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नेशनल

जल्द लागू होगी स्वर्ण मौद्रीकरण योजना, सिक्के भी जारी होंगे : मोदी

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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को अपने रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ में कहा कि अगले कुछ हफ्ते में स्वर्ण मौद्रीकरण योजना लागू हो जाएगी।

मोदी ने कहा, “हम स्वर्ण मौद्रीकरण योजना लेकर आए हैं। हम इसे दीवाली और धनतेरस से पहले लागू कर देंगे जब सोने की खासकर बहुत मांग होती है।” मोदी ने कहा, “सोने को एक मृतप्राय धन (डेड मनी) से आर्थिक शक्ति में बदला जा सकता है। सोने को ऐसे ही घर में पड़ा छोड़ देना आज के आधुनिक समय से मेल नहीं खाता।”

प्रधानमंत्री ने कहा कि आर्थिक सुरक्षा के लिए सोने को जमा करके रखना देश में आम बात है। उन्होंने कहा कि जल्द ही लागू होने वाली योजनाओं में हिस्सा लेकर देशवासी सोने को देश की आर्थिक ताकत का हिस्सा बनाएं। बीते हफ्ते रिजर्व बैंक ने स्वर्ण मौद्रिक योजना के लागू करने के तौर तरीकों की जानकारी दी थी। इसके तहत सोने को बैंक में रखकर उस पर ब्याज लिया जा सकता है। इसके लिए कम से कम 30 ग्राम सोना होना चाहिए। सोने के सिक्के, बिस्कुट और गहने इसमें शामिल हैं लेकिन कीमती पत्थर या अन्य धातु नहीं।

अवधि पूरी होने पर मूल सोने और उसके ब्याज को उस समय के सोने के मूल्य के हिसाब से आंका जाएगा। जमाकर्ता के पास इस बात का अधिकार होगा कि वह इतने ही मूल्य का सोना मांग ले या रुपये हासिल कर ले। इस योजना का ऐलान 2015-16 के आम बजट में किया गया था। प्रधानमंत्री ने कहा कि 5 और 10 ग्राम का सोने का सिक्का भी जारी किया जाएगा। इस पर अशोक चक्र खुदा होगा। इसके साथ ही 20 ग्राम का बुलियन क्वाइन भी जारी किया जाएगा। विश्व स्वर्ण परिषद के अनुसार 2015 में देश में सोने की मांग 900 से 1000 टन रही। वर्ष 2014 में 891.5 टन सोने का आयात किया गया।

आध्यात्म

नवरात्रि के चौथे दिन होती है मां कुष्मांडा की आराधना, भक्तों के सभी कष्ट हरती हैं मां

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नवरात्रि का चौथा दिन मां कूष्मांडा को समर्पित है। इस दिन मां कूष्मांडा की उपासना की जाती है।  मां कूष्मांडा यानी कुम्हड़ा। कूष्मांडा एक संस्कृत शब्द है, जिसका अर्थ है कुम्हड़ा, यानी कद्दू, पेठा। धार्मिक मान्यता है कि मां कूष्मांडा को कुम्हड़े की बलि बहुत प्रिय है। इसलिए मां दुर्गा के इस स्वरुप का नाम कूष्मांडा पड़ा।

मां को प्रिय है ये भोग

नवरात्रि के चौथे दिन मां कूष्मांडा को मालपुआ का प्रसाद अर्पित कर भोद लगाएं। ऐसा करने से घर में सुख-समृद्धि आएगी। साथ ही इस दिन कन्याओं को रंग-बिरंगे रिबन या वस्त्र भेट करने से धन में वृद्धि होगी।

यूं करें मां कूष्मांडा की पूजा

मां कूष्मांडा की पूजा सच्चे मन से करें। मन को अनहत चक्र में स्थापित करें और मां का आशीर्वाद लें। कलश में विराजमान देवी-देवता की पूजा करने के बाद मां कूष्मांडा की पूजा करें। इसके बाद हाथों में फूल लें और मां का ध्यान करते हुए इस मंत्र का जाप करें।

सुरासम्पूर्णकलशं रुधिराप्लुतमेव च. दधाना हस्तपद्माभ्यां कूष्माण्डा शुभदास्तु।

माता कूष्मांडा हरेंगी सारी समस्याएं

जीवन में चल रही परेशानियों और समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए मां कूष्मांडा के इस मंत्र का जाप 108 बार अवश्य करें। ऐसा करने से सभी समस्याओं से छुटकारा मिल जाएगा।

दुर्गतिनाशिनी त्वंहि दारिद्रादि विनाशिनीम्।
जयंदा धनदां कूष्माण्डे प्रणमाम्यहम्॥

मां कूष्मांडा की पूजा के बाद इस मंत्र का 21 बार जप करें

सुरासम्पूर्ण कलशं रुधिराप्लुतमेव च।

दधाना हस्त पद्माभ्यां कूष्माण्डा शुभदास्तु मे॥

शास्त्रों में उल्लेख है कि इस मंत्र के जप से सूर्य संबंधी लाभ तो मिलेगा ही,साथ ही, परिवार में खुशहाली आएगी। स्वास्थ्य अच्छा रहेगा और आय में बढ़ोतरी होगी।

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