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प्रादेशिक

छत्तीसगढ़ : उर्दू में लिखी मुगलकालीन रामलीला मिली

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रायपुर| छत्तीसगढ़ के कोरबा स्थित पुरातत्व संग्रहालय को उर्दू में लिखी गई रामलीला प्राप्त हुई है। लिखावट व छपाई की पद्धति को देखकर पुस्तक की रचना मुगलकाल में किए जाने का अनुमान लगाया जा रहा है। वाल्मीकि रामायण से प्रेरित यह पुस्तक संग्रहालय के मार्गदर्शक को एनटीपीसी के विधि अधिकारी ने प्रदान की है।

पुस्तक में प्रमुख रूप से उर्दू व इसके अलावा संस्कृत व हिंदी में लिखे छंद व दोहों का अनुवाद करते हुए उसके ऐतिहासिक महत्व को समझने का प्रयास किया जा रहा है।

पुरातत्व संग्रहालय कोरबा के मार्गदर्शक हरिसिंह क्षत्रिय का कहना है कि मुगलकाल में रचित एक रामलीला रतनपुर के वैष्णव परिवार से प्राप्त हुई है। सुरक्षा कारणों से अभी तक यह पुस्तक संग्रहालय को हस्तांतरित नहीं हुई है। केवल अनुवाद कर इसके ऐतिहासिक महत्व को खोजने के लिए संग्रहालय को प्रदान किया गया है।

उन्होंने कहा कि निश्चित तौर पर किताब का अनुवाद कराते हुए इसमें छिपे इतिहास को बाहर लाने व रासायनिक उपचार कर संरक्षण की जरूरत है। किसी मुगलकालीन कवि द्वारा संस्कृत व उर्दू में लिखी इस रामलीला से जाति-धर्म के लिए लड़ने वालों को प्रेरणा लेनी चाहिए।

मुख्य रूप से नाट्यकला में प्रयोग के लिए रचित इस किताब को एनटीपीसी के विधि अधिकारी (बीआईटी) अर्जुनदास महंत ने प्रदान की है। मूलत: रतनपुर निवासी महंत को यह किताब उनके पिता दिवंगत रामानुजदास वैष्णव से मिली व उन्हें उनके पिता से। पुस्तक में लिखे कथानक बड़े ही रोचक हैं और रामलीला के मंचन में कलाकारों की भूमिका व दर्शकों की रुचि को केंद्रित करते हुए इनकी रचना की गई है।

बताया जा रहा है कि किताब में नीली स्याही से कुछ स्थानों पर हरगोबिंद परदेसी का नाम लिखा गया है। अनुमान लगाया जा रहा है कि सबसे पहले यह किताब इन्हीं के पास रही हो। लगभग 500 पेज की इस किताब के पृष्ठ क्रमांक 38 से लेकर 494 तक पन्ने मौजूद हैं तथा प्रारब्ध व अंतिम पन्नों समेत कवर गायब हैं।

उर्दू की शैली का प्रारंभिक निरीक्षण करने पर इसके मुगलकाल में रचित होने का अनुमान लगाया जा रहा है। मूल रूप से किताबों के ज्यादातर पंक्तियों को उर्दू में लिखा गया है, जबकि कहीं-कहीं पर इसमें हिंदी व संस्कृत का प्रयोग भी किया गया है। इससे पूर्व भी मुगलकाल की अरबी में लिखी रामायण मिल चुकी है। यह रामायण भी संग्रहालय में सुरक्षित रखा गया है।

उस दौर में रामलीला का मंचन करने के वास्ते लिखी गई किताब के वाल्मीकि द्वारा रचित रामायण में वाल्मीकि प्रसंग से प्रेरित होने का अनुमान लगाया जा रहा है। पृष्ठ क्रमांक 272 में उर्दू लफ्ज में लिखी गाथाओं में वाल्मीकि प्रसंग से जुड़े कई दोहे का उर्दू रूपांतरण बड़े पैमाने पर शामिल किया गया है। इसके पृष्ठ क्रमांक 205 में राग दादरा का इस्तेमाल करते हुए रानी कैकेयी की सुंदरता व उनके महल के वैभव का सुंदर व रोचक चित्रण दर्शाया गया है।

इसके अलावा रचयिता द्वारा उनके मोहक स्वरूप को पृष्ठ क्रमांक 206 में कश्मीर से तुलना भी की गई है। इस भाग में रानी कैकेयी की सुंदरता को कश्मीर की तरह अद्वितीय बताया गया है। एक दोहे में गो वध को महापाप व उनके संरक्षण का उदाहरण प्रस्तुत है। वाल्मीकि रामायण का अनुसरण करते हुए ही इसमें संस्कृत के दोहे में विजयादशमी की तिथि के महत्व के जरिए ज्योतिष विद्या की महत्ता बताई गई है।

मार्गदर्शक बताते हैं कि किताब में कई स्थानों पर रामायण के पात्रों का चित्रांकन भी किया गया है। इनमें प्रभु श्रीराम के राज्याभिषेक के समय का श्रृंगार, राम-भरत मिलाप व राम-रावण महासंग्राम तथा लंका विजय के बाद विभीषण के राज्याभिषेक की स्थिति को भी चित्र में दर्शाया गया है।

इस किताब को समझने के लिए उर्दू के जानकार, साहित्यकार व एसईसीएल के सेवानिवृत्त कर्मी मोहम्मद युनूस से पढ़ाया गया। उन्होंने किताब में लिखी पंक्तियों की शैली व छपाई के साथ चित्रों की बारीकी को देखकर बताया कि ऐसी छपाई उस दौर में भारत के केवल दो शहरों में उपलब्ध थी। इनमें लाहौर व पुरानी दिल्ली शामिल हैं।

लिहाजा इसके इन्हीं दो में से एक शहर से छपाई कराए जाने का अनुमान भी लगाया जा रहा है। एक स्थान पर कवयित्री बागेश्वरी यक्का चौटाला ने छंद के जरिए ईश्वर की स्तुति गायन के प्रयोग से दर्शकों के लिए नाट्य मंचन को रोचक बनाने का प्रयास किया है।

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हेयर ड्रायर चालू करते ही ब्लास्ट, महिला का दोनों हाथ बुरी तरह घायल

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बागलकोट। कर्नाटक के बागलकोट जिले से एक हैरान करने वाली घटना सामने आई है, जहां एक हेयर ड्रायर के धमाके में एक महिला के हाथों की हथेलियां और उंगलियां बुरी तरह से घायल हो गईं। यह हादसा इल्कल शहर में हुआ, जहां मृतक सैनिक की पत्नी ने अपने पड़ोसी का कूरियर पार्सल लिया था। जब महिला ने हेयर ड्रायर को चालू किया, तो वह धमाके से फट गया और महिला की दोनों हाथों की गंभीर चोटें आईं। महिला को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां डॉक्टरों को मजबूरी में उसके हाथ काटने पड़े।

हेयर ड्रायर में धमका, महिला की उड़ी उंगलियां

बता दें कि इस घटना के बाद महिला को इलाज के लिए स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया है। घटना 15 नवंबर की है, जिसकी जानकारी बुधवार को सामने आई। पुलिस सूत्रों ने कहा कि घायल महिला की पहचान 37 वर्षीय बसवराजेश्वरी यरनाल के रूप में हुई है, जो पूर्व सैन्यकर्मी पापन्ना यरनाल की पत्नी थी। जिनकी 2017 में जम्मू और कश्मीर में मौत हो गई थी। जांच अधिकारियों के मुताबिक, विस्फोट बिजली के शॉर्ट सर्किट के कारण हुआ था। हेयर ड्रायर जैसे उपकरणों का उपयोग करने के लिए 2 वॉट के विद्युत कनेक्शन की आवश्यकता होती है। जिस स्विच में हेयर ड्रायर को डाला गया, तो उसकी क्षमता इतनी अधिक नहीं थी, जिसके कारण यह दुर्घटना हुई। विस्फोट की आवाज सुनकर कुछ पड़ोसी दौड़े और उन्होंने बसवराजेश्वरी की हथेलियां और उंगलियां कटी हुई पाईं। उन्हें तुरंत पास के एक निजी अस्पताल में ले जाया गया। हालांकि शशिकला ने दावा किया कि उन्होंने ऑनलाइन कोई उत्पाद नहीं मंगवाया था

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