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प्रादेशिक

चुनाव सुधार से गलत हलफनामों का मसला सुलझेगा : नकवी

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पणजी | भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता व केंद्रीय संसदीय कार्य राज्यमंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने शुक्रवार को कहा कि चुनाव सुधार के जरिए निर्वाचित प्रतिनिधियों के चुनाव संबंधी हलफनामों में दी गई फर्जी जानकारियों के मसले से निपटा जा सकता है। नकवी आपातकाल के 40 वर्ष पूरे होने को लेकर पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करने पणजी पहुंचे हैं।

इस दौरान उनसे पूछा गया कि क्या राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार उन मुद्दों पर काम कर रही है, जहां हलफनामे में मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी सहित निर्वाचित प्रतिनिधियों पर शैक्षणिक योग्यता तथा आपराधिक रिकार्ड संबंधी गलत जानकारी देने के आरोप हैं। नकवी ने कहा, “चुनाव सुधार की जरूरत है। हम इस दिशा में बढ़ रहे हैं। न्यायिक सुधार, प्रशासनिक सुधार, पुलिस सुधार, निर्वाचन सुधार, कर सुधार हो रहा है। हम धीरे-धीरे इस दिशा में बढ़ रहे हैं।” उनसे जब यह पूछा गया कि अगर चुनावी हलफनामे में किसी के गलत जानकारी देने पर प्राथमिकी दर्ज की जाती है, तो क्या उसकी समीक्षा की जाएगी? नकवी ने ऐसी संभावना से हालांकि इनकार किया। नकवी ने कहा, “मुझे नहीं लगता कि ऐसा मुमकिन है। आप किन-किन लोगों की समीक्षा करेंगे?”

भाजपा नेता ने कांग्रेस पर राजनीतिक षड्यंत्र रचने का चैम्पियन होने का आरोप लगाया, वहीं जब उनसे विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे जैसी नेताओं पर लगे आरोपों पर भाजपा के रुख के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, “भाजपा दूषित राजनीतिक एजेंडे के आधार पर काम नहीं करती। हम देख रहे हैं कि षड्यंत्र की राजनीति करने वालों की तरफ से हर महीने एक नया मामला उठाया जाता है। जो भी होगा, वह कानून के तहत होगा।”

IANS News

महाकुंभ में बिछड़ने वालों को अपनों से मिलाएंगे एआई कैमरे, फेसबुक और एक्स भी करेंगे मदद

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प्रयागराज। महाकुंभ की तैयारियों को अंतिम रूप देने में लगी योगी आदित्यनाथ सरकार पहली बार इतने व्यापक स्तर पर महाआयोजन का डिजिटलाइजेशन कर रही है। यहां एआई की मदद से ऐसे कैमरे लगाए जा रहे हैं, जो 45 करोड़ श्रद्धालुओं की हिफाजत में 24 घंटे तैनात रहेंगे। एआई लाइसेंस वाले इन कैमरों के साथ ही फेसबुक और एक्स जैसे सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म भी बिछड़ने वाले परिजनों को खोजने में तत्काल मदद करेंगे।

मदद करेगा डिजिटल खोया पाया केंद्र

इस बार महाकुंभ में देश विदेश से बड़ी संख्या में आने वाले लोगों को अपनों को खोने का डर नहीं सताएगा। मेला प्रशासन ने इसकी व्यापक कार्ययोजना तैयार की है। इसके लिए डिजिटल खोया पाया केंद्र को एक दिसंबर से लाइव किया जाएगा। इसके माध्यम से 328 एआई लाइसेंस वाले कैमरे पूरे मेला क्षेत्र पर नजर रखेंगे। इन सभी कैमरों का परीक्षण कर लिया गया है। पूरे मेला क्षेत्र को इन विशेष कैमरों से लैस किया जा रहा है। योगी सरकार के निर्देश पर बड़े पैमाने पर कैमरे इंस्टॉल करने का काम अपने अंतिम चरण में है। मेला क्षेत्र की चार लोकेशन पर इन विशेष एआई कैमरों का परीक्षण भी किया जा चुका है।
महाकुंभ में अब कोई भी अपना बिछड़ने नहीं पाएगा।

पलक झपकते काम करेगी तकनीक

महाकुंभ 2025 में शामिल होने वाले श्रृद्धालुओं के लिए सरकार ने ऐसे डिजिटल खोया-पाया केंद्रों की स्थापना की है, जो तकनीक के सहारे चलेंगे और पलक झपकते ही अपनों से मिलाएंगे। इसमें हर खोए हुए व्यक्ति का डिजिटल पंजीकरण तुरंत किया जाएगा। पंजीकरण होने के बाद एआई कैमरे गुमशुदा की तलाश में जुट जाएंगे। यही नहीं, गुमशुदा की जानकारी को फेसबुक और एक्स जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर भी शेयर किया जाएगा। यह व्यवस्था महाकुंभ मेले को न केवल सुरक्षित बनाएगी, बल्कि परिवारों को जल्दी और आसानी से अपने प्रियजनों से जोड़ने का काम करेगी।

फोटो से मिलान करेगा एआई

महाकुंभ में अपनों से बिछड़ने वाले व्यक्तियों की पहचान के लिए फेस रिकग्निशन तकनीक का उपयोग किया जाएगा। यह तत्काल काम करेगा। यहां 45 करोड़ लोगों के आने की संभावना है। ऐसे में एआई कैमरे तत्काल फोटो खींचकर व्यक्ति की पहचान कर लेंगे। इस काम में सोशल मीडिया भी तत्पर रहेगा।

पहचान का देना होगा प्रमाण

जो भी व्यक्ति महाकुंभ मेले में अपनों से बिछड़ेगा, उसका सुरक्षित, व्यवस्थित और जिम्मेदार प्रणाली के तहत ख्याल भी रखा जाएगा। किसी भी वयस्क को बच्चे या महिला को ले जाने से पहले सुनिश्चित करना होगा कि वह उसे पहचानते हैं और उनकी पहचान प्रमाणिक है।

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