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जहानाबाद के ग्रामीण नहीं भूलते ‘उस रात’ का मंजर

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जहानाबाद| बिहार के जहानाबाद जिले के शंकर बिगहा गांव में 25 जनवरी, 1999 की रात हुए नरसंहार मामले में न्यायालय ने मंगलवार को सभी 24 आरोपियों को रिहा कर दिया, लेकिन ग्रामीण आज भी उस रात का मंजर नहीं भूल पाते। जनवरी की इस सर्द रात को महिलाओं और बच्चों सहित 22 लोगों की हत्या कर दी गई थी।

शंकर बिगहा गांव में मंगलवार को उस वक्त मातम पसर गया, जब जहानाबाद जिला न्यायालय द्वारा साक्ष्य के अभाव में सभी आरोपियों को बरी कर दिए जाने की सूचना मिली। ग्रामीण खुलकर तो कुछ नहीं कहते, लेकिन उनके चेहरे पर गुस्सा साफ झलकता है।

घटना में पति, सास और ननद को गंवा चुकी राजमणि देवी कहती हैं, “25 जनवरी को उस सर्द रात में ही हमने सब कुछ गंवा दिया था, लेकिन न्यायालय के आदेश से न्याय मिलने की बची-खुची उम्मीद भी समाप्त हो गई। आखिर गरीबों को न्याय कब मिलेगा।”

न्यायालय के फैसले से नाराज एक अन्य ग्रामीण मनोहर कहते हैं, “नरसंहार के दिन उसे दुनियादारी की समझ नहीं थी, लेकिन आज इस फैसले के बाद यह सवाल खड़ा हुआ है कि आखिर 22 लोगों की हत्या के जिम्मेदार लोगों का पता कौन लगाएगा?”

शंकर बिगहा की प्रभावती के रोंगटे आज भी नरसंहार की याद में खड़े हो जाते हैं। उस नरसंहार ने प्रभावती से सब कुछ छीन लिया और वह ग्रामीणों के सहारे जिंदगी जी रही हैं।

इस घटना में उसकी मां एवं बहन की मौत हो गई थी और पिता अशोक राजवंशी ने भाग कर अपनी जान बचा ली थी। प्रभावती को भी हमले में गोली लगी थी, लेकिन हमलावरों ने उसे मृत समझकर छोड़ दिया था।

प्रभावती कहती है, “पिता ने मुआवजे की राशि लेकर दूसरी शादी रचा ली और गांव छोड़ दिया। आज गांव के लोग उसकी देखरेख कर रहे हैं।”

जहानाबाद जिला के अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश राघवेन्द्र कुमार ने मंगलवार को साक्ष्य के अभाव में इस नरसंहार के सभी 24 आरोपियों को बरी कर दिया।

उल्लेखनीय है कि जहानाबाद जिले के शंकर बिगहा गांव में सशस्त्र अपराधियों ने 25 जनवरी, 1999 की देर रात 22 लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी थी। इस हमले में 14 लोग घायल भी हुए थे। मृतकों में सभी दलित और श्रमिक थे। घटना के आरोप प्रतिबंधित संगठन रणवीर सेना के सदस्यों पर है।

इस मामले में मेहंदिया थाना में 29 लोगों को नामजद आरोपी बनाया गया था तथा 100 से अधिक अज्ञात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी।

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पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला, 38 लोगों की मौत

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पख्तूनख्वा। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला हुआ है। इस हमले में 38 लोगों की मौत हो गई है। यह हमला खैबर पख्तूनख्वा के डाउन कुर्रम इलाके में एक पैसेंजर वैन पर हुआ है। हमले में एक पुलिस अधिकारी और महिलाओं समेत दर्जनों लोग घायल भी हुए हैं। जानकारी के मुताबिक उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान के अशांत प्रांत खैबर पख्तूनख्वा में आतंकियों ने शिया मुस्लिम नागरिकों को ले जा रहे यात्री वाहनों पर गोलीबारी की है। यह क्षेत्र में हाल के वर्षों में इस तरह का सबसे घातक हमला है। मृतकों की संख्या में इजाफा हो सकता है।

AFP की रिपोर्ट के मुताबिक इस हमले में 38 लोगों की मौत हुई है. पैसेंजर वैन जैसे ही लोअर कुर्रम के ओचुट काली और मंदुरी के पास से गुजरी, वहां पहले से घात लगाकर बैठे आतंकियों ने वैन पर अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू कर दीं. पैसेंजर वैन पाराचिनार से पेशावर जा रही थी। पाकिस्तान की समाचार एजेंसी डॉन के मुताबिक तहसील मुख्यालय अस्पताल अलीजई के अधिकारी डॉ. ग़यूर हुसैन ने हमले की पुष्टि की है.

शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच तनाव 

अफगानिस्तान की सीमा से लगे कबायली इलाके में भूमि विवाद को लेकर शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच दशकों से तनाव बना हुआ है। किसी भी समूह ने घटना की जिम्मेदारी नहीं ली है। जानकारी के मुताबिक “यात्री वाहनों के दो काफिले थे, एक पेशावर से पाराचिनार और दूसरा पाराचिनार से पेशावर यात्रियों को ले जा रहा था, तभी हथियारबंद लोगों ने उन पर गोलीबारी की।” चौधरी ने बताया कि उनके रिश्तेदार काफिले में पेशावर से यात्रा कर रहे थे।

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