Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

प्रादेशिक

जगदलपुर स्टेशन : 1 साल में बिके मात्र 27 प्लेटफॉर्म टिकट

Published

on

Loading

रायपुर| छत्तीसगढ़ के संभागीय मुख्यालय जगदलपुर से लंबी दूरी की तीन एक्सप्रेस ट्रेनें चलती हैं- समलेश्वरी, हीराखंड, जगदलपुर एक्सप्रेस और वन-टू वी पैसेंजर ट्रेन, लेकिन यहां के रेलवे स्टेशन पर प्लेटफॉर्म टिकटों की बिक्री नहीं के बराबर है। पिछले महीने 31 मार्च को समाप्त हुए वित्तवर्ष 2014-15 के ब्यौरे के मुताबिक, जगदलपुर स्टेशन पर सिर्फ 27 प्लेटफॉर्म टिकटों की ही बिक्री हुई है।

अधिकारी बताते हैं कि यहां हर माह औसतन दो प्लेटफार्म टिकटें ही बिकती हैं। ऐसा नहीं है कि लोग यात्रियों को छोड़ने स्टेशन नहीं आते। रोज दो सौ से तीन सौ यात्री जगदलपुर स्टेशन पर ट्रेनों में चढ़ते और उतरते हैं तथा यात्रियों को ट्रेन में विदा या रिसीव करने रोजाना 25-50 लोग स्टेशन पहुंचते हैं, पर इनमें से कोई भी प्लेटफॉर्म टिकट नहीं खरीदता। दरअसल, प्लेटफॉर्म टिकट खरीदने की किसी को जरूरत ही महसूस नहीं होती।

जगदलपुर के स्टेशन अधीक्षक जॉन कुजूर कहते हैं कि साल में 25-30 प्लेटफार्म टिकटें ही बिक पाती हैं। लोग स्टेशन में सुविधाओं में बढ़ोत्तरी की बात करते हैं, पर जब प्लेटफॉर्म टिकटों की खरीदी आदि मुद्दों पर रेलवे का सहयोग की बात आती है तो पीछे हट जाते हैं। लोगों को आदत बदलनी होगी और रेलवे के प्रति सहयोगात्मक रवैया भी दिखाना होगा।

बताया गया कि बाहर से आने वाला व्यक्ति, जिसे जगदलपुर स्टेशन के बारे में जानकारी नहीं होती है और वह किसी काम से ट्रेन छूटने के समय स्टेशन पहुंच जाता है तो सिर्फ वही लोग कभी-कभार प्लेटफॉर्म टिकट खरीद लेते हैं।

एक रेल अधिकारी खुद कहते हैं कि टिकटों की चेकिंग की व्यवस्था नहीं है। हो भी कैसे, जब प्लेटफॉर्म से स्टेशन के बाहर निकलने के लिए एक दर्जन से ज्यादा रास्ते हों। खुला स्थान होने के कारण बिना टिकट यात्री आसानी से बाहर निकल जाते हैं।

अधिकारियों के अनुसार, जगदलपुर में टीटीई या टीसी की पदस्थापना नहीं होने से टिकटों की चेकिंग नहीं हो पा रही है। पिछले कुछ सालों में स्टेशन मैनेजर के रूप में एम.आर. नायक और कमर्शियल मैनेजर के पद पर सी.एच. रंगाराव पदस्थ थे, तब ये दोनों अधिकारी माह में कम से कम एक बार गेट में टिकटों की चेकिंग करते थे, लेकिन इनके स्थानांतरण के बाद टिकटों की चेकिंग पूरी तरह से बंद है।

अभी तक प्लेटफार्म टिकट का मूल्य पांच रुपये था, पर एक अप्रैल से इसे दोगुना कर दस रुपये कर दिया गया है, पर टिकटों की बिक्री नहीं होने के कारण जगदलपुर स्टेशन को इससे कोई फायदा नहीं होने वाला।

जानकारी के मुताबिक, किरंदुल-कोत्तावालसा रेललाइन में बस्तर में किरंदुल से लेकर आमागुड़ा तक 18 स्टेशन आते हैं। इनमें से सिर्फ एक स्टेशन जगदलपुर में साल में कुछ टिकटें बिक जाती हैं। इस इकलौते स्टेशन को छोड़ दें तो किरंदुल से लेकर आमागुड़ा तक प्लेटफॉर्म टिकटों की बिक्री का खाता भी नहीं खुलता है।

अन्य राज्य

हेयर ड्रायर चालू करते ही ब्लास्ट, महिला का दोनों हाथ बुरी तरह घायल

Published

on

Loading

बागलकोट। कर्नाटक के बागलकोट जिले से एक हैरान करने वाली घटना सामने आई है, जहां एक हेयर ड्रायर के धमाके में एक महिला के हाथों की हथेलियां और उंगलियां बुरी तरह से घायल हो गईं। यह हादसा इल्कल शहर में हुआ, जहां मृतक सैनिक की पत्नी ने अपने पड़ोसी का कूरियर पार्सल लिया था। जब महिला ने हेयर ड्रायर को चालू किया, तो वह धमाके से फट गया और महिला की दोनों हाथों की गंभीर चोटें आईं। महिला को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां डॉक्टरों को मजबूरी में उसके हाथ काटने पड़े।

हेयर ड्रायर में धमका, महिला की उड़ी उंगलियां

बता दें कि इस घटना के बाद महिला को इलाज के लिए स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया है। घटना 15 नवंबर की है, जिसकी जानकारी बुधवार को सामने आई। पुलिस सूत्रों ने कहा कि घायल महिला की पहचान 37 वर्षीय बसवराजेश्वरी यरनाल के रूप में हुई है, जो पूर्व सैन्यकर्मी पापन्ना यरनाल की पत्नी थी। जिनकी 2017 में जम्मू और कश्मीर में मौत हो गई थी। जांच अधिकारियों के मुताबिक, विस्फोट बिजली के शॉर्ट सर्किट के कारण हुआ था। हेयर ड्रायर जैसे उपकरणों का उपयोग करने के लिए 2 वॉट के विद्युत कनेक्शन की आवश्यकता होती है। जिस स्विच में हेयर ड्रायर को डाला गया, तो उसकी क्षमता इतनी अधिक नहीं थी, जिसके कारण यह दुर्घटना हुई। विस्फोट की आवाज सुनकर कुछ पड़ोसी दौड़े और उन्होंने बसवराजेश्वरी की हथेलियां और उंगलियां कटी हुई पाईं। उन्हें तुरंत पास के एक निजी अस्पताल में ले जाया गया। हालांकि शशिकला ने दावा किया कि उन्होंने ऑनलाइन कोई उत्पाद नहीं मंगवाया था

Continue Reading

Trending