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जाधव की फांसी जल्‍द रद करने की भारत की अपील

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पाकिस्तान, भारतीय नौसेना, कुलभूषण जाधव, भारत

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हेगपाकिस्तान की ओर से भारतीय नौसेना के पूर्व अधिकारी कुलभूषण जाधव को जासूसी करने का दोषी ठहराते हुए मौत की सजा देने के मामले में भारत ने यहां सोमवार को अंतर्राष्ट्रीय अदालत (आईसीजे) में अपना पक्ष मजबूती से रखा और अदालत से अपील की कि वह फांसी की सजा को तत्काल निलंबित करे, क्योंकि ‘स्थिति गंभीर है’ और आशंका है कि अदालत का फैसला आने से पहले ही उन्हें फांसी पर लटकाया जा सकता है।

पाकिस्तान, भारतीय नौसेना, कुलभूषण जाधव, भारत

हेग में अंतर्राष्ट्रीय अदालत में भारतीय दल का नेतृत्व करने वाले वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे ने कहा कि ‘मामले की गंभीरता को देखते हुए भारत ने इस अदालत का रुख किया’, जिसने इसपर तत्काल संज्ञान लिया।

साल्वे ने अदालत से कहा कि साल 2016 में ईरान में जाधव का अपहरण किया गया और फिर पाकिस्तान लाकर कथित तौर पर भारतीय जासूस के तौर पर पेश किया गया और सैन्य हिरासत में उनसे कबूलनामा लिया गया।

साल्वे ने कहा, “पाकिस्तान ने जाधव की गिरफ्तारी से भारत को अवगत नहीं कराया।” उन्होंने कहा कि सैन्य अदालत द्वारा एक ‘हास्यास्पद सुनवाई’ के परिणामस्वरूप उन्हें सुनाई गई मौत की सजा के खिलाफ भारत ने आईसीजे का रुख किया और सजा को निलंबित करने की मांग की।

उल्लेखनीय है कि एक साल पहले गिरफ्तार किए गए भारतीय नौसेना के पूर्व अधिकारी को पाकिस्तान की एक सैन्य अदालत ने पिछले महीने मौत की सजा सुनाई। भारत ने कहा है कि जाधव का अपहरण किया गया और उनपर बेबुनियाद आरोप लगाए गए।

भारत ने जाधव को राजनयिक पहुंच प्रदान करने के लिए पाकिस्तान से 16 बार अनुरोध किया, लेकिन हर बार इस्लामाबाद ने इनकार कर दिया। भारत को यह तक पता नहीं है कि उन्हें पाकिस्तान में किस जेल में रखा गया है।

साल्वे ने कहा कि 12 मई को पाकिस्तान से मिले एक पत्र में यह स्पष्ट नहीं किया गया कि जाधव के खिलाफ क्या आरोप लगाए गए हैं। उन्होंने कहा, “पाकिस्तान ने कहा कि जाधव को मौत की सजा पाकिस्तान के खिलाफ जासूसी के विश्वसनीय सबूतों के आधार पर सुनाई गई है। भारत इन आरोपों को खारिज करता है। भारत ने जाधव को उचित कानूनी मदद सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाए। यह पता नहीं है कि मौजूदा परिस्थितियों में जाधव को राहत मिलेगी या नहीं।”

साल्वे ने अतीत के उन तीन मामलों का जिक्र किया, जिनमें आईसीजे ने हस्तक्षेप किया था। पराग्वे बनाम अमेरिका सहित इन मामलों में अदालत ने अपने फैसले में कहा था कि अमेरिकी सरकार को पराग्वे के नागरिक को राजनयिक संपर्क सुनिश्चित करने को लेकर कदम उठाने की जरूरत है।

साल्वे ने कहा कि जर्मनी बनाम अमेरिका के मामले में अदालत ने अपने फैसले में कहा था कि जर्मनी के एक नागरिक को सुनाई गई मौत की सजा ‘न्याय की अपूरणीय क्षति’ है। भारतीय अधिकारी दीपक मित्तल ने बहस की शुरुआत करते हुए अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय से कहा, “जाधव को न तो अपने कानूनी अधिकारों का इस्तेमाल करने का मौका दिया गया और न ही उन्हें राजनयिक संपर्क मुहैया कराया गया। आशंका है कि इस मामले में आईसीजे का फैसला आने से पहले ही उनकी मौत की सजा पर अमल किया जा सकता है।”

मित्तल ने कार्यवाही की अध्यक्षता कर रहे आईसीजे के अध्यक्ष रॉनी अब्राहम के समक्ष कहा कि भारत ने पाकिस्तान से जाधव तक राजनयिक संपर्क प्रदान करने के लिए कई बार आग्रह किया, लेकिन इस्लामाबाद ने हर बार इनकार किया।

मित्तल ने अदालत से कहा, “भारत को प्रेस रिपोर्ट से जानकारी मिली कि जाधव को मौत की सजा एक कथित कबूलनामे के आधार पर दी गई है। भारत के कई बार आग्रह करने के बावजूद पाकिस्तान ने मामले का आरोप-पत्र तथा मामले से संबंधित किसी भी प्रकार के दस्तावेज मुहैया नहीं कराए।”

उन्होंने कहा, “यह स्पष्ट है कि जाधव को उनके कानूनी अधिकार से वंचित किया गया। जाधव के माता-पिता ने पाकिस्तान जाने के लिए वीजा आवेदन दिया, लेकिन उस पर कोई सुनवाई नहीं हुई।”

विदेश मंत्रालय में संयुक्त सचिव तथा सह-एजेंट वी.डी.शर्मा ने कहा कि मार्च 2016 में जाधव की गिरफ्तारी के बाद उसे राजनयिक संपर्क प्रदान करने से इनकार करके पाकिस्तान अपने सभी कानूनी उत्तरदायित्वों का पालन करने में नाकाम रहा।

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पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला, 38 लोगों की मौत

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पख्तूनख्वा। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला हुआ है। इस हमले में 38 लोगों की मौत हो गई है। यह हमला खैबर पख्तूनख्वा के डाउन कुर्रम इलाके में एक पैसेंजर वैन पर हुआ है। हमले में एक पुलिस अधिकारी और महिलाओं समेत दर्जनों लोग घायल भी हुए हैं। जानकारी के मुताबिक उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान के अशांत प्रांत खैबर पख्तूनख्वा में आतंकियों ने शिया मुस्लिम नागरिकों को ले जा रहे यात्री वाहनों पर गोलीबारी की है। यह क्षेत्र में हाल के वर्षों में इस तरह का सबसे घातक हमला है। मृतकों की संख्या में इजाफा हो सकता है।

AFP की रिपोर्ट के मुताबिक इस हमले में 38 लोगों की मौत हुई है. पैसेंजर वैन जैसे ही लोअर कुर्रम के ओचुट काली और मंदुरी के पास से गुजरी, वहां पहले से घात लगाकर बैठे आतंकियों ने वैन पर अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू कर दीं. पैसेंजर वैन पाराचिनार से पेशावर जा रही थी। पाकिस्तान की समाचार एजेंसी डॉन के मुताबिक तहसील मुख्यालय अस्पताल अलीजई के अधिकारी डॉ. ग़यूर हुसैन ने हमले की पुष्टि की है.

शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच तनाव 

अफगानिस्तान की सीमा से लगे कबायली इलाके में भूमि विवाद को लेकर शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच दशकों से तनाव बना हुआ है। किसी भी समूह ने घटना की जिम्मेदारी नहीं ली है। जानकारी के मुताबिक “यात्री वाहनों के दो काफिले थे, एक पेशावर से पाराचिनार और दूसरा पाराचिनार से पेशावर यात्रियों को ले जा रहा था, तभी हथियारबंद लोगों ने उन पर गोलीबारी की।” चौधरी ने बताया कि उनके रिश्तेदार काफिले में पेशावर से यात्रा कर रहे थे।

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