Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

प्रादेशिक

रॉक गार्डन के जनक नेकचंद नहीं रहे, अंतिम संस्कार शनिवार को

Published

on

Loading

चंडीगढ़| चंडीगढ़ स्थित मशहूर ‘रॉक गार्डन’ के निर्माता नेकचंद नहीं रहे। उनका यहां पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च (पीजीआईएमईआर) में शुक्रवार को दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। उनका अंतिम संस्कार शनिवार को होगा। नेकचंद (90) के निधन की जानकारी उनके परिजनों ने दी। वह मधुमेह, उच्च रक्तचाप तथा कैंसर से पीड़ित थे। वह पिछले कुछ दिनों से अस्पताल में भर्ती थे।

चंडीगढ़ प्रशासन ने विश्वस्तरीय ख्याति प्राप्त वास्तुकार नेकचंद के सम्मान में शुक्रवार को अपने कार्यालयों में एक दिन का अवकाश घोषित किया। परिजनों ने बताया कि उनका पार्थिव शरीर अंतिम दर्शन के लिए रॉक गार्डन में रखा गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नेकचंद के निधन पर शोक जताया। मोदी ने एक ट्वीट में लिखा, “नेकचंद जी हमेशा अपनी कलात्मक प्रतिभा और शानदार रचना के लिए याद किए जाएंगे, जिसने कई लोगों को आकर्षित किया। उनकी आत्मा को शांति मिले।” नेकचंद भारत के सर्वाधिक चर्चित कलाकारों में से एक थे। उनकी कृतियां पेरिस, लंदन, न्यूयॉर्क, वाशिंगटन डीसी तथा बर्लिन जैसे दुनिया के मशहूर शहरों के हिस्सा बनी हैं। उनपर कई किताबें भी लिखी जा रही हैं। कई देशों ने उन्हें मानद नागरिकता की पेशकश की।

वह 1950 और 1960 के दशक में चंडीगढ़ में एक निर्माण परियोजना में सड़क निरीक्षक थे। उस समय इस ‘खूबसूरत शहर’ का डिजाइन फ्रांस के वास्तुकार ली कॉरबुजे तैयार कर रहे थे। नेकचंद ने लोगों द्वारा फेंके जाने वाले कचरे से कलात्मक कृतियां बनाने की कला ईजाद की और उत्तरी चंडीगढ़ के वन क्षेत्र में चुपचाप अपनी प्रयोगशाला बनाई, ताकि वह अपनी कृतियों को आकार दे सकें। उन्हें 1984 में पद्मश्री से नावाजा गया, लेकिन नेकचंद फाउंडेशन का मानना है कि भारतीय कला जगत में उनके योगदान को देखते हुए उन्हें और उच्च सम्मान से नवाजा जाना चाहिए। नेकचंद की कलाकृतियों में टूटी हुई चूड़ियों, मिट्टी के बर्तन, इलेक्ट्रॉनिक स्विच, प्लग, ट्यूब लाइट, मार्बल, टाइल्स, घरों में बेकार पड़े सामान, पत्थर, भवन निर्माण सामग्री तथा अन्य चीजों को भी शामिल किया गया है।

रॉक गार्डन चंडीगढ़ के सेक्टर-एक में स्थित है। यह 35 एकड़ क्षेत्र में फैला हुआ है। इसे नेकचंद द्वारा निर्मित एक ऐसे ‘साम्राज्य’ के रूप में जाना जा सकता है, जिसमें ग्रामीण परिवेश तथा अन्य स्थानों के साथ-साथ भारत के समग्र जीवन एवं पारिस्थितिकी को दर्शाया गया है। यहां झरना, ओपन थियेटर तथा एक छोटा-सा तालाब भी है। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने भी नेकचंद के निधन पर शोक जताया। उन्होंने अलग-अलग शोक संदेशों में कहा कि नेकचंद अपने रचनात्मक योगदान के लिए अर्से तक याद किए जाएंगे।

IANS News

समाजवादी पार्टी नैतिक रूप से जीत चुकी है, बस प्रमाणपत्र मिलना बाकी – अखिलेश यादव

Published

on

Loading

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में 9 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव के लिए वोटिंग संपन्न हो चुकी है। शनिवार 23 नवंबर 2024 को चुनाव के परिणाम घोषित कर दिए जाएंगे। चुनाव परिणाम से पहले ही समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने बड़ा दावा किया है। अखिलेश ने कहा है कि समाजवादी पार्टी नैतिक रूप से जीत चुकी है, बस प्रमाणपत्र मिलना बाकी है। अखिलेश ने इसके साथ भाजपा पर निशाना साधते हुए अपने कार्यकर्ताओं की जमकर तारीफ भी की है। आइए जानते हैं अखिलेश ने और क्या कुछ कहा है।

भाजपा किसी की सगी नहीं- अखिलेश

अखिलेश यादव ने कहा- “धीरे-धीरे सबको ये समझ आ जाएगा कि चाहे नेता हों या अधिकारी, भाजपा सबको पहले लालच या अन्य किसी दबाव या भावनात्मक रूप से झाँसा देकर गलत काम करवाती है फिर जब वो पकड़े जाते हैं, उनका निलंबन होता है, उनपर मुक़दमा होता है, उनकी नौकरी जाती है या उनको जेल होती है या फिर समाज-परिवार अथवा विभाग में बदनामी होती है तो भाजपा उनसे पल्ला झाड़ लेती है। भाजपाई फँसानेवाले लोग हैं, बचानेवाले नहीं। भाजपा किसी की सगी नहीं है।

प्रमाणपत्र लेकर ही लौटें- अखिलेश

अखिलेश यादव ने कहा कि हम नैतिक रूप से जीत चुके हैं, बस प्रमाणपत्र मिलना बाक़ी है। अखिलेश ने इंडिया गठबंधन-सपा के सभी जागरूक उम्मीदवारों, कार्यकर्ताओं, पदाधिकारियों, नेताओं, समर्थकों व समझदार आम जनता से अपील की है कि वे डटे रहें, अपने वोट की दिन-रात रक्षा करें व कल मतगणना के लिए पूरी तरह सावधान रहें और जीत का प्रमाणपत्र लेकर ही लौटें।

 

 

Continue Reading

Trending