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जानें क्यों जिन्ना की परवरिश में नहीं पलना चाहती थी उनकी अपनी बेटी ‘दीना’

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नई दिल्ली। पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना की बेटी दीना वाडिया इस दुनिया को अलविदा कह चुकी है। जी हाँ गुरूवार की शाम उनका अमेरिका के शहर न्‍यूयॉर्क में निधन हो गया।

98 साल की दीना ने कल न्यूयॉर्क में अंतिम सांसें ली। बता दें कि दीना ‘जिन्ना’ की इकलौती संतान थी।

जिन्‍ना की इकलौती संतान थीं दीना, पर क्‍यों भारत में ही रहने का लिया फैसला

भारत-पाकिस्‍तान विभाजन से पहले 15 अगस्‍त 1919 को ही दीना का जन्म हुआ था।

यूं तो जिन्ना को अपनी इकलौती बेटी से बेशुमार प्यार था वो उसे हमेशा अपने पास देखना चाहते थे लेकिन 19ें47 भारत-पाकिस्तान देशों का बंटवारा होने लगा तो दीना का जवाब सुनकर सब दंग रह गए दीना ने अपने ही पिता जिन्ना का साथ छोड़ देने को कहा और भारत का नागरिक बनना स्वीकार कर लिया।

ये जानकर लोग भी हैरत में पड़ गए कि जिसके पिता पाकिस्‍तान के संस्‍थापक रहे, उनकी बेटी ने आखिर क्‍यों भारत में रहने का फैसला किया।

खबरों की मानें तो, जिन्‍ना से दीना के रिश्‍ते उस वक्‍त खराब हो गए थे जब उन्‍हें 17 साल की उम्र में एक भारतीय पारसी शख्‍स नेविली वाडिया से प्‍यार हो गया था और पिता जिन्‍ना को उनका ये प्यार बिल्‍कुल बर्दाश्‍त नहीं हुआ।

ऐसी थी जिन्‍ना की बेटी की लव स्टोरी, आजादी पर फहराया था दो देशों का झंडा

मगर दीना ने नेविली वाडिया का साथ चुना ज्यादा पसंद किया। जिन्‍ना को नेविली के पारसी होने से ऐतराज था, जबकि उनकी पत्‍नी और दीना की मां रति खुद एक पारसी थीं और खुले विचारों वाली थीं।

दीना जब मात्र १० वर्ष की थी तभी उनकी मां रति चल बसी थी।

ऐसी थी जिन्‍ना की बेटी की लव स्टोरी, आजादी पर फहराया था दो देशों का झंडा

बता दें कि, 1929 में गम्भीर बीमारी के बाद मो. अली जिन्ना की पत्नी की मौत हो गयी थी, जिसके बाद जिन्ना बेहद दुखी रहने लगे थे। जिन्ना को अपनी बहन फातिमा जिन्ना का सहयोग और सलाह मिला। फातिमा ने ही जिन्ना की बेटी का पालन पोषण किया।

ऐसी थी जिन्‍ना की बेटी की लव स्टोरी, आजादी पर फहराया था दो देशों का झंडा

जब जिन्ना की बेटी दीना ने पारसी व्यवसायी नेविल वाडिया से विवाह करने का फैसला किया तो जिन्ना उससे अलग हो गये। लेकिन उनका निजी सम्बन्ध फिर भी बदस्तूर कायम रहा। दीना वाडिया अपने परिवार के साथ भारत में ही रह गयी जबकि जिन्ना पाकिस्तान चले गये।

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गैस चेंबर बनी दिल्ली, AQI 500 तक पहुंचा

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नई दिल्ली। दिल्ली-एनसीआर में इन दिनों सांस लेना भी मुश्किल हो गया है। दरअसल दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण का स्तर बदतर स्थिति में है। अगर श्रेणी के आधार पर बात करें तो दिल्ली में प्रदूषण गंभीर स्थिति में बना हुआ है। कल जहां एक्यूआई 470 था तो वहीं आज एक्यूआई 494 पहुंच चुका है। दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में एक्यूआई के आंकड़ें आ चुके हैं। अलीपुर में 500, आनंद विहार में 500, बवाना में 500 के स्तर पर एक्यूआई बना हुआ है।

कहां-कितना है एक्यूआई

अगर वायु गुणवत्ता की बात करें तो अलीपुर में 500, बवाना में 500, आनंद विहार में 500, डीटीयू में 496, द्वारका सेक्टर 8 में 496, दिलशाद गार्डन में 500, आईटीओ में 386, जहांगीरपुरी में 500, जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में 500, लोधी रोड में 493, मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम 499, मंदिर मार्ग में 500, मुंडका में 500 और नजफगढ़ में 491 एक्यूआई पहुंच चुका है। दिल्ली की वायु गुणवत्ता गंभीर श्रेणी में बनी हुई है। ऐसे में दिल्ली में ग्रेप 4 को लागू कर दिया गया है। इस कारण दिल्ली के अलावा नोएडा, गाजियाबाद, हापुड़, मेरठ में स्कूलों को बंद कर दिया गया है और ऑनलाइन माध्यम से अब क्लासेस चलाए जाएंगे।

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