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लाइफ स्टाइल

चुटकियों में बंद हो जाएगें मुंहासे निकलना, अपनाए ये कुछ सरल उपाय

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नई दिल्ली| मुंहासे होना आम समस्या है और इससे छुटकारा पाने के लिए अधिकांश युवतियां टूथपेस्ट, नींबू आदि लगाती है, जो त्वचा को नुकसान भी पहुंचा सकते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि मुंहासा प्रभावित हिस्से को छूना भी नहीं चाहिए। ‘द बॉडी शॉप’ की शिखी अग्रवाल (हेड ट्रेनिंग) और ल्यूमियर डर्मेटोलॉजी की त्वचा विशेषज्ञ किरण लोहिया ने मुंहासों से छुटकारा पाने के लिए ये सुझाव दिए हैं :

* कई बार आंतरिक असंतुलन खासकर हार्मोन की वजह से मुंहासे निकलते हैं। आंतरिक समस्या से मुंहासे होने पर रक्त की जांच व अल्ट्रासाउंड से पता चल जाता है।

मुंहासों से बचने के लिए संतुलित व स्वास्थ्यपरक आहार जैसे फलों, सब्जियों का सेवन करें।

* कई लोगों का मानना होता है कि मुंहासे त्वचा के अधिक तैलीय होने के कारण निकलते हैं और वे कठोर साबुन या स्क्रब का इस्तेमाल करना शुरू कर देते हैं। सच्चाई यह है कि ज्यादा ड्राई स्किन मुंहासों को और बढ़ावा दे सकते हैं।

स्क्रब से मुंहासों में सूजन व लालिमापन आने की संभावन बढ़ जाती है और चेहरे में जलन महसूस हो सकती है।

* मुंहासों के उपचार में तीन से लेकर छह महीने तक का समय लग सकता है। लोग अपना धैर्य खोने लगते हैं और नींबू, टूथपेस्ट या लहसुन का इस्तेमाल करते हैं, जो मुंहासों वाली त्वचा को और नुकसान पहुंचा सकते हैं।

* चेहरे को रोजाना दो-तीन बार धोएं, अगर त्वचा में पर्याप्त मात्रा में मॉइश्चराइजर है तो फिर यह अपना ऑयल बाहर नहीं निकालता है, ऐसे में मुंहासे होने की संभावना नहीं होती है।

* अपनी त्वचा को नियमित रूप से मॉइश्चराइज करें, जिससे त्वचा में नमी बनी रहे, अगर बारिश हो रही हो तो नॉन-वाटर बेस्ड मॉइश्चराइजर का इस्तेमाल करें, जिससे भीगने पर भी मॉइश्चराइजर त्वचा से पूरी तरह से नहीं निकले।

* बैक्टीरिया को दूर रखने के लिए चेहरे पर कुछ क्रीम आदि लगाते समय अपने हाथ जरूर धो लें। प्रभावित हिस्से को लगातार छूने से बैक्टीरिया के फैलने की संभावना होती है, जिससे और मुंहासे निकल सकते हैं।

* टी (चाय) ट्री तेल जीवाणु रोधी और एंटी फंगल होता है और यह तैलीय त्वचा के लिए उपयुक्त होता है। मुंहासों से बचने के लिए इस तेल का इस्तेमाल किया जा सकता है।

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पपीता के सेवन से मिलता है लाभ, जानें किन -किन समस्याओं में है लाभकारी

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नई दिल्ली। पपीता एक ऐसा फल है जो साल के बारह महीने बिकता है। इस फल का सेवन सेहत के लिए लाभकारी माना जाता है। खासतौर पर पेट के लिए पपीता का सेवन अमृत सामान है। पपीता पोषक तत्वों का भंडार है, जिसमें ज़रूरी मिनिरल्स, विटामिनों और एंटीऑक्सीडेंट भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। पपीते की एक सर्विंग (लगभग 1 कप, क्यूब्स में कटा हुआ) आपको कई समस्याओं से बचा सकती है। सुबह के समय खाली पेट सेवन करने से सेहत को कई फायदे मिलेंगे।

पपीता में विटामिन सी काफी मात्रा में पाया जाता है यह शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट रोग प्रतिरोधक क्षमता और त्वचा के स्वास्थ्य को बेहतर करता है। पपीता बीटा-कैरोटीन से भरपूर होता है, जो आंखों के स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है। पपीते में प्रचुर मात्रा में पोटैशियम पाया जाता है जो रक्तचाप, मांसपेशियों के कार्य और तंत्रिका संचरण को बनाए रखने में मदद करता है। पपीते में फाइबर भी भरपूर मात्रा में पाया जाता है जो वजन को कम करता है और पाचन स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है। इसके अलावा, पपीता विभिन्न अन्य विटामिनों और आवश्यक खनिजों का स्रोत है, जिनमें विटामिन ई, विटामिन के, कैल्शियम और मैग्नीशियम शामिल हैं।

इन समस्याओं में भी है लाभकारी:

रोग प्रतिरोधक क्षमता बढाए: पपीते में विटामिन सी की उच्च मात्रा होती है। यह विटामिन प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने में मदद करता है, जिससे शरीर की संक्रमण और बीमारियों से लड़ने की क्षमता बढ़ती है।

सूजन करे कम: पपीते में लाइकोपीन और बीटा-कैरोटीन जैसे अनोखे एंटीऑक्सीडेंट होते हैं, जिनमें शक्तिशाली सूजनरोधी गुण होते हैं। यह गुण पुरानी सूजन संबंधी स्थितियों से जुड़े लक्षणों को कम करने में मददगार है।

दिल की सेहत करे बेहतर: फाइबर, पोटेशियम और एंटीऑक्सीडेंट का पपीता संयोजन कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने, रक्तचाप के स्तर को बनाए रखने और हृदय रोग के जोखिम को कम करने में मदद कर सकता है।

त्वचा के लिए भी है फायदेमंद: पपीते में मौजूद विटामिन सी और ए कोलेजन कोलेजन बढ़ाते हैं जिससे स्किन का टेक्स्चर बेहतर होता है और महीन रेखाओं और झुर्रियों से भी छुटकारा मिलता है।

 

 

 

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