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जयललिता की हालत नाजुक, अस्पताल के बाहर जुटे समर्थक

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अपोलो अस्पताल, तमिलनाडु, एआईएडीएमके, जयललिता, मुख्यमंत्री, ईसीएमओ, केंद्रीय मंत्री जे.पी.नड्डा

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अपोलो अस्पताल, तमिलनाडु, एआईएडीएमके, जयललिता, मुख्यमंत्री, ईसीएमओ, केंद्रीय मंत्री जे.पी.नड्डा

Jayalalitha

चेन्नई  | तमिलनाडु के अपोलो अस्पताल ने कहा कि राज्य की मुख्यमंत्री जे.जयललिता की हालत ‘अत्यंत गंभीर’ व ‘चिंताजनक’ है। ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एआईएडीएमके) के विधायकों को अस्पताल में बुलाया गया है। अटकलें हैं कि जयललिता के उत्तराधिकारी के चयन के लिए पार्टी विधायकों को अस्पताल में एकजुट किया गया है। अस्पताल की ओर से कुछ समय के अंतराल पर जारी दो बयानों के मुताबिक, जयललिता की हालत गंभीर बनी हुई है और उन्हें ईसीएमओ और अन्य जीवनरक्षक सपोर्ट पर रखा गया है।

अस्पताल में भर्ती मुख्यमंत्री को रविवार को दिल का दौैरा पड़ा था, जिसके बाद उनकी हालत बिगड़ी।
ईसीएमओ या एक्सट्राकोर्पोरियल मेंब्रेन ऑक्सीजेनेशन जिंदगी व मौत के बीच झूल रहे और हृदय तथा फेफड़े की परेशानियों से परेशान मरीजों के लिए जीवनरक्षक सपोर्ट प्रणाली है।

अस्पताल की ओर से पहला बयान केंद्रीय मंत्री जे.पी.नड्डा के उस बयान के कुछ ही घंटों बाद आया, जिसमें उन्होंने जयललिता को खतरे से बाहर बताया था। अस्पताल ने अपने बयान में कहा कि जयललिता का इलाज विशेषज्ञों की गहन निगरानी में इलाज चल रहा है।इसके कुछ घंटों बाद अस्पताल ने ट्वीट कर कहा, “हमारे सभी प्रयासों के बावजूद हमारी प्यारी मुख्यमंत्री की हालत गंभीर बनी हुई है।”

अस्पताल की ओर से जारी दो बयानों के बीच लंदन के चिकित्सक रिचर्ड बेले ने सोमवार को कहा कि उनकी हालत ‘बेहद गंभीर’ है। वह अस्पताल में अन्य चिकित्सकों के साथ मुख्यमंत्री जे.जयललिता की हालत पर नजर रखे हुए हैं।
रिचर्ड बेले ने एक बयान में कहा, “हालत बेहद गंभीर हैं, लेकिन मैं इस बात की पुष्टि कर सकता हूं कि उनकी हालत में सुधार के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं।”

लंदन ब्रिज अस्पताल में चिकित्सक बेले सितंबर से ही जयललिता के इलाज में अपोलो अस्पताल के चिकित्सकों की मदद कर रहे हैं। वह उसी माह अस्पताल में भर्ती हुईं।इस बीच, एआईएडीएमके के एक सूत्र ने कहा कि सभी विधायक अपोलो अस्पताल के एक हॉल में एकत्रित हैं, लेकिन उन्होंने विस्तृत जानकारी देने से इनकार कर दिया। अटकलें हैं कि पार्टी जयललिता के उत्तराधिकारी की तलाश में है।

जयललिता को रविवार शाम दिल का दौरा पड़ने की खबर मिलते ही उनके समर्थकों की भीड़ अस्पताल के बाहर जुट गई।अपोलो अस्पताल की संयुक्त प्रबंध निदेशक संगीता रेड्डी ने कहा, “हमारे चिकित्सक उनकी सेहत पर करीब से निगाह बनाए हुए हैं और अपना सर्वश्रेष्ठ दे रहे हैं।” महराष्ट्र के राज्यपाल सी.विद्यासगार राव, जिनके पास तमिलनाडु का भी अतिरिक्त प्रभार है, रविवार रात अस्पताल पहुंचे थे। अपोलो अस्पताल के उनके दौरे के बाद राजभवन से एक बयान जारी किया जाता था।

अस्पताल ने रविवार रात जारी बयान में कहा था, “तमिलनाडु की मुख्यमंत्री को आज शाम दिल का दौरा पड़ा। चिकित्सकों तथा विशेषज्ञों का एक दल उनके स्वास्थ्य पर निगरानी बनाए हुए हैं।”अपोलो अस्पताल के बाहर बड़ी संख्या में पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है। पूरे राज्य में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है।

मुख्यमंत्री के कई प्रशंसकों का रो-रोकर बुरा हाल है।कुछ पुरुष और महिलाएं हाथ जोड़कर जयललिता के जल्द ठीक होने की प्रार्थना कर रहे हैं। कुछ लोगों ने अस्पताल परिसर में घुसने की भी कोशिश की, लेकिन उन्हें रोक दिया गया। जयललिता के समर्थक उनका पोस्टर लिए खड़े हैं।

राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने भी जयललिता के जल्द ठीक होने की कामना की है।डीएमके प्रमुख एम.करुणानिधि और उनके बेटे एवं पार्टी नेता एम.के.स्टालिन ने भी ट्वीट कर जयललिता के जल्द ठीक होने की कामना की।कांग्रेस उपाध्यक्ष ने भी ट्वीट कर उनके जल्द ठीक होने की कामना की।रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने ट्वीट कर जयललिता के जल्द ठीक होने की प्रार्थना की।

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने जयललिता के स्वास्थ्य पर चिंता व्यक्त करते हुए उनके जल्दी ठीक होने की कामना की।महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस और राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने भी ट्वीट कर जयललिता के जल्द स्वस्थ होने की कामना की।राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने कहा, “जयललिता जी की सेहत की खबर सुनकर पूरी तरह से चिंतित हूं। आइये, हम सभी उनके लिए प्रार्थना करें।”

इससे पहले अपोलो अस्पताल में कहा था कि उनकी हालत में सुधार हुआ है और वह चाहें तो घर जाने का फैसला कर सकती हैं।जयललिता के स्वास्थ्य के मद्देनजर तमिलनाडु की सीमा से लगने वाले केरल के क्षेत्रों में भी सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। तिरुवनंतपुरम, कोल्लम, इदुक्की तथा पालक्कड़ जिलों में पुलिस को अलर्ट किया गया है, जो तमिलनाडु की सीमा से सटे हैं।

 

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ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप को मनमानी करने पर 103 के बदले देने पड़ेंगे 35,453 रु, जानें क्या है पूरा मामला

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हैदराबाद। ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप स्विगी को ग्राहक के साथ मनमानी करना भारी पड़ गया। कंपनी की इस मनमानी पर एक कोर्ट ने स्विगी पर तगड़ा जुर्माना ठोक दिया। हैदराबाद के निवासी एम्माडी सुरेश बाबू की शिकायत पर उपभोक्ता आयोग ने बड़ा फैसला सुनाया है। बाबू ने आरोप लगाया था कि स्विगी ने उनके स्विगी वन मेंबरशिप के लाभों का उल्लंघन किया और डिलीवरी Food Delivery की दूरी को जानबूझकर बढ़ाकर उनसे अतिरिक्त शुल्क वसूला

क्या है पूरा मामला ?

सुरेश बाबू ने 1 नवंबर, 2023 को स्विगी से खाना ऑर्डर किया था। सुरेश के लोकेशन और रेस्टॉरेंट की दूरी 9.7 किमी थी, जिसे स्विगी ने बढ़ाकर 14 किमी कर दिया था। दूरी में बढ़ोतरी की वजह से सुरेश को स्विगी का मेंबरशिप होने के बावजूद 103 रुपये का डिलीवरी चार्ज देना पड़ा। सुरेश ने आयोग में शिकायत दर्ज कराते हुए कहा कि स्विगी वन मेंबरशिप के तहत कंपनी 10 किमी तक की रेंज में फ्री डिलीवरी करने का वादा किया था।कोर्ट ने बाबू द्वारा दिए गए गूगल मैप के स्क्रीनशॉट्स और बाकी सबूतों की समीक्षा की और पाया कि दूरी में काफी बढ़ोतरी की गई है।

कोर्ट ने स्विगी को अनुचित व्यापार व्यवहार का दोषी पाया और कंपनी को आदेश दिया कि वे सुरेश बाबू को 9 प्रतिशत ब्याज के साथ 350.48 रुपये के खाने का रिफंड, डिलीवरी के 103 रुपये, मानसिक परेशानी और असुविधा के लिए 5000 रुपये, मुकदमे की लागत के लिए 5000 रुपए समेत कुल 35,453 रुपये का भुगतान करे।

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