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प्रादेशिक

छत्तीसगढ़ : सागौन वृक्षों का होगा रासायनिक उपचार

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रायपु। बस्तर के काघाराऊ जंगल में सैकड़ों साल पुराने सागौन के चार वृक्षों का अस्तित्व बचाने के लिए वन विभाग रासायनिक उपचार कराने जा रहा है। इन चार वृक्षों को राम, लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न नाम दिया गया है। इसमें राम नाम के सागौन वृक्ष की ऊंचाई 48.5 मीटर तथा गोलाई 589 सेमी है। इसकी गिनती एशिया के पुरातन सागौन वृक्षों में होती है।

जिला मुख्यालय से 51 किलोमीटर दूर माचकोट वन परिक्षेत्र के तोलाबाड़ा वन कक्ष-56 में सागौन के चार विशालकाय वृक्ष हैं। गोलाई और ऊंचाई के आधार पर इनकी उम्र 300 से 500 साल के आसपास हो सकती है। इसलिए इन पेड़ों को छत्तीसगढ़ के पर्यटन नक्शे में भी शामिल किया गया है। पर्यटक यहां पहुंचे इसलिए मार्ग को भी ठीक-ठाक कर दिया गया है।

दंडकारण्य क्षेत्र को भगवान राम से जुड़ा माना जाता है तथा उनका ननिहाल भी छत्तीसगढ़ में माना जाता है। इसलिए वन विभाग के अधिकारियों ने इस जंगल में प्राचीन चार सागौन के वृक्षों को राम, लक्ष्मण, भरत तथा शत्रुघ्न नाम दिया है। उपचार के अभाव में भरत नामक प्राचीन वृक्ष सूख गया है।

वनमंडलाधिकारी एच. के. पांडे के अनुसार इस क्षेत्र में सागौन के वृक्षों की भरमार है। कुछ वृक्षों में दीमक लगने की भी खबर मिली है। वैसे प्राचीनतम सागौन के चार वृक्षों को आगे भी सुरक्षित रखने के लिए केमिकल ट्रीटमेंट कराने की प्रक्रिया शुरू हो गई। एशिया के पुरातन सागौन वृक्षों का रासायनिक उपचार भी कराया जाएगा।

आदिवासी अंचल तथा दंडकारण्य के पठार पर स्थित बस्तर अपने नैसर्गिक सौंदर्य और जनजातीय विविधता के लिए जाना जाता है। एक ओर जहां सभ्यता के प्रकाश की किरण इसे आलिंगनबद्ध कर सुंदर स्वरूप प्रदान कर रही है, वहीं सभ्यता को उसके आदिम युग में आज भी देखा जा सकता है। ऐसा लगता है कि मानो बस्तर एक जीवित जीवाश्म हो।

बस्तर अपने सघन वनों के लिए भी प्रसिद्ध है। बस्तर का 55.8 प्रतिशत भाग वनों से आच्छादित है। यहां की प्राकृतिक स्थिति तथा मानसूनी जलवायु सागौन तथा साल वृक्षों के लिए सर्वथा अनुकूल है।

उत्तर प्रदेश

ग्रेटर नोएडा में सोफा बनाने वाली फैक्ट्री में लगी आग, तीन लोगों की जलकर मौत

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नोएडा। ग्रेटर नोएडा में सोफा बनाने वाली फैक्ट्री में भीषण आग लग गई। इस अग्निकांड में तीन लोगों की जलकर मौत हो गई। आग बुझाने के बाद अंदर सर्च ऑपरेशन चलाया गया। इस दौरान तीन व्यक्ति अंदर गंभीर हालत में मिले। जिन्हें अस्पताल ले जाया गया। जहां डॉक्टर ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। बताया गया है कि तीनों इसी फैक्ट्री में काम करने वाले मजदूर थे और आग लगने के दौरान यहां मौजूद थे।

पुलिस ने जानकारी देते हुए बताया है कि 26 नवंबर को थाना बीटा 2 क्षेत्र के अंतर्गत साइट फॉर फैक्ट्री नंबर 4 जी में आग लग गई। यहां सोफा बनाने का काम होता है। आग लगने की सूचना पर तत्काल स्थानीय पुलिस व फायर स्टेशन की गाड़िया मौके पर पहुंची और फायर यूनिट द्वारा आग पर काबू पा लिया गया है।

जिसके बाद स्थानीय पुलिस व फायर ब्रिगेड द्वारा सर्च ऑपरेशन चलाया गया। जिन तीन व्यक्तियों की मृत्यु हुई है, उनके शव को पोस्टमार्टम के लिये भेजा गया है। पुलिस ने मृतकों की पहचान कर ली है और उनकी जानकारी साझा कर दी है। इनमें गुलफाम (23), थाना राया जिला मथुरा, मजहर आलम (29), थाना बारसोई जिला कटिहार बिहार और दिलशाद (24) निवासी अरहरिया बिहार की पहचान हुई है।

एडीसीपी अशोक कुमार ने बताया कि आग लगने की सूचना पर पुलिस बल और फायर ब्रिगेड के लोग मौके पर पहुंचे। उन्होंने आग पर काबू पाया और सर्च ऑपरेशन के दौरान अंदर तीन व्यक्ति मृत अवस्था में मिले। उन्होंने बताया कि यह तीनों इसी फैक्ट्री में काम करने वाले मजदूर हैं और आग लगने के दौरान यह अंदर ही मौजूद थे। उनके परिजनों को सूचना दे दी गई है। फायर ऑफिसर द्वारा फैक्ट्री में आग लगने के कारणों का पता लगाया जा रहा है।

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