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प्रादेशिक

जम्मू एवं कश्मीर के मौसम में शनिवार से सुधार के आसार

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श्रीनगर| जम्मू एवं कश्मीर के मौसम में शनिवार से सुधार आने की संभावना है। मौसम विभाग ने कहा है कि राज्य में बारिश का सिलसिला शुक्रवार को थम जाएगा। यहां शुक्रवार को मौसम विभाग के एक अधिकारी ने आईएएनएस को बताया, “जम्मू एवं कश्मीर के मौसम में कल (शनिवार) से सुधार आना शुरू होगा। गुरुवार को मैदानी इलाकों में हल्की से लेकर भारी बारिश और पहाड़ी इलाकों में हिमपात की संभावना जताई गई थी। बारिश व हिमपात का यह क्रम शुक्रवार शाम तक थम जाएगा।”

श्रीनगर में शुक्रवार को न्यूनतम तापमान 5.8 डिग्री दर्ज किया गया। वहीं, पहलगाम में 5.6 डिग्री, गुलमर्ग में शून्य से 2.2 डिग्री नीचे, लद्दाख क्षेत्र के लेह कस्बे में शून्य से 3.8 डिग्री नीचे और करगिल कस्बे में शून्य से चार डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया।

अधिकारी ने कहा कि श्रीनगर में अब तक सबसे कम न्यूनतम तापमान सात नवंबर को 1.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था।

जम्मू क्षेत्र के अलग-अलग शहरों और कस्बों में शुक्रवार को न्यूनतम तापमान 17.1 डिग्री, बनिहाल में 8.4 डिग्री, बटोत में 8.5 डिग्री, कटरा में 15.5 डिग्री और भद्रवाह में 8.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।

400 किलोमीटर से ज्यादा लंबे श्रीनगर-लेह राजमार्ग का जोजिला दर्रा मार्ग गुरुवार को हुई भारी बर्फबारी और फिसलन की वजह से मजबूरन दोबारा बंद करना पड़ गया।

कश्मीर घाटी को जम्मू क्षेत्र के राजौरी जिले से जोड़ने वाले मुगल रोड के पीर की गली इलाके में हुई ताजा बर्फबारी की वजह से इस संपर्क मार्ग पर भी यातायात बाधित है।

कश्मीर घाटी में जरूरी सामान की आपूर्ति करने वाला श्रीनगर-जम्मू राजमार्ग हालांकि शुक्रवार को यातायात के लिए खुला हुआ है।

 

IANS News

वसुधैव कुटुंबकम’ भारत का शाश्वत संदेश : योगी आदित्यनाथ

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लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘वसुधैव कुटुंबकम’ के आदर्श वाक्य के महत्व पर जोर देते हुए इसे भारत की वैश्विक मानवता के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक बताया है। उन्होंने इसे भारत का शाश्वत संदेश बताते हुए कहा कि हमने हमेशा से शांति, सौहार्द और सह-अस्तित्व को प्राथमिकता दी है। सीएम योगी ने यह बात शुक्रवार को एलडीए कॉलोनी, कानपुर रोड स्थित सिटी मॉन्टेसरी स्कूल (सीएमएस) के वर्ल्ड यूनिटी कन्वेंशन सेंटर में विश्व के मुख्य न्यायाधीशों के 25वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करने के दौरान अपने संबोधन में कही। कार्यक्रम में 56 देशों के 178 मुख्य न्यायाधीश और डेलिगेट्स ने भाग लिया।

‘अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक’
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक बताया। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद सम्मानजनक अंतरराष्ट्रीय संबंधों को विकसित करने और संघर्षों को शांतिपूर्ण ढंग से हल करने के लिए नैतिक मार्ग का अनुसरण करने के लिए हम सभी को प्रेरित करता है। उन्होंने समारोह को प्रेरणादायक बताते हुए कहा कि 26 नवंबर 2024 को संविधान अंगीकरण के 75 वर्ष पूरे होंगे। यह संविधान के अंगीकृत होने के अमृत महोत्सव वर्ष की शुरुआत के दौरान आयोजित हो रहा है।

‘युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है’
योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संयुक्त राष्ट्र के ‘समिट ऑफ दि फ्यूचर’ में दिये गये संबोधन की चर्चा करते हुए कहा कि युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है। युद्ध ने दुनिया के ढाई अरब बच्चों के भविष्य को खतरे में डाला है। उन्होंने दुनिया के नेताओं से आग्रह किया कि वे एकजुट होकर आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वच्छ, सुरक्षित और भयमुक्त समाज का निर्माण करें। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सम्मेलन को वैश्विक संवाद और सहयोग का मंच बताते हुए विश्वास व्यक्त किया कि अनुच्छेद 51 की भावना के अनुरूप यह आयोजन विश्व कल्याण के मार्ग को प्रशस्त करेगा। उन्होंने दुनिया भर के न्यायाधीशों से इस दिशा में सक्रिय योगदान देने का भी आह्वान किया।

‘भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध’
मुख्यमंत्री ने संविधान के अनुच्छेद 51 की चर्चा करते हुए कहा कि यह वैश्विक शांति और सौहार्द की दिशा में भारत की सोच को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद संघर्षों के शांतिपूर्ण समाधान और सभी देशों के बीच सम्मानजनक संबंधों को बढ़ावा देने का संदेश देता है। मुख्यमंत्री ने भारत की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की सक्रिय भागीदारी से यह स्पष्ट होता है कि भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध है।

सीएमएस के संस्थापक को दी श्रद्धांजलि
सीएमएस के संस्थापक डॉ. जगदीश गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी दूरदृष्टि और प्रयासों से यह सम्मेलन एक महत्वपूर्ण मंच बना है। उन्होंने डॉ. भारती गांधी और गीता गांधी को इस कार्यक्रम को अनवरत जारी रखने के लिए धन्यवाद दिया।

इस अवसर पर हंगरी की पूर्व राष्ट्रपति, हैती रिपब्लिक के पूर्व प्रधानमंत्री सहित दुनिया के 56 देशों से आए हुए न्यायमूर्तिगण, सीएमएस की संस्थापक निदेशक डॉ भारती गांधी, प्रबंधक गीता गांधी किंगडन समेत स्कूली बच्चे और अभिभावकगण मौजूद रहे।

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