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प्रादेशिक

चर्च पर हमलों के खिलाफ मिशनरी स्कूल व अस्पताल बंद, आंदोलन की चेतावनी

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लखनऊ। लखनऊ में सभी मिशनरी स्कूल और अस्पताल ईसाई समुदाय पर लगातार हो रहे हमलों और हाल ही में आगरा के एक गिरजाघर में की गई तोड़फोड़ के विरोध में गुरुवार को बंद रहे। मिशनरी कार्यालयों के संचालनकर्ताओं ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आश्वासन के बावजूद देशभर में ईसाइयों पर हो रहे हमले बंद नहीं हुए हैं और समुदाय असहाय हो गया है।

इससे पहले ईसाई समुदाय ने एक शांतिपूर्ण बैठक भी रखी और चेतावनी दी कि यदि समुदाय और उनकी संपत्ति को उचित सुरक्षा मुहैया नहीं कराई गई, तो उन्हें आंदोलन करना पड़ेगा। कैथोलिक डायसिस के बिशॉप जेराल्ड मैथ्यू ने कहा कि ये हमले अमंगल का संकेत हैं और यह भी देखा गया है, ऐसी घटनाओं के बाद आश्वासन देने के बावजूद पर्याप्त कदम नहीं उठाए गए हैं। उन्होंने कहा कि यह विरोध सरकार के लिए चेतावनी है। उत्तर प्रदेश के हरदोई, उन्नाव, बहराईच, लखीमपुर, गोंडा, बाराबंकी, सीतापुर, श्रावस्ती और बलरामपुर में भी सभी मिशनरी स्कूल, क्लीनिक और अस्पताल विरोधस्वरूप बंद हैं।

असेम्बली ऑफ बिलिवर्स चर्च के बिशॉप अगस्टस एंथनी ने कहा कि यदि स्थिति नहीं बदलती है, तो पहले वे राज्यव्यापी आंदोलन शुरू करेंगे और जरूरत पड़ी तो राष्ट्रव्यापी आंदोलन भी करेंगे।

IANS News

महाकुंभ में बिछड़ने वालों को अपनों से मिलाएंगे एआई कैमरे, फेसबुक और एक्स भी करेंगे मदद

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प्रयागराज। महाकुंभ की तैयारियों को अंतिम रूप देने में लगी योगी आदित्यनाथ सरकार पहली बार इतने व्यापक स्तर पर महाआयोजन का डिजिटलाइजेशन कर रही है। यहां एआई की मदद से ऐसे कैमरे लगाए जा रहे हैं, जो 45 करोड़ श्रद्धालुओं की हिफाजत में 24 घंटे तैनात रहेंगे। एआई लाइसेंस वाले इन कैमरों के साथ ही फेसबुक और एक्स जैसे सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म भी बिछड़ने वाले परिजनों को खोजने में तत्काल मदद करेंगे।

मदद करेगा डिजिटल खोया पाया केंद्र

इस बार महाकुंभ में देश विदेश से बड़ी संख्या में आने वाले लोगों को अपनों को खोने का डर नहीं सताएगा। मेला प्रशासन ने इसकी व्यापक कार्ययोजना तैयार की है। इसके लिए डिजिटल खोया पाया केंद्र को एक दिसंबर से लाइव किया जाएगा। इसके माध्यम से 328 एआई लाइसेंस वाले कैमरे पूरे मेला क्षेत्र पर नजर रखेंगे। इन सभी कैमरों का परीक्षण कर लिया गया है। पूरे मेला क्षेत्र को इन विशेष कैमरों से लैस किया जा रहा है। योगी सरकार के निर्देश पर बड़े पैमाने पर कैमरे इंस्टॉल करने का काम अपने अंतिम चरण में है। मेला क्षेत्र की चार लोकेशन पर इन विशेष एआई कैमरों का परीक्षण भी किया जा चुका है।
महाकुंभ में अब कोई भी अपना बिछड़ने नहीं पाएगा।

पलक झपकते काम करेगी तकनीक

महाकुंभ 2025 में शामिल होने वाले श्रृद्धालुओं के लिए सरकार ने ऐसे डिजिटल खोया-पाया केंद्रों की स्थापना की है, जो तकनीक के सहारे चलेंगे और पलक झपकते ही अपनों से मिलाएंगे। इसमें हर खोए हुए व्यक्ति का डिजिटल पंजीकरण तुरंत किया जाएगा। पंजीकरण होने के बाद एआई कैमरे गुमशुदा की तलाश में जुट जाएंगे। यही नहीं, गुमशुदा की जानकारी को फेसबुक और एक्स जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर भी शेयर किया जाएगा। यह व्यवस्था महाकुंभ मेले को न केवल सुरक्षित बनाएगी, बल्कि परिवारों को जल्दी और आसानी से अपने प्रियजनों से जोड़ने का काम करेगी।

फोटो से मिलान करेगा एआई

महाकुंभ में अपनों से बिछड़ने वाले व्यक्तियों की पहचान के लिए फेस रिकग्निशन तकनीक का उपयोग किया जाएगा। यह तत्काल काम करेगा। यहां 45 करोड़ लोगों के आने की संभावना है। ऐसे में एआई कैमरे तत्काल फोटो खींचकर व्यक्ति की पहचान कर लेंगे। इस काम में सोशल मीडिया भी तत्पर रहेगा।

पहचान का देना होगा प्रमाण

जो भी व्यक्ति महाकुंभ मेले में अपनों से बिछड़ेगा, उसका सुरक्षित, व्यवस्थित और जिम्मेदार प्रणाली के तहत ख्याल भी रखा जाएगा। किसी भी वयस्क को बच्चे या महिला को ले जाने से पहले सुनिश्चित करना होगा कि वह उसे पहचानते हैं और उनकी पहचान प्रमाणिक है।

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