Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

प्रादेशिक

छत्तीसगढ़ : आम इस बार नहीं रहेगा ‘आम’

Published

on

रायपुर,छत्तीसगढ़,ग्रीष्मकाल,आंधी-तूफान,आम्रपाली, दशहरी, मल्लिका, बैंगनफल्ली, सिंदूरी,छत्तीसगढ़ उद्यानिकी संचालनालय

Loading

रायपुर। छत्तीसगढ़ में मौसम की मार का असर ग्रीष्मकाल की प्रमुख फसल आम पर बड़े पैमाने पर पड़ा है। पिछले 15-20 दिनों से जारी आंधी और बारिश से आम की फसल चौपट हो गई है। वहीं इन दिनों राजधानी की मंडी में आम की आवक घटकर लगभग आधी हो गई है।

स्थानीय व्यापारियों का कहना है कि आवक की कमी और फसल के नुकसान से इस वर्ष आम की कीमतों में तेजी आ सकती है। लालपुर के थोक फल विक्रेताओं ने स्वीकार किया कि राजधानी में इस वर्ष पिछले वर्ष के मुकाबले आम की आवक काफी कम हुई है। छत्तीसगढ़ में इस बार किसान भी आम के फसल अच्छी होने से अच्छे उत्पादन की उम्मीद लगाए बैठे थे। लेकिन आंधी-तूफान ने उनकी उम्मीदों पर पानी फेर दिया। बताया जा रहा है कि प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में आए बारिश और तेज आंधी से पकने के पहले की आम गिर गए। इसके कारण बाजार में स्थानीय पके आम की आवक कम हो गई। उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश सहित अन्य प्रदेशों से हो रही आवक के चलते इनके दाम बढ़े हुए हैं।

कुल मिलाकर देखा जाए, तो इस वर्ष आम की कीमत अन्य वर्षो के मुकाबले कुछ ज्यादा ही रहने की संभावना है। आंधी से कच्चे आम भी काफी पैमाने पर गिर गए हैं। लिहाजा इनकी कीमत भी स्थानीय बाजारों में 15-20 रुपये प्रति किलो के आसपास है। वहीं पके आम बाजारों में फिलहाल 60 से 120 रुपये किलो बिक रहे हैं। छत्तीसगढ़ उद्यानिकी संचालनालय से मिली जानकारी के अनुसार मौसम की मार से इस वर्ष आम की फसल 20 से 30 प्रतिशत तक प्रभावित हुई है। इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के उद्यानिकी विभाग के जी.डी. साहू ने वीएनएस से चर्चा में बताया कि छत्तीसगढ़ में 25-30 तरह के आम होते हैं। इसमें लंगड़ा, आम्रपाली, दशहरी, मल्लिका, बैंगनफल्ली, सिंदूरी, कलमी जैसी किस्में शामिल हैं। साहू ने बताया कि प्रदेश में कुल 64,300 हेक्टेयर में आम की पैदावार होती है। इसमें रायपुर जिले में 2,255 हेक्टेयर में आम की फसल होती है।

उन्होंने बताया कि आंधी-बारिश से इस वर्ष आम की फसल बुरी तरह प्रभावित हुई है। पेड़ों से आम गिर गए हैं। साहू ने बताया कि छत्तीसगढ़ में आम का कुल उत्पादन 3 लाख 27 हजार 914 मीट्रिक टन होता है। यहां प्रति हेक्टेयर 3.27 मीट्रिक टन आम की फसल होती है। उनका कहना था कि आम के उत्पादन के लिए छत्तीगढ़ में बस्तर, बिलासपुर, अंबिकापुर, रायगढ़ आदि अग्रणी है। राजधानी के लालपुर स्थित फल बाजार के थोक व्यापारी विजय कुमार चौधरी ने वीएनएस से चर्चा में बताया कि इस वर्ष आम की आवक पिछले वर्ष के मुकाबले लगभग आधी रह गई है। पिछले वर्ष इसी सीजन में जहां रोजाना करीब 7-8 गाड़ी (लगभग 14 टन) आमों की आवक हुई, वहीं इस वर्ष मात्र 4 गाड़ी (लगभग 7 टन) आम ही रोज आ पा रहा है। चौधरी ने बताया कि मौसम की मार से आम की फसल काफी प्रभावित हुई है। फिलहाल आंध्रप्रदेश से बैंगनफल्ली, सुंदरी व लंगड़ा आमों की आवक है।

 

IANS News

वसुधैव कुटुंबकम’ भारत का शाश्वत संदेश : योगी आदित्यनाथ

Published

on

Loading

लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘वसुधैव कुटुंबकम’ के आदर्श वाक्य के महत्व पर जोर देते हुए इसे भारत की वैश्विक मानवता के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक बताया है। उन्होंने इसे भारत का शाश्वत संदेश बताते हुए कहा कि हमने हमेशा से शांति, सौहार्द और सह-अस्तित्व को प्राथमिकता दी है। सीएम योगी ने यह बात शुक्रवार को एलडीए कॉलोनी, कानपुर रोड स्थित सिटी मॉन्टेसरी स्कूल (सीएमएस) के वर्ल्ड यूनिटी कन्वेंशन सेंटर में विश्व के मुख्य न्यायाधीशों के 25वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करने के दौरान अपने संबोधन में कही। कार्यक्रम में 56 देशों के 178 मुख्य न्यायाधीश और डेलिगेट्स ने भाग लिया।

‘अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक’
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक बताया। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद सम्मानजनक अंतरराष्ट्रीय संबंधों को विकसित करने और संघर्षों को शांतिपूर्ण ढंग से हल करने के लिए नैतिक मार्ग का अनुसरण करने के लिए हम सभी को प्रेरित करता है। उन्होंने समारोह को प्रेरणादायक बताते हुए कहा कि 26 नवंबर 2024 को संविधान अंगीकरण के 75 वर्ष पूरे होंगे। यह संविधान के अंगीकृत होने के अमृत महोत्सव वर्ष की शुरुआत के दौरान आयोजित हो रहा है।

‘युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है’
योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संयुक्त राष्ट्र के ‘समिट ऑफ दि फ्यूचर’ में दिये गये संबोधन की चर्चा करते हुए कहा कि युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है। युद्ध ने दुनिया के ढाई अरब बच्चों के भविष्य को खतरे में डाला है। उन्होंने दुनिया के नेताओं से आग्रह किया कि वे एकजुट होकर आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वच्छ, सुरक्षित और भयमुक्त समाज का निर्माण करें। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सम्मेलन को वैश्विक संवाद और सहयोग का मंच बताते हुए विश्वास व्यक्त किया कि अनुच्छेद 51 की भावना के अनुरूप यह आयोजन विश्व कल्याण के मार्ग को प्रशस्त करेगा। उन्होंने दुनिया भर के न्यायाधीशों से इस दिशा में सक्रिय योगदान देने का भी आह्वान किया।

‘भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध’
मुख्यमंत्री ने संविधान के अनुच्छेद 51 की चर्चा करते हुए कहा कि यह वैश्विक शांति और सौहार्द की दिशा में भारत की सोच को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद संघर्षों के शांतिपूर्ण समाधान और सभी देशों के बीच सम्मानजनक संबंधों को बढ़ावा देने का संदेश देता है। मुख्यमंत्री ने भारत की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की सक्रिय भागीदारी से यह स्पष्ट होता है कि भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध है।

सीएमएस के संस्थापक को दी श्रद्धांजलि
सीएमएस के संस्थापक डॉ. जगदीश गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी दूरदृष्टि और प्रयासों से यह सम्मेलन एक महत्वपूर्ण मंच बना है। उन्होंने डॉ. भारती गांधी और गीता गांधी को इस कार्यक्रम को अनवरत जारी रखने के लिए धन्यवाद दिया।

इस अवसर पर हंगरी की पूर्व राष्ट्रपति, हैती रिपब्लिक के पूर्व प्रधानमंत्री सहित दुनिया के 56 देशों से आए हुए न्यायमूर्तिगण, सीएमएस की संस्थापक निदेशक डॉ भारती गांधी, प्रबंधक गीता गांधी किंगडन समेत स्कूली बच्चे और अभिभावकगण मौजूद रहे।

Continue Reading

Trending