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नेशनल

छग : गायों के लिए एंबुलेंस सेवा 10 जिलों में शुरू होगी

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रायपुर, 31 जुलाई (आईएएनएस/वीएनएस)। छत्तीसगढ़ में विभिन्न हादसों में घायल गायों को अस्पताल पहुंचाने के लिए 10 जिलों में एंबुलेंस सेवा शुरू की जाएगी और 10 सबसे अच्छी गोशालाओं का चयन कर उन्हें दस-दस लाख रुपये का पुरस्कार दिया जाएगा।

यह बात प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कही। उन्होंने कहा कि यह पुरस्कार योजना गौसेवा आयोग के जरिए इस वर्ष से संचालित की जाएगी। डॉ. सिंह रविवार देर शाम राज्य गौसेवा आयोग की ओर से गौ-आधारित जैविक कृषि और ग्राम विषय पर राज्यस्तरीय व्याख्यानमाला के समापन सत्र को संबोधित कर रहे थे। यह एक दिवसीय आयोजन पं. रविशंकर शुक्ल के सभागृह में किया गया।

डॉ. रमन सिंह ने कहा कि गौसेवा में ग्रामीणों की भागीदारी के कारण छत्तीसगढ़ में गोवंश की सघनता देश में सबसे ज्यादा है। राज्य में लगभग 90 लाख गौवंशीय पशु हैं। मुख्यमंत्री ने देश में खेती के मशीनीकरण की वजह से देश में गौवंश आधारित अर्थव्यवस्था के प्रति लोगों का रुझान कम होने पर चिंता व्यक्त की।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जैविक खेती और गोबर गैस के इस्तेमाल से गौ-आधारित अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिल सकता है। गोमूत्र और गोबर से बंजर जमीन भी उपजाऊ बन जाती है। पंचगव्य की विश्वसनीयता बढ़ाने के लिए इसे बेहतर ब्रांडिंग एवं वैज्ञानिक प्रमाणिकता के साथ बाजार में उतारना चाहिए।

उन्होंने कहा कि गौसेवा आयोग की ओर से गौशालाओं का निरीक्षण कर वहां पानी, छाया, चारा की व्यवस्था का अवलोकन किया जाएगा। कामधेनु विश्वविद्यालय की ओर से पंचगव्य के उपयोग के संबंध में शोध कराया जाएगा।

रमन सिंह ने कहा, पशुपालक गायों को सड़कों पर खुले नहीं छोड़ें, इसके लिए उन्हें समझाया जाना चाहिए। गौसेवा से घर के वातावरण में परिवर्तन आता है। मेरी दिनचर्या की शुरुआत अपने निवास में गायों और बछड़ों के साथ आधा घंटा बिताकर होती है। जब मैं सुबह पैदल भ्रमण करता हूं तो गायों के छोटे बछड़ों को खुला छोड़ देता हूं। बछड़ों को देखकर नई ऊर्जा और ताजगी मिलती है।

व्याख्यानमाला में प्रदेश की पंजीकृत गौशालाओं के सदस्यों एवं गौसेवा से जुड़े लोगों ने बड़ी संख्या में हिस्सा लिया।

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उत्तर प्रदेश

संभल में कैसे भड़की हिंसा, किस आधार पर हो रहा दावा, पढ़े पूरी रिपोर्ट

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संभल। संभल में एक मस्जिद के स्थान पर प्राचीन मंदिर होने और भविष्य में कल्कि अवतार के यहां होने के दावे ने हाल ही में काफी सुर्खियां बटोरी हैं. इस दावे के पीछे कई धार्मिक और ऐतिहासिक तथ्य बताए जा रहे है. उत्तर प्रदेश के संभल में कल्कि अवतार और उनके मंदिर को लेकर कई दावे पहले से ही किए जा रहे हैं. इसे लेकर धार्मिक मान्यताओं और शास्त्रों के आधार पर गहरी चर्चा हो भी रही है. हिंदू धर्म में कल्कि अवतार को भगवान विष्णु का दसवां और अंतिम अवतार माना गया है. ऐसा माना जाता है कि कलियुग के अंत में जब अधर्म और अन्याय अपने चरम पर होगा तब भगवान कल्कि अवतार लेकर पृथ्वी पर धर्म की स्थापना करेंगे.

कैसे भड़की हिंसा?

24 नवंबर को मस्जिद में हो रहे सर्वे का स्थानीय लोगों ने विरोध किया. पुलिस भीड़ को नियंत्रित करने के लिए मौके पर थी. सर्वे पूरा होने के बाद जब सर्वे टीम बाहर निकली तो तनाव बढ़ गया. भीड़ ने पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया, जिसके कारण स्थिति बिगड़ गई और हिंसा भड़क उठी.

दावा क्या है?

हिंदू पक्ष का दावा है कि संभल में स्थित एक मस्जिद के स्थान पर प्राचीन काल में एक मंदिर था. इस मंदिर को बाबर ने तोड़कर मस्जिद बनवाई थी. उनका यह भी दावा है कि भविष्य में कल्कि अवतार इसी स्थान पर होंगे.

किस आधार पर हो रहा है दावा?

दावेदारों का कहना है कि उनके पास प्राचीन नक्शे हैं जिनमें इस स्थान पर मंदिर होने का उल्लेख है. स्थानीय लोगों की मान्यता है कि इस स्थान पर प्राचीन काल से ही पूजा-अर्चना होती थी. कुछ धार्मिक ग्रंथों में इस स्थान के बारे में उल्लेख मिलता है. हिंदू धर्म के अनुसार कल्कि अवतार भविष्य में आएंगे और धर्म की स्थापना करेंगे. दावेदारों का मानना है कि यह स्थान कल्कि अवतार के लिए चुना गया है.

किस आधार पर हो रहा है विरोध?

अभी तक इस दावे के समर्थन में कोई ठोस पुरातात्विक साक्ष्य नहीं मिला है. जो भी ऐतिहासिक रिकॉर्ड्स उपल्बध हैं वो इस बात की पुष्टि करते हैं कि इस स्थान पर एक मस्जिद थी. धार्मिक ग्रंथों की व्याख्या कई तरह से की जा सकती है और इनका उपयोग किसी भी दावे को सिद्ध करने के लिए नहीं किया जाना चाहिए.

संभल का धार्मिक महत्व

शास्त्रों और पुराणों में यह उल्लेख है कि भगवान विष्णु का कल्कि अवतार उत्तर प्रदेश के संभल नामक स्थान पर होगा. इस आधार पर संभल को कल्कि अवतार का स्थान माना गया है. श्रीमद्भागवत पुराण और अन्य धर्मग्रंथों में कल्कि अवतार का वर्णन विस्तार से मिलता है जिसमें कहा गया है कि कल्कि अवतार संभल ग्राम में विष्णुयश नामक ब्राह्मण के घर जन्म लेंगे.

इसी मान्यता के कारण संभल को कल्कि अवतार से जोड़ा जाता है. संभल में बने कल्कि मंदिर को लेकर यह दावा किया जा रहा है कि यही वह स्थान है जहां भविष्य में भगवान कल्कि का प्रकट होना होगा. मंदिर के पुजारी और भक्तों का कहना है कि यह स्थान धार्मिक दृष्टि से अत्यंत पवित्र है और यहां कल्कि भगवान की उपासना करने से व्यक्ति अधर्म से मुक्ति पा सकता है.

धार्मिक विश्लेषण

धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, कल्कि अवतार का समय तब होगा जब अधर्म, पाप और अन्याय चरम पर पहुंच जाएंगे. वर्तमान में दुनिया में मौजूद सामाजिक और नैतिक स्थितियों को देखकर कुछ लोग यह मानते हैं कि कल्कि अवतार का समय निकट है. संभल में कल्कि मंदिर को लेकर जो भी दावे किए जा रहे हैं वो सभी पूरी तरह से आस्था पर आधारित हैं. धार्मिक ग्रंथों में वर्णित समय और वर्तमान समय के बीच अभी काफी अंतर हो सकता है. उत्तर प्रदेश के संभल में कल्कि अवतार और मंदिर का दावा धार्मिक मान्यताओं और शास्त्रों पर आधारित है. हालांकि, यह दावा प्रमाणिकता के बजाय विश्वास पर आधारित है. यह भक्तों की आस्था है जो इस स्थान को विशेष बनाती है.

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