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छग : अटल चौक पर गांधी की मूर्ति लगाने की कोशिश, 26 गिरफ्तार
धमतरी (छत्तीसगढ़), 2 अक्टूबर (आईएएनएस/वीएनएस)। नगर पंचायत भखारा के वार्ड क्रमांक 7 में स्थित अटल चौक पर गांधी जयंती के मौके पर सोमवार को महात्मा गांधी की मूर्ति लगाने पहुंचे पूर्व विधायक लेखराम साहू सहित 26 कांग्रेसियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।
इस चौक पर पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की मूर्ति पहले से स्थापित है। कुरुद के एसडीओपी ठाकुर ने मामले की पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि कांग्रेसियों की गिरफ्तारी को लेकर भखारा में रोष है। बापू की प्रतिमा भखारा थाने में रखी गई है।
एसडीओपी ने कहा कि भखारा नगर पंचायत वार्ड क्रमांक 7 में कांग्रेसियों ने जहां पर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्रतिमा की स्थापना की कोशिश की, उसे अटल चौक के नाम से जाना जाता है। इस चौक पर पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की मूर्ति भी पहले से बनी हुई है।
नगर पंचायत सीएमओ के मुताबिक, इस स्थान के सौंदर्यीकरण के लिए 9 लाख रुपये की स्वीकृति भी शासन से मिली है। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती के अवसर पर कांग्रेस के कार्यकर्ता करीबन तीन क्विंटल वजनी प्रतिमा तैयार कर लाए थे। महात्मागांधी की मूर्ति स्थापना गोपनीय तौर से होने की भनक पुलिस और प्रशासन तक पहुंची। तब पुलिस की बड़ी टीम ने अधिकारियों के साथ मौके पर पहुंचकर कांग्रेसियों को रोका। कांग्रेसियों के उग्र प्रदर्शन से अशांति जैसी स्थिति निर्मित हो गई।
पुलिस ने इस मामले में पूर्व विधायक लेखराम साहू, पूर्व नगर पंचायत अध्यक्ष भरत नाहर, नगर पंचायत अध्यक्ष विनोद साहू, तपन चंद्राकर, नरेंद्र सोनवानी, अविनाश सिंह गौर, राजू साहू, बलीराम कोसरिया, बीरबल मानिकपुरी, तुलेश्वर साहू, कुरुद ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष राजकुमार अग्रवाल, अनिरुद्ध साहू, ओंकार राव, हरिराम निषाद, दयाराम साहू, किशुन निर्मलकर, काशीराम भोसले, दिनेश मंडल, अशोक साहू, राकेश, सुनील साहू, संतोषी निषाद, यशोदा साहू, पुष्पा कोरे, यशोदा साहू, जयनारायण बागमार को धारा 151, 427, 186 के तहत गिरफ्तार कर एसडीएम न्यायालय में पेश किया गया।
पूर्व विधायक लेखराम साहू ने कहा कि प्रशासन महात्मा गांधी की मूर्ति को स्थापित करने के लिए जानबूझ कर रोड़ा अटका रही है। राष्ट्रपिता किसी पार्टी के नहीं हैं, इसलिए रोक लगाना उचित नहीं है।
एसडीओपी ठाकुर ने कहा कि 26 लोग एक राय होकर जबरिया मूर्ति स्थापना कर शासकीय कार्य में बाधा पहुंचा रहे थे। उन्हें गिरफ्तार कर एसडीएम न्यायालय में पेश किया गया।
उत्तर प्रदेश
संभल में कैसे भड़की हिंसा, किस आधार पर हो रहा दावा, पढ़े पूरी रिपोर्ट
संभल। संभल में एक मस्जिद के स्थान पर प्राचीन मंदिर होने और भविष्य में कल्कि अवतार के यहां होने के दावे ने हाल ही में काफी सुर्खियां बटोरी हैं. इस दावे के पीछे कई धार्मिक और ऐतिहासिक तथ्य बताए जा रहे है. उत्तर प्रदेश के संभल में कल्कि अवतार और उनके मंदिर को लेकर कई दावे पहले से ही किए जा रहे हैं. इसे लेकर धार्मिक मान्यताओं और शास्त्रों के आधार पर गहरी चर्चा हो भी रही है. हिंदू धर्म में कल्कि अवतार को भगवान विष्णु का दसवां और अंतिम अवतार माना गया है. ऐसा माना जाता है कि कलियुग के अंत में जब अधर्म और अन्याय अपने चरम पर होगा तब भगवान कल्कि अवतार लेकर पृथ्वी पर धर्म की स्थापना करेंगे.
कैसे भड़की हिंसा?
24 नवंबर को मस्जिद में हो रहे सर्वे का स्थानीय लोगों ने विरोध किया. पुलिस भीड़ को नियंत्रित करने के लिए मौके पर थी. सर्वे पूरा होने के बाद जब सर्वे टीम बाहर निकली तो तनाव बढ़ गया. भीड़ ने पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया, जिसके कारण स्थिति बिगड़ गई और हिंसा भड़क उठी.
दावा क्या है?
हिंदू पक्ष का दावा है कि संभल में स्थित एक मस्जिद के स्थान पर प्राचीन काल में एक मंदिर था. इस मंदिर को बाबर ने तोड़कर मस्जिद बनवाई थी. उनका यह भी दावा है कि भविष्य में कल्कि अवतार इसी स्थान पर होंगे.
किस आधार पर हो रहा है दावा?
दावेदारों का कहना है कि उनके पास प्राचीन नक्शे हैं जिनमें इस स्थान पर मंदिर होने का उल्लेख है. स्थानीय लोगों की मान्यता है कि इस स्थान पर प्राचीन काल से ही पूजा-अर्चना होती थी. कुछ धार्मिक ग्रंथों में इस स्थान के बारे में उल्लेख मिलता है. हिंदू धर्म के अनुसार कल्कि अवतार भविष्य में आएंगे और धर्म की स्थापना करेंगे. दावेदारों का मानना है कि यह स्थान कल्कि अवतार के लिए चुना गया है.
किस आधार पर हो रहा है विरोध?
अभी तक इस दावे के समर्थन में कोई ठोस पुरातात्विक साक्ष्य नहीं मिला है. जो भी ऐतिहासिक रिकॉर्ड्स उपल्बध हैं वो इस बात की पुष्टि करते हैं कि इस स्थान पर एक मस्जिद थी. धार्मिक ग्रंथों की व्याख्या कई तरह से की जा सकती है और इनका उपयोग किसी भी दावे को सिद्ध करने के लिए नहीं किया जाना चाहिए.
संभल का धार्मिक महत्व
शास्त्रों और पुराणों में यह उल्लेख है कि भगवान विष्णु का कल्कि अवतार उत्तर प्रदेश के संभल नामक स्थान पर होगा. इस आधार पर संभल को कल्कि अवतार का स्थान माना गया है. श्रीमद्भागवत पुराण और अन्य धर्मग्रंथों में कल्कि अवतार का वर्णन विस्तार से मिलता है जिसमें कहा गया है कि कल्कि अवतार संभल ग्राम में विष्णुयश नामक ब्राह्मण के घर जन्म लेंगे.
इसी मान्यता के कारण संभल को कल्कि अवतार से जोड़ा जाता है. संभल में बने कल्कि मंदिर को लेकर यह दावा किया जा रहा है कि यही वह स्थान है जहां भविष्य में भगवान कल्कि का प्रकट होना होगा. मंदिर के पुजारी और भक्तों का कहना है कि यह स्थान धार्मिक दृष्टि से अत्यंत पवित्र है और यहां कल्कि भगवान की उपासना करने से व्यक्ति अधर्म से मुक्ति पा सकता है.
धार्मिक विश्लेषण
धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, कल्कि अवतार का समय तब होगा जब अधर्म, पाप और अन्याय चरम पर पहुंच जाएंगे. वर्तमान में दुनिया में मौजूद सामाजिक और नैतिक स्थितियों को देखकर कुछ लोग यह मानते हैं कि कल्कि अवतार का समय निकट है. संभल में कल्कि मंदिर को लेकर जो भी दावे किए जा रहे हैं वो सभी पूरी तरह से आस्था पर आधारित हैं. धार्मिक ग्रंथों में वर्णित समय और वर्तमान समय के बीच अभी काफी अंतर हो सकता है. उत्तर प्रदेश के संभल में कल्कि अवतार और मंदिर का दावा धार्मिक मान्यताओं और शास्त्रों पर आधारित है. हालांकि, यह दावा प्रमाणिकता के बजाय विश्वास पर आधारित है. यह भक्तों की आस्था है जो इस स्थान को विशेष बनाती है.
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