Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

नेशनल

जानें क्यों जिन्ना की परवरिश में नहीं पलना चाहती थी उनकी अपनी बेटी ‘दीना’

Published

on

Loading

नई दिल्ली। पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना की बेटी दीना वाडिया इस दुनिया को अलविदा कह चुकी है। जी हाँ गुरूवार की शाम उनका अमेरिका के शहर न्‍यूयॉर्क में निधन हो गया।

98 साल की दीना ने कल न्यूयॉर्क में अंतिम सांसें ली। बता दें कि दीना ‘जिन्ना’ की इकलौती संतान थी।

जिन्‍ना की इकलौती संतान थीं दीना, पर क्‍यों भारत में ही रहने का लिया फैसला

भारत-पाकिस्‍तान विभाजन से पहले 15 अगस्‍त 1919 को ही दीना का जन्म हुआ था।

यूं तो जिन्ना को अपनी इकलौती बेटी से बेशुमार प्यार था वो उसे हमेशा अपने पास देखना चाहते थे लेकिन 19ें47 भारत-पाकिस्तान देशों का बंटवारा होने लगा तो दीना का जवाब सुनकर सब दंग रह गए दीना ने अपने ही पिता जिन्ना का साथ छोड़ देने को कहा और भारत का नागरिक बनना स्वीकार कर लिया।

ये जानकर लोग भी हैरत में पड़ गए कि जिसके पिता पाकिस्‍तान के संस्‍थापक रहे, उनकी बेटी ने आखिर क्‍यों भारत में रहने का फैसला किया।

खबरों की मानें तो, जिन्‍ना से दीना के रिश्‍ते उस वक्‍त खराब हो गए थे जब उन्‍हें 17 साल की उम्र में एक भारतीय पारसी शख्‍स नेविली वाडिया से प्‍यार हो गया था और पिता जिन्‍ना को उनका ये प्यार बिल्‍कुल बर्दाश्‍त नहीं हुआ।

ऐसी थी जिन्‍ना की बेटी की लव स्टोरी, आजादी पर फहराया था दो देशों का झंडा

मगर दीना ने नेविली वाडिया का साथ चुना ज्यादा पसंद किया। जिन्‍ना को नेविली के पारसी होने से ऐतराज था, जबकि उनकी पत्‍नी और दीना की मां रति खुद एक पारसी थीं और खुले विचारों वाली थीं।

दीना जब मात्र १० वर्ष की थी तभी उनकी मां रति चल बसी थी।

ऐसी थी जिन्‍ना की बेटी की लव स्टोरी, आजादी पर फहराया था दो देशों का झंडा

बता दें कि, 1929 में गम्भीर बीमारी के बाद मो. अली जिन्ना की पत्नी की मौत हो गयी थी, जिसके बाद जिन्ना बेहद दुखी रहने लगे थे। जिन्ना को अपनी बहन फातिमा जिन्ना का सहयोग और सलाह मिला। फातिमा ने ही जिन्ना की बेटी का पालन पोषण किया।

ऐसी थी जिन्‍ना की बेटी की लव स्टोरी, आजादी पर फहराया था दो देशों का झंडा

जब जिन्ना की बेटी दीना ने पारसी व्यवसायी नेविल वाडिया से विवाह करने का फैसला किया तो जिन्ना उससे अलग हो गये। लेकिन उनका निजी सम्बन्ध फिर भी बदस्तूर कायम रहा। दीना वाडिया अपने परिवार के साथ भारत में ही रह गयी जबकि जिन्ना पाकिस्तान चले गये।

नेशनल

मशहूर लोक गायिका शारदा सिन्हा का निधन, दिल्ली एम्स में ली अंतिम सांस

Published

on

Loading

नई दिल्ली। मशहूर लोक गायिका शारदा सिन्हा का निधन हो गया है। दिल्ली के एम्स में आज उन्होंने अंतिम सांस ली। वह लंबे समय से बीमार चल रहीं थी। एम्स में उन्हें भर्ती करवाया गया था। शारदा सिन्हा को बिहार की स्वर कोकिला कहा जाता था।

गायिका शारदा सिन्हा को साल 2018 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। शारदा सिन्हा का जन्म 1 अक्टूबर, 1952 को सुपौल जिले के एक गांव हुलसा में हुआ था। बेमिसाल शख्सियत शारदा सिन्हा को बिहार कोकिला के अलावा भोजपुरी कोकिला, भिखारी ठाकुर सम्मान, बिहार रत्न, मिथिलि विभूति सहित कई सम्मान मिले हैं। शारदा सिन्हा ने भोजपुरी, मगही और मैथिली भाषाओं में विवाह और छठ के गीत गाए हैं जो लोगों के बीच काफी प्रचलित हुए।

शारदा सिन्हा पिछले कुछ दिनों से एम्स में भर्ती थीं। सोमवार की शाम को शारदा सिन्हा को प्राइवेट वार्ड से आईसीयू में अगला शिफ्ट किया गया था। इसके बाद जब उनकी हालत बिगड़ी लेख उन्हें वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया। शारदा सिन्हा का ऑक्सीजन लेवल गिर गया था और फिर उनकी हालत हो गई थी। शारदा सिन्हा मल्टीपल ऑर्गन डिस्फंक्शन स्थिति में थीं।

 

Continue Reading

Trending