Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

नेशनल

जन्मदिन विशेष: क्या आप जानते है राष्ट्रपति कोविंद की ये दस खूबियां

Published

on

Loading

आज भारत के राष्ट्रपति कोविंद का जन्मदिन है उनके जन्मदिन पर लोग लगातार उन्हें ट्विटर पर ढेरों बधाइयां दे रहे है। रामनाथ कोविंद ने 25 जुलाई को इस देश के 14वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली थी। वैसे तो उनके शांत व मिलनसार स्वभाव से हर कोई परिचित है लेकिन उनकी कुछ खूबियां ऐसी भी है जो लोगों के लिए हमेशा से प्रेरणादायक रही है।

तो आइये बताते है आपको राष्ट्रपति कोविंद से जुडी कुछ अहम बातें-

  • 1 अक्टूबर 1945 को यूपी के कानपुर देहात जिले के परौंख गांव में जन्मे कोविंद ने अपने करियर की शुरुआत सुप्रीम कोर्ट के वकील के तौर पर की थी।
  • इसके बाद वे 1977 में तत्कालीन पीएम रहे  मोरारजी देसाई के पर्सनल सेक्रेटरी बने। वे 2 बार सांसद का चुनाव भी लड़े, लेकिन हार गए। परिवार में पत्नी, एक बेटा और एक बेटी है।
  • कोविंद के गाँव परोंख से लेकर उनके खुद के मित्र तक उनके मिलनसार स्वभाव का गुणगान करते रहते है
  • रामनाथ को बचपन से ही टीप मारने और आंख मिचौली वाला खेल बहुत पसंद हुआ करता था। वे अक्सर स्कूल में इंटरवल के समय दोस्तों के साथ यही खेल खेलते थे। उनके एक दोस्त उनक जिक्र करते हुए कहते है कि कई बार कोविंद को जब बहुत तेज टीप पड़ती थी तो वे शांत हो जाया करते थे, लेकिन उसके कुछ देर बाद वे फिर से खेलने लगते थे।
  • लुकाछिपी के साथ-साथ कोविंद और उनके साथी गेंदताड़ी भी खेलते थे, लेकिन उनके एक दोस्त बताते है कि रुपए न होने के कारण अक्सर वे और उनके साथी कपड़े की गेंद से खेल लिया करते थे। कोविंद के दोस्त का कहना है कि, ”कपड़े की गेंद होने की वजह से हम सब बहुत जोर लगाकर एक दूसरे को गेंद मारते थे। एक बार तो रामनाथ ने मेरे मुंह पर गेंद मारी, जिससे चेहरा लाल हो गया। जब मैं घर आया तो इस बारे में पूछा गया। इसके बाद घरवालों ने कोविंद को डांटा कि ऐसा नहीं करते हैं।”
  • जब रामनाथ पहली बार राज्यसभा मेंबर बने थे तो उनका सम्मान करने के लिए गांववालों ने पखौरा गांव में एक प्रोग्राम किया था जिसमें कोविंद भी पहुंचे थे। ”कोविंद को उनके वजन के बराबर तौलने के लिए गांववालों ने 1-1 रुपए के 81 किलो सिक्के इकट्ठा किए थे।
  • साथ ही चांदी के 11 मुकुट और सोने का 1 मुकुट रखा गया था। लेकिन जब उन्हें पता चला तो उन्होंने खुद को तौलने से और मुकुट लेने से मना कर दिया।”
  • ‘ ‘साथ ही गांव के 4 मेंबर्स की एक समिति बना दी, ताकि चांदी और सोने के मुकुट को बेचकर जो पैसा इकट्ठा हो, उसे गांव की गरीब बेटियों की शादी में खर्च किया जा सके।”

नेशनल

महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे की हार पर बोलीं कंगना रनौत, उनका वही हश्र हुआ जो ‘दैत्य’ का हुआ था

Published

on

Loading

मुंबई। महाराष्ट्र में बीजेपी के नेतृत्व वाले महायुति गठबंधन को मिली प्रचंड जीत ने विपक्षी गठबंधन महा विकास अघाड़ी में शामिल पार्टियों को चारों खाने चित कर दिया है। महाराष्ट्र में पार्टी की प्रचंड जीत पर बीजेपी की सांसद कंगना रनौत काफी खुश हैं। वहीं, उद्धव ठाकरे की हार पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कंगना ने कहा कि महिलाओं का अपमान करने की वजह से उनका ये हश्र हुआ है। मुझे उनकी हार का अनुमान पहले से ही था।

कंगना रनौत ने कहा, “मुझे उद्धव ठाकरे की हार का अनुमान पहले ही था। जो लोग महिलाओं का अपमान करते हैं, वे राक्षस हैं और उनका भी वही हश्र हुआ जो ‘दैत्य’ का हुआ था। वे हार गए, उन्होंने महिलाओं का अपमान किया। मेरा घर तोड़ दिया और मेरे खिलाफ अपशब्दों का भी इस्तेमाल किया, इसलिए यह स्पष्ट है कि वे सही और गलत की समझ खो चुके हैं।

बता दें कि कंगना रनौत और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की महा विकास आघाडी (एमवीए) सरकार के बीच 2020 में तब कड़वाहट भरी झड़प हुई थी, जब तत्कालीन अविभाजित शिवसेना के नेतृत्व वाली बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) ने उनके बांद्रा स्थित बंगले में कथित अवैध निर्माण को ध्वस्त कर दिया था। अपने बंगले में तोड़फोड़ की कार्रवाई से पहले रनौत ने यह भी कहा था कि उन्हें “मूवी माफिया” से ज्यादा मुंबई पुलिस से डर लगता है और उन्होंने महाराष्ट्र की राजधानी की तुलना पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर से की थी।

Continue Reading

Trending