्रशिक्षण दिया जाएगा। इस योजना से बालिकाएं खेल में निपुण होने के साथ-साथ शारीरिक, मानसिक और सामाजिक विकास भी प्राप्त करेंगी, जिससे वे समाज में एक सशक्त पहचान बना सकेंगी।

उत्तर प्रदेश के कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों (केजीबीवी) में बालिकाओं की खेल प्रतिभा को निखारने और उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर उभारने के उद्देश्य से ‘एक केजीबीवी, एक खेल’ योजना लागू की गई है। इस योजना का उद्देश्य पिछड़े और वंचित समुदायों की बालिकाओं को खेल के क्षेत्र में विशेष कौशल प्रदान करना है। इसके अंतर्गत प्रत्येक विद्यालय में एक विशेष खेल का चयन किया जाएगा, जिसमें छात्राओं को खेल विशेषज्ञों द्वारा प्रशिक्षित किया जाएगा। यह योजना पायलट प्रोजेक्ट के रूप में प्रत्येक जनपद के दो केजीबीवी में आरंभ की जाएगी और सफल होने पर इसे अन्य विद्यालयों में भी विस्तार दिया जाएगा।

राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करना है उद्देश्य इस योजना का मुख्य उद्देश्य केजीबीवी में अध्ययनरत 82,120 छात्राओं को खेलों में प्रशिक्षित कर राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करना है। यह योजना छात्राओं को न केवल खेल किट और आधारभूत प्रशिक्षण प्रदान करेगी, बल्कि विभिन्न प्रतियोगिताओं में जनपद और राज्य स्तर पर चयनित करने की प्रक्रिया भी सुनिश्चित करेगी।

विद्यालय में खेल का चयन ऐसे होगा

प्रत्येक विद्यालय में एक खेल समिति का गठन किया जाएगा, जिसमें वार्डन, व्यायाम शिक्षिका, खेल प्रभारी और दो खिलाड़ी छात्राएं होंगी। यह समिति छात्राओं की रुचि और उपलब्ध संसाधनों के आधार पर एक खेल का चयन करेगी। चयनित खेल में प्रशिक्षण देने के लिए योग्य महिला प्रशिक्षक नियुक्त की जाएगी। आवश्यकतानुसार, बाहरी खेल प्रशिक्षकों की सहायता भी ली जा सकेगी।

विशेष प्रशिक्षण और स्वास्थ्य पर रहेगा विशेष ध्यान

योजना के अंतर्गत, खेल गतिविधियों के संचालन के लिए एक निर्धारित समय सारिणी होगी, जिसमें प्रशिक्षक छात्राओं को खेल की बारीकियां सिखाएंगे। बेहतर स्वास्थ्य के लिए पोषण और स्वास्थ्य जागरूकता कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे, जिसमें छात्राओं को आहार, पोषण और स्वास्थ्य के प्रति जागरूक किया जाएगा। बालिकाओं का स्वास्थ्य परीक्षण भी समय-समय पर किया जाएगा।

समाज और विभागीय सहयोग लिया जाएगा

पूर्व राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ियों को भी बुलाकर छात्राओं को प्रेरित किया जाएगा। उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाली बालिकाओं को स्थानीय स्तर पर पुरस्कृत भी किया जाएगा। इसके अलावा, विद्यालयों में खेल प्रतियोगिताओं के दौरान सम्मानित नागरिकों और विभागीय अधिकारियों को आमंत्रित कर छात्राओं का उत्साहवर्धन किया जाएगा।

खेल संघों और कॉर्पोरेट समूहों से भी लिया जाएगा सहयोग

योजना के सफल क्रियान्वयन के लिए राज्य और राष्ट्रीय स्तर के खेल संघों के साथ कॉर्पोरेट समूहों से भी सहयोग लिया जाएगा। कॉर्पोरेट समूहों की मदद से छात्राओं के लिए आवश्यक खेल सामग्री और अन्य सुविधाएं बेहतर तरीके से उपलब्ध कराई जाएंगी।

बालिकाओं का विशेष स्थानांतरण और अभिभावकों की ली जाएगी सहमति

चयनित छात्राओं को विशेष खेल प्रशिक्षण देने के लिए तीन महीने तक नोडल केजीबीवी में रखा जाएगा। इस दौरान उनके रहने, खाने और प्रशिक्षण की पूरी व्यवस्था होगी। इसके बाद, छात्राओं को उनके मूल केजीबीवी में वापस भेज दिया जाएगा। छात्राओं के स्थानांतरण से पूर्व उनके अभिभावकों से सहमति ली जाएगी।

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