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जापान राजमार्गों के लिए फंडिंग में उत्सुक : गडकरी

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रोहित वैद

नई दिल्ली। सरकार देश भर में राजमार्ग परियोजनाओं को वित्तीय सहायता देने वाले 1,600 अरब डॉलर के एक वित्तीय संस्थान के गठन पर तेजी से काम कर रही है, जिसमें जापान सरकार की 26 फीसदी हिस्सेदारी होगी। यह जानकारी केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने दी है, जिन्होंने बताया कि इस योजना का मकसद रोजाना 30 किलोमीटर सड़क निर्माण का लक्ष्य हासिल करना है।

केंद्रीय सड़क परिवहन, राजमार्ग और जहाजरानी मंत्री नितिन गडकरी ने अपने मंत्रालय के एक साल के काम-काज की समीक्षा के दौरान कहा कि हमारी वार्ता जारी है। यह आखिरी चरण में है। हम विदेशी निवेश जुटाने की कोशिश कर रहे हैं और निवेशक इसमें रुचि ले रहे हैं। वे इस क्षेत्र में निवेश करने में फायदा देख रहे हैं। मंत्री ने कहा कि वित्तीयन संस्थान पर्यावरण और नियामकीय मंजूरी जुटाने का भी काम करेगा।

उन्होंने कहा कि हम पेंशन, एंडोमेंट, बीमा और प्राइवेट फंड से भी निवेश जुटाने के लिए वार्ता कर रहे हैं। हम पूरी दुनिया के निवेशकों से बात कर रहे हैं। हम उन्हें बता रहे हैं कि नियामकीय व्यवस्था में अब बदलाव किया गया है। अब फायदे की संभावना अधिक है। गडकरी ने कहा, “हम चाहते हैं कि पहले से जारी और भावी प्रत्येक राजमार्ग परियोजना समय पर पूर्ण हो।” उन्होंने कहा कि 62 लंबित राजमार्ग परियोजनाओं को जून के आखिर तक फिर से शुरू कर दिया जाएगा।

गडकरी ने बताया कि जब वे पिछले वर्ष मंत्री बने थे, तब सार्वजनिक-निजी साझेदारी मॉडल के तहत 240 परियोजनाएं थीं। उनमें से 186 परियोजनाएं अवरुद्ध हैं। इनमें से 44 को समाप्त कर दिया गया है, 80 को फिर से शुरू किया गया है और शेष जून तक शुरू हो जाएगी। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पूर्व अध्यक्ष गडकरी ने अपने आवास पर विशेष बातचीत में इस आलोचना को खारिज कर दिया कि सड़क निर्माण का लक्ष्य पूरा नहीं हो सकता है। उन्होंने कहा कि पिछली सरकार भी लक्ष्य पूरा नहीं कर पाई थी।

मंत्री ने कहा, “हम मार्च की स्थिति के मुताबिक अभी रोजाना 12 किलोमीटर सड़क बना रहे हैं। इसे इस महीने के आखिर तक बढ़ाकर 14 किलोमीटर कर दिया जाएगा। इसे आखिरकार बढ़ाकर 30 किलोमीटर प्रति दिन किया जाएगा। यह लक्ष्य हम निश्चित रूप से अगले साल मई तक हासिल कर लेंगे।” गडकरी ने कहा, “हम मौजूदा कारोबारी साल में करीब 15 हजार किलोमीटर सड़क का ठेका दे देना चाहते हैं।” उन्होंने बताया कि हाल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की हुई बैठक में वित्त जुटाने की एक बड़ी बाधा दूर कर दी गई है।

वे राजमार्ग परियोजनाओं के लिए परियोजना से बाहर निकलने की नीति और पैसे की कमी के कारण अवरुद्ध परियोजनाओं में भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) को हस्तक्षेप करने का अधिकार दिए जाने की ओर इशारा कर रहे थे। गडकरी ने कहा कि ऐसा महसूस किया गया कि सड़क क्षेत्र में पीपीपी परियोजनाओं के लिए उम्मीद के मुताबिक बोली नहीं मिल रही थी और इसका एक कारण बोलीदाताओं के पास धन की कमी था।

परियोजना से बाहर निकलने की नीति के तहत वे परियोजना पूर्ण होने के दो साल बाद अपनी पूरी हिस्सेदारी बेच सकते हैं और उस राशि को अपनी किसी अन्य अवरुद्ध परियोजना में निवेश कर सकते हैं। मंत्री ने कहा कि इससे बाजार में 4,500 करोड़ रुपये की पूंजी आ सकेगी और इससे 1,500 किलोमीटर राजमार्ग के निर्माण को सहायता मिल सकती है।

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पीएम मोदी पर लिखी किताब के प्रचार के लिए स्मृति ईरानी चार देशों की यात्रा पर

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नई दिल्ली। पूर्व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी एक नवीनतम पुस्तक ‘मोडायलॉग – कन्वर्सेशन्स फॉर ए विकसित भारत’ के प्रचार के लिए चार देशों की यात्रा पर रवाना हो गई हैं। यह दौरा 20 नवंबर को शुरू हुआ और इसका उद्देश्य ईरानी को मध्य पूर्व, ओमान और ब्रिटेन में रहने वाले भारतीय समुदाय के लोगों से जोड़ना है।

स्मृति ईरानी ने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा कि,

एक बार फिर से आगे बढ़ते हुए, 4 देशों की रोमांचक पुस्तक यात्रा पर निकल पड़े हैं! 🇮🇳 जीवंत भारतीय प्रवासियों से जुड़ने, भारत की अपार संभावनाओं का जश्न मनाने और सार्थक बातचीत में शामिल होने के लिए उत्सुक हूँ। यह यात्रा सिर्फ़ एक किताब के बारे में नहीं है; यह कहानी कहने, विरासत और आकांक्षाओं के बारे में है जो हमें एकजुट करती हैं। बने रहिए क्योंकि मैं आप सभी के साथ इस अविश्वसनीय साहसिक यात्रा की झलकियाँ साझा करता हूँ

कुवैत, दुबई, ओमान और ब्रिटेन जाएंगी स्मृति ईरानी

डॉ. अश्विन फर्नांडिस द्वारा लिखित यह पुस्तक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के शासन दर्शन पर प्रकाश डालती है तथा विकसित भारत के लिए उनके दृष्टिकोण पर ध्यान केंद्रित करती है। कार्यक्रम के अनुसार ईरानी अपनी यात्रा के पहले चरण में कुवैत, दुबई, फिर ओमान और अंत में ब्रिटेन जाएंगी।

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