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मुख्य समाचार

जबरन धर्मातरण के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेंगे : माणिक

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अगरतला| त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक सरकार ने सोमवार को कहा कि उनकी सरकार किसी भी जबरन धर्मातरण को बर्दास्त नहीं करेगी।

सरकार ने धाली जिले में एक सार्वजनिक सभा में कहा, “सरकार राज्य में किसी भी तरह के जबरन धर्मातरण को बर्दास्त नहीं करेगी। हम जबरन धर्मातरण के खिलाफ सख्त कानूनी और प्रशासनिक कार्रवाई करेंगे।”

सरकार ने कहा, “त्रिपुरा में हिंदू, मुसलमान, ईसाई, बौद्ध और जैन दशकों से मिलजुल कर रह रहे हैं और यहां किसी भी तरह की कोई समस्या नहीं है। भविष्य में भी यह स्थिति बनी रहेगी।”

मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के पोलित ब्यूरो के सदस्य सरकार ने कहा कि यदि किसी ने राज्य में सांप्रदायिक सौहाद्र्र बिगाड़ने की कोशिश की तो सरकार उसके साथ हर तरह से निपटेगी।

उन्होंने कहा, “धर्म एक व्यक्तिगत मामला और अधिकार है। लेकिन आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा है कि भारत में निवास करने वाले प्रत्येक व्यक्ति को हिंदू बनकर रहना होगा।”

सरकार ने कहा कि यह खतरनाक है। उन्होंने कहा, “मैंने कुरान, गीता, बाइबिल और त्रिपिटक, सब पढ़ा है, कहीं भी किसी के खिलाफ कुछ भी नहीं कहा गया है। न तो जबरन धर्मातरण के बारे में कहा गया है। आरएसएस और भाजपा जबरन धर्मातरण की कोशिश कर रहे हैं।”

सरकार ने कहा, “उत्तर प्रदेश के गांवों में लोगों का धोखे से धर्मांतरण किया जा रहा है।”

सरकार ने कहा कि जब विपक्षी दलों ने संसद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से देश के विभिन्न हिस्सों में जबरन धर्मातरण पर बयान देने की मांग की तो मोदी चुप्पी साध गए और इस तरह से उन्होंने इस कृत्य का समर्थन किया है।

माकपा नेता ने जनता से कहा कि भाजपा नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के धार्मिक और आर्थिक हमले के खिलाफ विरोध दर्ज कराया जाए।

माकपा की राज्य इकाई के यहां 25 फरवरी से 28 फरवरी तक प्रस्तावित सम्मेलन से पहले सरकार पार्टी की मंडल कमेटियों के सम्मेलन में हिस्सा ले रहे हैं और जनसभाओं को संबोधित कर रहे हैं, खासतौर से जनजाति बहुल इलाकों में।

राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण त्रिपुरा जनजातीय क्षेत्र स्वायत्त जिला परिषद (टीटीएएडीसी) का चुनाव भी अगले वर्ष के मध्य होने वाला है।

टीटीएएडीसी चुनाव से पूर्व विभिन्न जनजातीय पार्टियां विभिन्न संवेदनशील मांगे खड़ी कर रही हैं, जिसमें स्वायत्त जिला परिषद के इलाकों को अलग कर एक नया राज्य बनाने की मांग भी शामिल है।

त्रिपुरा की भाजपा इकाई के अध्यक्ष सुधींद्र दासगुप्ता के अनुसार, लगभग 13 प्रतिशत जनजातियों को पिछले एक दशक के दौरान ईसाई बना दिया गया है, जो कि मूल रूप से हिंदू थे।

नेशनल

मानहानि केस में सांसद संजय राउत को मुंबई की शिवड़ी कोर्ट ने सुनाई सजा, 15 दिन की जेल और 25 हजार का जुर्माना

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मुंबई। मानहानि केस में सांसद संजय राउत को दोषी करार दिया गया है। कोर्ट ने उन्हें 15 दिन की जेल की सजा और 25 हजार का जुर्माना भी लगाया गया है। बीजेपी नेता किरीट सोमैया की पत्नी मेधा किरीट ने राउत के खिलाफ केस दर्ज कराया था। मेधा ने उन पर 100 करोड़ रुपये के मानहानि का मुकदमा दायर किया था। मेधा सोमैया की अर्जी पर मुंबई के शिवड़ी कोर्ट में सुनवाई हुई। कोर्ट ने शिवसेना सांसद को इस मामले में दोषी पाया।

क्या है पूरा मामला

मामला साल 2022 का है। संजय राउत ने मेधा सोमैया पर मुलुंड में शौचालय घोटाले में शामिल होने का आरोप लगाया था। इसके बाद किरीट सोमैया ने संजय राउत को इस आरोप का सबूत देने की चुनौती दी थी। मगर संजय राउत द्वारा कोई सबूत नहीं देने पर मेधा सोमैया ने संजय राउत के खिलाफ 100 करोड़ रुपये का मानहानि का मुकदमा दायर किया था। सोमैया ने आरोप लगाया कि राउत ने अगले दिन 16 अप्रैल को आरोपों को दोहराते हुए इलेक्ट्रॉनिक मीडिया को इंटरव्यू दिया। उन्होंने अपने दावों के समर्थन में अदालत को राउत के इंटरव्यू की वीडियो क्लिप सौंपी। सोमैया ने कहा कि आरोपों को प्रमुख समाचार चैनलों द्वारा व्यापक रूप से प्रसारित किया गया था। हमारी छवि को खराब करने की कोशिश की गई।

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