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आध्यात्म

जगद्गुरु कृपालु परिषत् ने किया नित्य धाम बरसाना में विधवाओं का सम्मान

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बरसाना (उप्र)। तुलसीदास जी ने रामचरितमानस में लिखा है, “संत हृदय नवनीत समाना” अर्थात् महापुरुष का हृदय मक्खन के समान होता है। मक्खन तो गरम ताप से पिघलता है, परन्तु संत का, महापुरुष का हृदय तो दूसरों के दुःख रूपी ताप से पिघलता है। संत, जीवों के दुःख से द्रवीभूत हो जाते हैं।

संसार के दावानल में दुःखी हो रहे जीवों का भगवदीय आनन्द प्रदान करने के लिये ही वे पृथ्वी पर अवतार लेते हैं और उनको भगवदीय ज्ञान प्रदान कर, सत्यता का बोध कराते हैं। इतना ही नहीं वे जीवों के भौतिक दुःखों को भी दूर करने का हर संभव प्रयास करते हैं। ऐसे ही एक महापुरुष का नाम आज विश्व के पटल पर ऐसे ही जगमगा रहा है, जैसे समस्त ग्रह-नक्षत्रों के बीच में सूर्य जगमगाता है, वे हैं भक्तियोग रसावतार जगद्गुरूत्तम श्री कृपालु जी महाराज। जिस प्रकार सूर्य अपने प्रकाश से अरबों-खरबों मील फैले अंधकार को समाप्त कर देता है, उसी प्रकार श्री महाराज जी ने अपने वेदों, उपनिषदों के सारगर्भित सिद्धान्त के प्रकटीकरण से देश ही नहीं वरन विदेश की जनता के हृदय से अज्ञानांधकार को दूर कर उसमें दिव्य भगवदीय ज्ञान का प्रकाश किया है।

ब्रज में निवास कर रहे साधु-संत, विधवाओं एवं निराश्रित महिलाओं की श्री महाराज जी ने सदैव ही आदर एवं वात्सल्य भाव से समय-समय पर हर संभव सेवा की है। श्री महाराज जी द्वारा प्रशस्त मार्ग का अनुसरण करते हुये उनकी तीनों सुपुत्रियाँ सुश्री डा.विशाखा त्रिपाठी जी, सुश्री डा.श्यामा त्रिपाठी जी एवं सुश्री डा.कृष्णा त्रिपाठी, श्री महाराज जी के जन-सेवा के कार्यों को आगे बढ़ा रही हैं। जगद्गुरु कृपालु परिषत् द्वारा वृन्दावन एवं बरसाना में समय-समय पर साधु-विधवा भोज आयोजित किये जाते हैं और अनेक प्रकार की दैनिक आवश्यकता की वस्तुयें दान की जाती हैं।SONY DSC

पूर्णतम् पुरुषोत्तम भगवान् श्रीकृष्ण की कृपा एवं सद्गुरु श्री महाराज जी की पावन प्रेरणा से जगद्गुरु कृपालु परिषत् के बरसाना स्थित केन्द्र रँगीली महल में दिनांक 16 नवम्बर 2014 को विशाल विधवा भोज आयोजित किया गया, जिसमें 2000 विधवायें सम्मिलित हुयीं। कार्यक्रम में पधारी विधवाओं का आदर भाव से स्वागत किया गया एवं उनके चरण-प्रक्षालन के उपरान्त उन्हें भोजन स्थल तक ले जाया गया। जो विधवायें चलने में असमर्थ थीं, उन्हें व्हील चेयर पर बिठाकर भोजन स्थल तक लाने एवं ले जाने की व्यवस्था की गई। विधवाओं को सम्मानपूर्वक भोजन करवाया गया एवं नगद धनराशि दक्षिणा स्वरूप प्रदान की गई। इसके अलावा विधवाओं को अनेक प्रकार के बर्तन एवं दैनिक उपयोग में आने वाली अनेकानेक वस्तुयें भी दानस्‍वरूप दी गयीं।

आध्यात्म

महापर्व छठ पूजा का आज तीसरा दिन, सीएम योगी ने दी बधाई

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लखनऊ ।लोक आस्था का महापर्व छठ पूजा का आज तीसरा दिन है. आज के दिन डूबते सूर्य को सायंकालीन अर्घ्य दिया जाएगा और इसकी तैयारियां जोरों पर हैं. आज नदी किनारे बने हुए छठ घाट पर शाम के समय व्रती महिलाएं पूरी निष्ठा भाव से भगवान भास्कर की उपासना करती हैं. व्रती पानी में खड़े होकर ठेकुआ, गन्ना समेत अन्य प्रसाद सामग्री से सूर्यदेव को अर्घ्य देती हैं और अपने परिवार, संतान की सुख समृद्धि की प्रार्थना करती हैं।

यूपी के मुख्यमंत्री ने भी दी बधाई।

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