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जानें क्यों हर साल सापुतारा के इस महोत्सव में इकठ्ठा होती है लाखों पर्यटकों की भीड़
सापुतारा | गुजरात के इकलौते हिल स्टेशन सापुतारा में एक महीने तक चलने वाला मानसून उत्सव पर्यटकों एवं घूमने-फिरने के शौकीन लोगों के लिए आकर्षक जगह है।
मॉनसून उत्सव में रिमझिम बारिश के बीच प्रदर्शनी, साहसिक गतिविधियों, सांस्कृतिक कार्यक्रमों, भोजन महोत्सव, इंटरैक्विट, खेल, प्रतियोगिताएं, फ्लैश मॉब तो पर्यटकों को आकर्षित करते ही हैं साथ ही बोट राइडिंग और रोप-वे का लुत्फ भी उठाया जा सकता है।
एक महीने तक चलने वाला मानसून उत्सव इस साल रविवार यानी 10 सितंबर को खत्म हो रहा है लेकिन पहाड़ियों में आनंद का लुत्फ उठाने वाले अगले साल मानसून उत्सव में शामिल हो सकते हैं।
गुजरात पर्यटन निगम के प्रबंध निदेशक जेनू देवान ने आईएएनएस से कहा, टूरिज्म ऑफ गुजरात लि. (टीसीजीएल) पिछले सात सालों से सापुतारा मॉनसून उत्सव का आयोजन कर रहा है, जो सापुतारा के सुंदर मॉनसून का आनंद लेने के लिए पर्यटकों को प्रोत्साहित करती है।
इस उत्सव के दौरान कई तरह के सांस्कृतिक कार्यक्रमों और गतिविधियों का आयोजन किया जाता है, जिनमें प्रदर्शनी, साहसिक गतिविधियों, सांस्कृतिक कार्यक्रमों, भोजन महोत्सव, इंटरैक्विट, खेल, प्रतियोगिताएं, फ्लैश मॉब समेत कई कार्यक्रम शामिल हैं।
उन्होंने बताया कि इस उत्सव के दौरान पर्यटकों को सापुतारा लेक, गांधी शिखर, इको प्वाइंट, वैली व्यू प्वाइंट, गिरा, गिरमाल और मायादेवी जलप्रपात, शाबरी धाम, पंपा सरोवर, पांडव गुफा, उनाई मंदिर, सितवन, रतज प्राप, धुपगढ़ के निकट त्रिधारा, हटगध किला, वन नर्सरी और आदिवासी संग्रहालय के गाइडेड टूर पर ले जाया जाता है।
देवान ने कहा, टीसीजीएल द्वारा हर साल पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए इस कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है, ताकि सापुतारा को एक हिल स्टेशन के रूप में बढ़ावा मिले और पर्यटकों को इस बारे में जानकारी मिले कि यहां कई सारे प्राकृतिक और सांस्कृतिक आर्कषण हैं। मॉनसून उत्सव के कारण सापुतारा अब नागपुर, पुणे, मुंबई और नासिक जैसे नजदीकी शहरों के पर्यटकों का महत्वपूर्ण गंतव्य बन चुका है।
उन्होंने कहा, इस उत्सव के दौरान स्थानीय डांग लोक जनजाति को देश-विदेश के लोगों से मिलने का मौका मिलता है तथा उनके लिए रोजगार के अवसर भी पैदा होते हैं। इस दौरान कई सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है, जिसमें पर्यटकों को स्थायीन जनजाति के जीवनशैली की जानकारी मिलती है।
उन्होंने बताया कि गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपानी ने सापुतारा में पर्यटन विकास के लिए सापुतारा क्षेत्र विकास प्राधिकरण का गठन किया है, जो पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए 419.1 हेक्टेयर क्षेत्र में नियोजित विकास की योजनाएं बना रही है।
सापुतारा गुजरात का इकलौता हिल स्टेशन है, जो समुद्र से 3,000 फीट की ऊंचाई पर है। गुजरात और उसके आसपास के इलाकों में यह हिल स्टेशन काफी लोकप्रिय है। यह पश्चिमी घाट के डांग जंगल क्षेत्र में एक सपाट इलाके में है, जो सहयाद्री पर्वत श्रंखला का भाग है।
माना जाता है कि यह सांपों के निवास स्थान के ऊपर स्थित है। स्थानीय समुदाय होली के दिन यहां सर्पगंगा नदी के किनारे सांपों की तस्वीरों की पूजा करती है।
सापुतारा को एक नियोजित हिल स्टेशन के रूप में विकसित किया गया है। जहां पर्यटन विभाग का चौबीसो घंटे चलने वाला सूचना केंद्र है। इसके अलावा गुजरात पर्यटन विभाग का गेस्ट हाउस, गार्डन, स्वीमिंग पूल, बोल क्लब, ऑडिटोरियम, रोप वे और संग्रहालय भी है।
यहां का तापमान गर्मियों में अधिकतम 32 डिग्री सेल्सियस से न्यूनतम 27 डिग्री सेल्सियस होता है जबकि सर्दियों के दौरान अधिकतम और न्यूनतम तापमान क्रमश: 16 डिग्री सेल्सियस और 10 डिग्री सेल्सियस होता है। मॉनसून (जुलाई से सितंबर) में यहां सालाना 255 सेंटीमीटर बारिश दर्ज की जाती है। यही कारण है कि हर साल सापुतारा मॉनसून उत्सव का
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पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला, 38 लोगों की मौत
पख्तूनख्वा। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला हुआ है। इस हमले में 38 लोगों की मौत हो गई है। यह हमला खैबर पख्तूनख्वा के डाउन कुर्रम इलाके में एक पैसेंजर वैन पर हुआ है। हमले में एक पुलिस अधिकारी और महिलाओं समेत दर्जनों लोग घायल भी हुए हैं। जानकारी के मुताबिक उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान के अशांत प्रांत खैबर पख्तूनख्वा में आतंकियों ने शिया मुस्लिम नागरिकों को ले जा रहे यात्री वाहनों पर गोलीबारी की है। यह क्षेत्र में हाल के वर्षों में इस तरह का सबसे घातक हमला है। मृतकों की संख्या में इजाफा हो सकता है।
AFP की रिपोर्ट के मुताबिक इस हमले में 38 लोगों की मौत हुई है. पैसेंजर वैन जैसे ही लोअर कुर्रम के ओचुट काली और मंदुरी के पास से गुजरी, वहां पहले से घात लगाकर बैठे आतंकियों ने वैन पर अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू कर दीं. पैसेंजर वैन पाराचिनार से पेशावर जा रही थी। पाकिस्तान की समाचार एजेंसी डॉन के मुताबिक तहसील मुख्यालय अस्पताल अलीजई के अधिकारी डॉ. ग़यूर हुसैन ने हमले की पुष्टि की है.
शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच तनाव
अफगानिस्तान की सीमा से लगे कबायली इलाके में भूमि विवाद को लेकर शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच दशकों से तनाव बना हुआ है। किसी भी समूह ने घटना की जिम्मेदारी नहीं ली है। जानकारी के मुताबिक “यात्री वाहनों के दो काफिले थे, एक पेशावर से पाराचिनार और दूसरा पाराचिनार से पेशावर यात्रियों को ले जा रहा था, तभी हथियारबंद लोगों ने उन पर गोलीबारी की।” चौधरी ने बताया कि उनके रिश्तेदार काफिले में पेशावर से यात्रा कर रहे थे।
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