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नेशनल

जम्‍मू–कश्‍मीर के कॉम्‍़प्लेक्स में आतंकवादी हमला, सुरक्षा बलों ने की घेराबंदी

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जम्‍मू–कश्‍मीर, कॉम्‍़प्लेक्स, आतंकवादी, हमला, घेराबंदी

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नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर में फिर आतंकवादी हमले की खबर है। इस बार हमला बिजबेहाड़ा में स्थित एसआईसीओपी कॉम्‍़प्लेक्स में हुआ है। इस कॉम्‍़प्लेक्स में सीआरपीएफ और सेना के जवान तैनात किए गए थे।

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हमले के बाद जवानों ने भी मोर्चा संभाल लिया। फिलहाल दोनों ओर से फायरिंग जारी है। फिलहाल सुरक्षा बलों ने पूरे कॉम्प्लेक्स को चारों से घेर लिया है और ऑपरेशन शुरू कर दिया है।

पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि आज सुबह सीआरपीएफ के शिविर के पास गोली चलने की आवाज सुनाई दी। इसके बाद इलाके में दहशत फैल गई। उन्होंने कहा कि यह शिविर पर हमला नहीं था, लेकिन गोली कहीं और से चलाई गई थी। किसी के हताहत होने की खबर नहीं है।

सेना प्रमुख बिपिन रावत ने कहा, हम अपनी जिम्मेदारी निभा रहे हैं। परवाह नहीं कि कौन क्या टिप्पणी करता है। हमें पता है अपना काम कैसे करना है। कश्मीर में शांति चाहते हैं। सुनिश्चित किया जाए कि मानवाधिकार का उल्लंघन न हो। कश्मीर में पत्थरबाजों से निपट लेंगे। आतंकवादी महिलाओं को बच्चों का ढाल बना रहे हैं। दक्षिण कश्मीर के कुछ हिस्सों में गड़बड़ी है।

इससे पहले शुक्रवार को अनंतनाग जिले के बाहरी इलाके में आतंकवादियों ने एक पुलिस दल पर घात लगाकर हमला किया था। इसमें अचबल क्षेत्र के एक थाना प्रभारी सहित छह पुलिसकर्मी शहीद हो गए।

आतंकवादियों ने पहले तो पुलिसकर्मियों को काबू किया फिर उनके चेहरे पर करीब से गोली चलाई और उनके हथियार लेकर भाग गए। पुलिसकर्मियों ने उनका बहादुरी से मुकाबला किया लेकिन वे आतंकवादियों के जाल को नहीं तोड़ पाए।

मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक यह घटना शुक्रवार शाम उस वक्त हुई जब 2010 बैच के एक उप निरीक्षक फिरोज अहमद डार अनंतनाग में अपनी ड्यूटी पूरी कर अचबल में पुलिस थाना जा रहे थे। वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने बताया कि अहमद सहित सभी छह पुलिसकर्मी मौके पर ही शहीद हो गए, इलाके में तलाश अभियान के लिए सेना बुलाई गई है।

 लश्कर कमांडर जुनैद व निसार अहमद के शव मिले

जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग से सुरक्षाबलों ने शनिवार सुबह दोनों आतंकियों के शव बरामद कर लिए हैं। दोनों आतंकियों को सुरक्षाबलों ने शुक्रवार को साउथ कश्मीर के बिजबहेड़ा इलाके में मुठभेड़ के दौरान मार गिराया था। मरने वाले आतंकवादियों के नाम लश्कर कमांडर जुनैद मट्टू और निसार अहमद था। पुलिस ने आतंकियों से दो एके-47 और छह मैग्‍जीन बरामद की हैं।

लश्कर-ए-तैयबा ने ली हमले की जिम्मेदारी

पुलिस ने बताया कि पाकिस्तान आधारित आतंकवादी संगठन लश्कर ए तैयबा ने हमले की जिम्मेदारी ली है। ऐसा लगता है कि वह अरवानी मुठभेड़ का बदला लेना चाहते था जिसमें उसका स्थानीय कमांडर जुनैद मट्टू मारा गया है। अरवानी मुठभेड़ स्थल पर घात लगाकर हुए हमले के स्थान से करीब 20 किमी दूर है। आतंकवादियों ने अनंतनाग के अच्छाबल में पुलिस पार्टी पर हमला किया। पुलिसकर्मियों पर हमले की जिम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा ने ली है।

इससे पहले 28 मई को पुलिस दल पर एक बड़ा हमला हुआ था। इसमें पांच पुलिसकर्मी और बैंक के दो गार्ड शहीद हो गए थे। इस घटना पर जम्मू– कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला सहित कई नेताओं ने प्रतिक्रियायें दी। उमर ने मौजूदा संकट के लिए सत्तारूढ़ पीडीपी-भाजपा सरकार को दोषी ठहराया। माकपा नेता एमवाई तारिगामी और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीए मीर ने भी इस घटना को लेकर राज्य सरकार पर निशाना साधा।

उत्तर प्रदेश

संभल में कैसे भड़की हिंसा, किस आधार पर हो रहा दावा, पढ़े पूरी रिपोर्ट

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संभल। संभल में एक मस्जिद के स्थान पर प्राचीन मंदिर होने और भविष्य में कल्कि अवतार के यहां होने के दावे ने हाल ही में काफी सुर्खियां बटोरी हैं. इस दावे के पीछे कई धार्मिक और ऐतिहासिक तथ्य बताए जा रहे है. उत्तर प्रदेश के संभल में कल्कि अवतार और उनके मंदिर को लेकर कई दावे पहले से ही किए जा रहे हैं. इसे लेकर धार्मिक मान्यताओं और शास्त्रों के आधार पर गहरी चर्चा हो भी रही है. हिंदू धर्म में कल्कि अवतार को भगवान विष्णु का दसवां और अंतिम अवतार माना गया है. ऐसा माना जाता है कि कलियुग के अंत में जब अधर्म और अन्याय अपने चरम पर होगा तब भगवान कल्कि अवतार लेकर पृथ्वी पर धर्म की स्थापना करेंगे.

कैसे भड़की हिंसा?

24 नवंबर को मस्जिद में हो रहे सर्वे का स्थानीय लोगों ने विरोध किया. पुलिस भीड़ को नियंत्रित करने के लिए मौके पर थी. सर्वे पूरा होने के बाद जब सर्वे टीम बाहर निकली तो तनाव बढ़ गया. भीड़ ने पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया, जिसके कारण स्थिति बिगड़ गई और हिंसा भड़क उठी.

दावा क्या है?

हिंदू पक्ष का दावा है कि संभल में स्थित एक मस्जिद के स्थान पर प्राचीन काल में एक मंदिर था. इस मंदिर को बाबर ने तोड़कर मस्जिद बनवाई थी. उनका यह भी दावा है कि भविष्य में कल्कि अवतार इसी स्थान पर होंगे.

किस आधार पर हो रहा है दावा?

दावेदारों का कहना है कि उनके पास प्राचीन नक्शे हैं जिनमें इस स्थान पर मंदिर होने का उल्लेख है. स्थानीय लोगों की मान्यता है कि इस स्थान पर प्राचीन काल से ही पूजा-अर्चना होती थी. कुछ धार्मिक ग्रंथों में इस स्थान के बारे में उल्लेख मिलता है. हिंदू धर्म के अनुसार कल्कि अवतार भविष्य में आएंगे और धर्म की स्थापना करेंगे. दावेदारों का मानना है कि यह स्थान कल्कि अवतार के लिए चुना गया है.

किस आधार पर हो रहा है विरोध?

अभी तक इस दावे के समर्थन में कोई ठोस पुरातात्विक साक्ष्य नहीं मिला है. जो भी ऐतिहासिक रिकॉर्ड्स उपल्बध हैं वो इस बात की पुष्टि करते हैं कि इस स्थान पर एक मस्जिद थी. धार्मिक ग्रंथों की व्याख्या कई तरह से की जा सकती है और इनका उपयोग किसी भी दावे को सिद्ध करने के लिए नहीं किया जाना चाहिए.

संभल का धार्मिक महत्व

शास्त्रों और पुराणों में यह उल्लेख है कि भगवान विष्णु का कल्कि अवतार उत्तर प्रदेश के संभल नामक स्थान पर होगा. इस आधार पर संभल को कल्कि अवतार का स्थान माना गया है. श्रीमद्भागवत पुराण और अन्य धर्मग्रंथों में कल्कि अवतार का वर्णन विस्तार से मिलता है जिसमें कहा गया है कि कल्कि अवतार संभल ग्राम में विष्णुयश नामक ब्राह्मण के घर जन्म लेंगे.

इसी मान्यता के कारण संभल को कल्कि अवतार से जोड़ा जाता है. संभल में बने कल्कि मंदिर को लेकर यह दावा किया जा रहा है कि यही वह स्थान है जहां भविष्य में भगवान कल्कि का प्रकट होना होगा. मंदिर के पुजारी और भक्तों का कहना है कि यह स्थान धार्मिक दृष्टि से अत्यंत पवित्र है और यहां कल्कि भगवान की उपासना करने से व्यक्ति अधर्म से मुक्ति पा सकता है.

धार्मिक विश्लेषण

धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, कल्कि अवतार का समय तब होगा जब अधर्म, पाप और अन्याय चरम पर पहुंच जाएंगे. वर्तमान में दुनिया में मौजूद सामाजिक और नैतिक स्थितियों को देखकर कुछ लोग यह मानते हैं कि कल्कि अवतार का समय निकट है. संभल में कल्कि मंदिर को लेकर जो भी दावे किए जा रहे हैं वो सभी पूरी तरह से आस्था पर आधारित हैं. धार्मिक ग्रंथों में वर्णित समय और वर्तमान समय के बीच अभी काफी अंतर हो सकता है. उत्तर प्रदेश के संभल में कल्कि अवतार और मंदिर का दावा धार्मिक मान्यताओं और शास्त्रों पर आधारित है. हालांकि, यह दावा प्रमाणिकता के बजाय विश्वास पर आधारित है. यह भक्तों की आस्था है जो इस स्थान को विशेष बनाती है.

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