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बिजनेस

चीन के बिना टीटीपी समझौता असफल

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बीजिंग। अमेरिकी विशेषज्ञों का कहना है कि चीन की भागीदारी के बिना ट्रांस पैसिफिक पार्टनरशिप (टीपीपी) व्यापार समझौता असफल रहेगा। टीपीपी व्यापार सौदे में एशिया प्रशांत क्षेत्र के 12 देश शामिल हैं।  एशिया क्षेत्र में अमेरिकी वाणिज्य संघ की वरिष्ठ उपाध्यक्ष तामी ओवरबाय ने यहां चार दिवसीय टीपीपी मंत्रिमंडलीय बैठक से अलग एक साक्षात्कार में कहा, “चीन एशिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। हमें चीन को टीपीपी का हिस्सा बनाने की जरूरत है।”

टीपीपी वार्ता में आस्ट्रेलिया, ब्रुनेई, कनाडा, चाइल, जापान, मलेशिया, मेक्सिको, न्यूजीलैंड, पेरू, सिंगापुर, अमेरिका, वियतनाम सहित वैश्विक अर्थव्यवस्था का लगभग 40 प्रतिशत हिस्सा शामिल है। टीपीपी एशिया में आर्थिक संबंधों को आगे बढ़ाने और 21वीं सदी में अंतर्राष्ट्रीय कारोबार और निवेश के लिए नियमों को लिखने की ओबामा की प्रशासनिक नीति का केंद्रबिंदु है।

ओवरबाय ने चीन को शामिल करने के लिए टीपीपी का खाका तैयार करने की बातें खारिज कर दी। उन्होंने कहा, “यह एक खुला समझौता होने जा रहा है। हमें उम्मीद है कि यह एशिया प्रशांत क्षेत्र के मुक्त व्यापार (एफटीएएपी) की तरह विकसित होगा। इसलिए चीन के बिना यह समझौता असफल रहेगा।”

कार्नेगी एंडाउमेंट फॉर इंटरनेशनल पीस के एशियाई कार्यक्रम के एक वरिष्ठ सहयोगी युकोन हुआंग ने कहा, “मुझे लगता है कि प्रत्येक व्यक्ति यह सोचता है कि टीपीपी को पूर्ण सफल होने के लिए इसमें चीन के सदस्य के रूप में जुड़ने की जरूरत है। अमेरिकी परिदृश्य से मेरी राय यह है कि यदि आपको वास्तव में इसका स्तर ऊंचा रखना है तो आपको चीन को इसका हिस्सा बनाना चाहिए।”

ओवरबाय को विश्वास है कि चीन यकीनन टीपीपी के उच्च मानकों को पूरा कर सकता है। यदि वियतनाम जैसा देश इन मानकों को पूरा करने के लिए सहमत है तो इसका मतलब यह नहीं है कि प्रत्येक देश को तत्काल ही इसे पूरा करना होगा। अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार सुसेन राइस सहित अमेरिका के वरिष्ठ अधिकारियों ने सार्वजनिक रूप से कहा है कि वे व्यापार समझौते में चीन के शामिल होने का स्वागत करते हैं।

ब्रूकिंग्स संस्थान के सीनियर एसोसिएट, विश्व बैंक और अमेरिकी राजस्व विभाग के पूर्व अधिकारी डेविड डॉलर ने कहा, “टीपीपी के सभी सदस्य चीन को इसमें शामिल होते हुए देखना चाहते हैं। इसके बहुत लाभ होंगे।”

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मारुति सुजुकी ने लॉन्च की नई 4th-जनरेशन मारुति सुजुकी डिजायर, शुरुआती कीमत ₹6.79 लाख

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नई दिल्ली। मारुति सुजुकी ने भारत में अपनी नई 4th-जनरेशन मारुति सुजुकी डिजायर को सोमवार (11 नवंबर) को लॉन्च किया। कंपनी ने इसकी शुरुआती कीमत ₹6.79 लाख (एक्स-शोरूम, दिल्ली) रखी है। इस मॉडल को 5-स्टार GNCAP क्रैश टेस्ट रेटिंग मिली है और यह सेगमेंट में सर्वश्रेष्ठ माइलेज का दावा करती है। डिजायर, भारत की सबसे लोकप्रिय सब-4 मीटर कॉम्पैक्ट सेडान रही है, जिसकी अब तक 27 लाख से अधिक यूनिट्स बिक चुकी हैं।

माइलेज मिलेगा शानदार

मारुति सुजुकी ने नई स्टैंडर्ड डिजायर के लिए 24.79 किमी प्रति लीटर, ऑटोमैटिक डिजायर के लिए 25.71 किमी प्रति लीटर और सीएनजी वैरिएंट के लिए 33.73 किमी प्रति किलो की माइलेज का दावा किया है।

सेफ्टी का है खास इंतजाम

ग्लोबल एनसीएपी के क्रैश टेस्ट में मारुति सुजुकी की नई डिजायर को एडल्ट पैसेंजर की सुरक्षा के लिए 5 स्टार रेटिंग और चाइल्ड पैसेंजर की सुरक्षा के लिए 4 स्टार मिले हैं। एमएसआई के पास वर्तमान में कुल घरेलू यात्री वाहन खंड में 40 प्रतिशत से अधिक बाजार हिस्सेदारी (थोक) है। खुदरा बिक्री के मामले में कंपनी ने अक्टूबर में 2.02 लाख इकाइयों के साथ अपना अब तक का सर्वोच्च प्रदर्शन दर्ज किया। सेडान खंड में इसकी बाजार हिस्सेदारी 50 प्रतिशत से अधिक है।

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