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जब सानिया मिर्जा बोलीं- बस अब बहुत हुआ, Enough is Enough

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मुंबई। समाज में फैले लिंग भेदभाव को एक अपवाद बताते हुए भारत की दिग्गज महिला टेनिस खिलाड़ी सानिया मिर्जा ने खेल की दुनिया भी इस बुराई से बची नहीं है और महिला युगल वर्ग रैंकिंग में पूर्व शीर्ष वरीयता प्राप्त खिलाड़ी होने के बावजूद उन्हें समान पुरस्कार राशि पाने के लिए संघर्ष करना पड़ता है। देश की अग्रणी महिला टेनिस स्टार सानिया ने शुक्रवार को एक बयान में यह बात कही।

महिला टेनिस खिलाड़ी सानिया ने कहा, “लिंग भेदभाव विश्व में हर जगह है। विश्व टेनिस संघ (डब्ल्यूटीए) में हमें आज भी समान पुरस्कार राशि के लिए लडऩा पड़ता है। जब मैं 2015 में विंबलडन जीतकर भारत लौटी थी, तो मुझसे मां बनने की योजना के बारे में पूछा गया था।”

सानिया ने कहा, “मुझे विश्व चैम्पियन होने के बावजूद भी मेरे जीवन को पूरा नहीं माना गया। यह मेरे लिए लिंग भेदभाव की सबसे चरण सीमा थी।” अपने अब तक के सफर और परिजनों से मिले समर्थन के बारे में सानिया ने कहा, “मेरे परिजनों ने मुझे कभी नहीं कहा कि मैं किसी चीज को करने में सक्षम नहीं, क्योंकि मैं एक लडक़ी हूं। मैं अपने सपनों को पूरा नहीं कर सकती।”

सानिया और उनके पिता इमान मिर्जा ने एक वीडियो जारी कर लिंग भेदभाव के बारे में जागरुकता फैलानी की कोशिश की है। यह वीडियो ‘पोपुलेशन फाउंडेशन ऑफ इंडिया (पीएफआई)’ और जाने माने निर्देशक फरहान अख्तर की पहल एमएआरडी (मेन अगेंस्ट रेप एंड डिस्क्रिमिनेशन) की ओर से संयुक्त रूप से किया गया प्रयास है। इस अभियान के तहत महिलाओं और लड़कियों के खिलाफ होने वाली हिंसा को खत्म करने की कोशिश की जा रही है।

इस अभियान का नाम ‘बस अब बहुत हो गया- इनफ इस इनफ’ है। सानिया के पिता ने फिरोज अब्बास खान द्वारा निर्देशित इस वीडियो में दिए गए संदेश में कहा, “मुझे और मेरी पत्नी को हमारी 30 साल की शादी में कभी भी बेटे की कमी नहीं महसूस हुई। हमारे दिमाग में यह सोच कभी नहीं आई कि हमारी बेटियां किसी से कम हैं या हमें एक बेटे की जरूरत है।”

फरहान ने कहा कि समाज में समानता की अवधारणा को समझने की कमी ही लिंग भेदभाव को बढ़ावा देती है। उन्होंने कहा, “अब समय आ गया है कि हम बदलाव के लिए बड़ा कदम उठाएं, ताकि हमारी बेटियां कल बेहतर समाज में रह सकें।” इस अभियान से कई सितारे जुड़े हैं और उन्होंने अपने संदेशों के जरिए लड़कियों को इस लिंग भेदभाव के खिलाफ खड़े होने की प्रेरणा दी है। इस अभियान का समापन मुंबई में एक कांसर्ट के साथ होगा।

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पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला, 38 लोगों की मौत

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पख्तूनख्वा। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला हुआ है। इस हमले में 38 लोगों की मौत हो गई है। यह हमला खैबर पख्तूनख्वा के डाउन कुर्रम इलाके में एक पैसेंजर वैन पर हुआ है। हमले में एक पुलिस अधिकारी और महिलाओं समेत दर्जनों लोग घायल भी हुए हैं। जानकारी के मुताबिक उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान के अशांत प्रांत खैबर पख्तूनख्वा में आतंकियों ने शिया मुस्लिम नागरिकों को ले जा रहे यात्री वाहनों पर गोलीबारी की है। यह क्षेत्र में हाल के वर्षों में इस तरह का सबसे घातक हमला है। मृतकों की संख्या में इजाफा हो सकता है।

AFP की रिपोर्ट के मुताबिक इस हमले में 38 लोगों की मौत हुई है. पैसेंजर वैन जैसे ही लोअर कुर्रम के ओचुट काली और मंदुरी के पास से गुजरी, वहां पहले से घात लगाकर बैठे आतंकियों ने वैन पर अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू कर दीं. पैसेंजर वैन पाराचिनार से पेशावर जा रही थी। पाकिस्तान की समाचार एजेंसी डॉन के मुताबिक तहसील मुख्यालय अस्पताल अलीजई के अधिकारी डॉ. ग़यूर हुसैन ने हमले की पुष्टि की है.

शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच तनाव 

अफगानिस्तान की सीमा से लगे कबायली इलाके में भूमि विवाद को लेकर शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच दशकों से तनाव बना हुआ है। किसी भी समूह ने घटना की जिम्मेदारी नहीं ली है। जानकारी के मुताबिक “यात्री वाहनों के दो काफिले थे, एक पेशावर से पाराचिनार और दूसरा पाराचिनार से पेशावर यात्रियों को ले जा रहा था, तभी हथियारबंद लोगों ने उन पर गोलीबारी की।” चौधरी ने बताया कि उनके रिश्तेदार काफिले में पेशावर से यात्रा कर रहे थे।

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