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जम्मू-कश्मीर : सरकार गठन में धारा-370 और आफ्स्पा पर फंसा पेंच
जम्मू/श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर में सरकार गठन के लिए पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी और भारतीय जनता पार्टी के बीच अनौपचारिक बातचीत में प्रगति तो हो रही है, लेकिन दोनों पक्ष अब भी अनुच्छेद 370 और सशस्त्र बल विशेष शक्तियां अधिनियम (आफ्स्पा) जैसे विवादास्पद मुद्दों पर असमंजस में हैं। जम्मू और श्रीनगर में भाजपा तथा पीडीपी दोनों पार्टियों के सूत्रों ने बताया कि दोनों पक्षों में पूरे छह साल की अवधि के लिए पीडीपी के संरक्षक मुफ्ती मोहम्मद सईद को मुख्यमंत्री बनाने पर सहमति बन गई है। राज्य का उपमुख्यमंत्री भाजपा का होगा और उसे पर्याप्त मंत्रालय भी दिए जाएंगे ताकि राज्य के सभी तीनों क्षेत्रों में समान रूप से विकास सुनिश्चित हो सके।
भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने जम्मू में कहा कि हम देश के एकमात्र मुस्लिम बहुल राज्य में पीडीपी के साथ एक विकास केंद्रित सत्ताधारी गठबंधन बनाने की बात महसूस करते हैं और इससे राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भाजपा की छवि अच्छी होगी। भाजपा नेता ने पहचान जाहिर न करने के आग्रह के साथ कहा कि हालांकि पार्टी अपने मूलभूत सिद्धांतों के साथ कोई समझौता नहीं करेगी।
दोनों पार्टियों के रुख में गतिरोध
अनुच्छेद 370, आफ्स्पा और जम्मू-कश्मीर में पश्चिम पाकिस्तान के शरणार्थियों के विवादास्पद मुद्दों पर भाजपा का रुख पीडीपी से बिल्कुल अलग है। पीडीपी अनुच्छेद 370 बरकरार रखने के पक्ष में ठोस आश्वासन चाहती है, जबकि भाजपा जम्मू एवं कश्मीर को विशेष दर्जा दिए जाने या नहीं दिए जाने के मुद्दे पर राष्ट्रीय बहस के पक्ष में है। पीडीपी का मानना है कि पश्चिम पाकिस्तान के शरणार्थी जम्मू एवं कश्मीर के स्थाई निवासी नहीं है। इसलिए पीडीपी का कहना है कि इन शरणार्थियों को अन्य नागरिकों की भांति समान अधिकार दिए जाने का कोई संवैधानिक या कानूनी औचित्य नहीं है। ये शरणार्थी भारत-पाकिस्तान के 1947, 1965 और 1971 के युद्ध के बाद भारत आए थे। इसलिए इन्हें यहां संपत्ति खरीदने या विधानसभा चुनावों में मतदान करने का अधिकार नहीं है। हालांकि ये लोकसभा चुनाव में मतदान कर सकते हैं।
भाजपा का मानना है कि आफ्स्पा को सुरक्षा बलों की सिफारिश के बाद ही हटाया जा सकता है, जबकि पीडीपी चाहती है कि आफ्स्पा को क्रमिक रूप से हटाने का निर्णय राज्य सरकार द्वारा लिया जाए, न कि सुरक्षा बलों द्वारा। पीडीपी के मुख्य प्रवक्ता नईम अख्तर ने इन विवादास्पद मुद्दों पर जम्मू में कहा, “मुफ्ती मोहम्मद सईद राजनीति में लंबे अर्से से हैं और इन बुनियादी मुद्दों पर झुकने वाले नहीं हैं।” अख्तर ने कहा, “वह अनुच्छेद 370 और एएफएसपीए जैसे मुद्दों पर स्पष्टता चाहते हैं और यह स्पष्टता हमारे द्वारा लोगों से किए गए उन वायदों के अनुरूप होनी चाहिए, जिसे हमने वोट मांगने के दौरान लोगों से किए थे।” उन्होंने कहा, “राज्य के सभी तीनों क्षेत्रों के विकास के लिए और राजनीतिक, विकास संबंधी व प्रशासनिक मोर्चो पर नई सरकार ठीक से काम कर सके, इसके लिए बुनियादी मुद्दों पर स्पष्टता बहुत आवश्यक है।”
अख्तर ने कहा, “मुफ्ती साहब सिर्फ इस बात पर ही मुख्यमंत्री नहीं बन सकते कि आपने उन्हें पूरे छह साल के लिए मुख्यमंत्री पद का आश्वासन दे दिया है। मुख्यमंत्री के पास काम करने अधिकार होना चाहिए, वह अपनी जनता को मुंह दिखा सके, और इसके लिए इन मुद्दों पर स्पष्टता आवश्यक है।” अख्तर ने उन खबरों को खारिज कर दिया, जिनमें अगले दो-तीन दिनों के भीतर गठबंधन हो जाने की बात कही गई है। उन्होंने कहा, “हमें एक पारदर्शी और रचनात्मक संवाद के जरिए एक न्यूनतम साझा कार्यक्रम (सीएमपी) पर सहमत होना होगा।” अख्तर ने कहा कि दिलचस्प बात यह है कि सरकार के गठन का दावा पेश करने को लेकर पीडीपी और भाजपा से ज्यादा नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) चिंतित नजर आ रही है। हालांकि शीर्ष पीडीपी और भाजपा नेताओं का मानना है कि सरकार गठन में बाधाएं अधिक हैं, लेकिन वे इसे पार कर सकते हैं।
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राहुल गांधी रायबरेली पहुंचे, पीपलेश्वर मंदिर में दर्शन-पूजन कर लिया हनुमान जी का आशीर्वाद
लखनऊ। कांग्रेस के सांसद और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी एक दिवसीय रायबरेली के दौरे पर हैं। राहुल गांधी ने रायबरेली लखनऊ बॉर्डर स्थित पीपलेश्वर मंदिर में दर्शन-पूजन कर हनुमान जी का आशीर्वाद लिया। नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी इसके बाद डिग्री कॉलेज चौराहा शहीद चौक पर पहुंचे। यहां माल्यार्पण कर डिग्री कॉलेज चौराहे का लोकार्पण किया।
लखनऊ एयरपोर्ट पर उतरने के बाद उन्होंने सड़क मार्ग से रायबरेली तक का रास्ता तय किया। इस बीच वह चुरुवा हनुमान मंदिर में पूजा करने के लिए भी रुके। रायबरेली पहुंचने के बाद राहुल गांधी दिशा की बैठक में शामिल हुए। लोकसभा चुनाव के बाद राहुल का अपने संसदीय क्षेत्र रायबरेली में तीसरा और यूपी का 5वां दौरा है।
कांग्रेस प्रवक्ता अंशू अवस्थी का कहना है कि राहुल गांधी के दौरे से उत्तर प्रदेश कांग्रेस में नई ऊर्जा आएगी। चुनाव में पार्टी के कार्यकर्ताओं का हौसला बढ़ेगा। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी लखनऊ पहुंच गए हैं। वह एयरपोर्ट से सड़क मार्ग से रायबरेली के लिए रवाना हो गए हैं।
इसके पहले राहुल गांधी को रिसीव करने आए कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने कहा कि राहुल गांधी एक जागरूक और जिम्मेदार नेता हैं। वह रायबरेली संसदीय क्षेत्र में विकास कार्यों की स्थिति जानने के लिए दिशा की बैठक में हिस्सा लेंगे। बैठक के बाद 2:30 बजे राहुल गांधी फुरसतगंज एयर पोर्ट के लिए रवाना होंगे।
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