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छत्तीसगढ़ : नसबंदी कांड में अब तक 13 मौतें, 3 आईसीयू में

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रायपुर/बिलासपुर/जगदलपुर। छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले के पेंडारी ग्राम में नसबंदी शिविर में शामिल हुईं 83 महिलाओं में से अबतक कम से कम 13 की मौत हो चुकी है और 32 की हालत गंभीर बनी हुई है। इस बीच जगदलपुर में आयोजित एक अन्य नसबंदी शिविर में शामिल हुईं तीन महिलाओं को आईसीयू में भर्ती कराया गया है।

छत्तीसगढ़ आयुर्विज्ञान संस्थान (सिम्स) के चिकित्सा अधीक्षक रमनेश मूर्ति ने हालांकि अब तक 11 महिलाओं की मौत की बात कही है वहीं सूत्रों का कहना है कि 13 की मौत हो चुकी है। विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष टी.एस. सिंहदेव ने भी 13 महिलाओं की मौत की पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि अस्पताल में भर्ती 32 महिलाओं की हालत गंभीर है। death by sterilisation surgery in chhattisgarh

एक अन्य घटना में बिलासपुर जिले में मनेंद्रगढ़ के पेंड्रा में आयोजित एक शिविर में नसबंदी कराने के बाद दो आदिवासी महिलाएं बीमार हो गईं, जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। दोनों की स्थिति नाजुक बनी हुई है। नसबंदी शिविर के दौरान कुल 28 ऑपरेशन किए गए थे। सूत्रों ने बताया कि दोनों महिलाएं मरवाही विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत संरक्षित बैगा जनजाति की हैं, जिनकी नसबंदी कर दी गई है। इसके अलावा, छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग के बकावंड ब्लॉक में पिछले तीन दिनों से चल रहे नसबंदी शिविर में हुए आपरेशन के बाद बुधवार को तीन महिलाओं की सेहत अचानक बिगड़ गई, जिन्हें आईसीयू में भर्ती करवाया गया है।

इन महिलाओं में इरिकपाल गांव की पालो बघेल पति रामप्रसाद, इसी गांव की धनमती पति सुतन और कुम्हारपारा जगदलपुर की शीलू सिंह पति हेमंत शामिल हैं। पीड़ित महिला के पति हेमंत सिंह ने बताया, “दोपहर में आपरेशन के बाद अचानक रक्तचाप घटने और पेट में तेज दर्द होने की शिकायत महिलाओं ने की। आनन-फानन में तीनों को आईसीयू में भर्ती करवाया गया। पूरी जानकारी गोपनीय रखी गई थी।”

इरिकपाल की पालो बाई के साथ आई उनकी परिजन हेमलता ने बताया, “तकलीफ होने के बाद उन्हें चिकित्सकों ने आईसीयू में भर्ती होने की सलाह दी। पहले कहा गया था कि आपरेशन के बाद छुट्टी दे दी जाएगी पर अब सेहत बिगड़ने के कारण उन्हें जगदलपुर में ही रुकना पड़ा है।” इस बीच अंबिकापुर में बुधवार को टीका लगाने के दौरान एक बच्चे की मौत हो जाने की खबर है।

उल्लेखनीय है कि बिलासपुर के पेंडारी में शनिवार को नसबंदी शिविर का आयोजन किया गया था। जिसमें अब तक कम से कम 13 महिलाओं की मौत हो चुकी है। बाकी 70 महिलाएं अस्पताल में भर्ती हैं, जिनमें से 32 की स्थिति नाजुक बनी हुई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह से फोन पर बात की है और दोषियों पर सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। रमन सिंह ने मंगलवार को स्वास्थ्य मंत्री अमर अग्रवाल के साथ घटनास्थल का दौरा किया था। सरकार ने चार चिकित्सकों को निलंबित कर दिया है।

रमन सिंह ने इस घटना के सिलसिले में स्वास्थ्य संचालक डॉ. कमलप्रीत सिंह को हटा दिया है। इसके अलावा परिवार कल्याण कार्यक्रम के राज्य समन्वयक डॉ. के.सी. उरांव, बिलासपुर के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. एस.सी. भांगे, तखतपुर के खंड चिकित्सा अधिकारी डॉ. प्रमोद तिवारी और सर्जन डॉ. आर.के. गुप्ता को निलंबित कर दिया गया है। ऑपरेशन करने वाले डॉ. गुप्ता सहित चार लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। कांग्रेस की प्रदेश इकाई ने इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री रमन सिंह और स्वास्थ्य मंत्री अमर अग्रवाल से इस्तीफे की मांग की है।

इस बीच, इस घटना की जांच के लिए एम्स से सात चिकित्सकों का दल बुधवार को बिलासपुर पहुंचा है।  एम्स के जांच दल में प्रो. अंजना शिखा, प्रो. नीना मल्होत्रा, डॉ. संजीव सिन्हा, डॉ. कपिल सोनी, संजय अग्रवाल सहित कुल सात सदस्य शामिल हैं, जो नसबंदी कांड की जांच कर इलाज की स्थिति के बारे में अपनी रपट सौंपेंगे। मुख्यमंत्री ने भरोसा दिलाया है कि जांच में दोषी पाए गए किसी भी अधिकारी अथवा कर्मचारी को बख्शा नहीं जाएगा। दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। लेकिन उन्होंने स्वास्थ्य मंत्री का बचाव करते हुए कहा कि वह चिकित्सक नहीं हैं। उन्होंने ऑपरेशन नहीं किए हैं। इसलिए उन्हें हटाने का सवाल ही नहीं पैदा होता।

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IPS अधिकारी संजय वर्मा बने महाराष्ट्र के नए डीजीपी, रश्मि शुक्ला के ट्रांसफर के बाद मिली जिम्मेदारी

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महाराष्ट्र। महाराष्ट्र के नए डीजीपी का कार्यभार IPS संजय वर्मा को सौंपा गया है। आईपीएस संजय वर्मा को केंद्रीय चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र के नए पुलिस महानिदेशक के रूप में नियुक्त किया है। कुछ ही दिनों में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव है। उससे पहले चुनाव आयोग ने राज्य कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले की शिकायत मिलने के बाद डीजीपी रश्मि शुक्ला के तबादले का आदेश दिया था।

कौन हैं IPS संजय वर्मा?

IPS संजय वर्मा 1990 बैच के पुलिस अधिकारी हैं। वह महाराष्ट्र में वर्तमान में कानून और तकनीकी के डीजी के रूप में कार्यरत रहे। वह अप्रैल 2028 में सेवानिवृत्त पुलिस सेवा से रिटायर होंगे। दरअसल, डीजीपी रश्मि शुक्ला को लेकर सियासी दलों के बीच पिछले कुछ समय से माहौल गर्म था। कांग्रेस के बाद उद्धव गुट की शिवसेना ने भी चुनाव आयोग को पत्र लिखकर उन्हें हटाने की मांग की थी।

कांग्रेस ने रश्मि शुक्ला की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए चुनाव आयोग से उन्हें महानिदेशक पद से हटाने की मांग की थी। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने उन पर आरोप लगाया था कि वह बीजेपी के आदेश पर सरकार के लिए काम कर रही हैं।

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