साइंस
‘जी-सैट-6ए’ से संपर्क होने की उम्मीद : इसरो प्रमुख
बेंगलुरू, 1 अप्रैल (आईएएनएस)| उपग्रह जीसैट-6ए के अभी भी सक्रिय रहने के बाद भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी उपग्रह के साथ संपर्क स्थापित करने के लिए दिन-रात मेहनत कर रही है।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के प्रमुख के. सिवन ने रविवार को यह जानकारी दी।
सिवन ने आईएएनएस से कहा, हमारे पास उपलब्ध आंकड़े दर्शाते हैं कि उपग्रह के सक्रिय होने के कारण हम इससे संपर्क पुनस्र्थापित कर सकते हैं।
इससे पहले, गुरुवार को आंध्र प्रदेश स्थित श्रीहरिकोटा प्रक्षेपण केंद्र से जिओसिंक्रोनस सैटेलाइट लांच व्हीकल (जीएसएलवी) के प्रक्षेपण के दो दिन बाद इसरो ने देर से ही यह स्वीकार किया कि जीसैट-6ए से उसका संपर्क टूट गया है।
कर्नाटक के हासन स्थित अंतरिक्ष एजेंसी की मुख्य नियंत्रक सुविधा (एमसीएफ) से तीन कक्षाओं से होने के बाद उपग्रह को धरती से 36,000 किलोमीटर ऊपर स्थित इसकी कक्षा में स्थापित होना था।
उन्होंने कहा, पहली दो कक्षाओं में उसने सामान्य रूप से काम किया लेकिन जब तीसरी कक्षा शुरू होने वाली थी, उपग्रह ने प्रतिक्रिया देना बंद कर दिया।
सिवन ने विश्वास के साथ कहा, हम उपग्रह से संपर्क स्थापित करने के लिए सभी आंकड़ों को पूरी बारीकी से जांच रहे हैं।
जनवरी में इसरो प्रमुख का पद संभालने वाले सिवन ने हालांकि कहा कि 2000 किलोग्राम वजनी जीसैट-6ए को प्रक्षेपित करने के कार्यक्रम की उन्हें जानकारी नहीं थी। इस परियोजना पर 240 करोड़ रुपये का खर्च अनुमानित था।
एक उपग्रह द्वारा सामान्य रूप से इतने समय बाद संकेत भेज दिया जाता है, लेकिन जीसैट-6ए ने ऐसा नहीं किया।
उन्होंने कहा, हमारा दल उपग्रह से संपर्क स्थापित करने के लिए लगातार प्रयास कर रहा है।
उन्होंने कहा कि साल 2015 में प्रक्षेपित हुआ जीसैट-6 अभी भी समान गति से कार्य कर रहा है जबकि जीसैट-6ए से संपर्क स्थापित करने की कोशिश की जा रही है।
उपग्रह से संपर्क स्थापित होने के बाद ही वह अपनी कक्षा में स्थापित हो सकेगा।
इस उपग्रह को अगले 10 साल तक उन प्रगतिशील प्रौद्योगिकियों को मंच प्रदान करना था जो उपग्रह आधारित मोबाइल संचार एप्लीकेशन में उपयोगी साबित हो सकती थी।
साइंस
फेमस न्यूक्लियर फिजिस्ट होमी जहांगीर भाभा का आज जन्मदिन, जानें कुछ उनके बारे में
नई दिल्ली। इंडियन न्यूक्लियर प्रोग्राम के जनक और फेमस न्यूक्लियर फिजिस्ट होमी जहांगीर भाभा का आज जन्मदिन है। जे. भाभा, टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च (TIFR) के फाउंडिंग डायरेक्टर और फिजिक्स के प्रोफेसर भी थे। होमी जहांगीर भाभा का जन्म 30 अक्टूबर 1909 में एक अमीर पारसी परिवार में हुआ था। होमी जहांगीर भाभा के पिता का नाम जहांगीर होर्मुस्जी भाभा और माता का नाम मेहरबाई भाभा था, इनके पिता एक जाने-माने वकील थे जबकि माँ एक गृहिणी थीं।
होमी भाभा ने 16 साल की आयु में ही सीनियर कैम्ब्रिज परीक्षा पास कर ली थी। फिर वे गोनविले और कैयस कॉलेज में मैकेनिकल इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल करने के लिए कैम्ब्रिज गए। इसके बाद उन्होंने कैम्ब्रिज में कैवेंडिश लैब में रिसर्च करना शुरू किया और उनका पहला रिसर्च पेपर 1933 में प्रकाशित हुआ। दो साल बाद, उन्होंने अपनी पीएचडी हासिल की और 1939 तक कैम्ब्रिज में रहे।होमी भाभा ने छात्र के रूप में कोपेनहेगन में नोबेल पुरस्कार विजेता नील्स बोहर के साथ काम किया और क्वांटम सिद्धांत के विकास में प्रमुख भूमिका निभाई।
-
लाइफ स्टाइल1 day ago
सुबह डल नजर आता है चेहरा, तो अपनाएं ये आसान घरेलू उपाय
-
आध्यात्म11 hours ago
नौकरी में चाहिए प्रमोशन तो अपनाएं ज्योतिष के ये उपाय
-
खेल-कूद13 hours ago
विराट कोहली ने की है 12वीं तक पढ़ाई, इस सब्जेक्ट का नाम सुनकर ही आ जाता था पसीना
-
नेशनल18 hours ago
दिल्ली में सांस लेना हुआ मुश्किल, कई इलाकों में AQI 4OO पार
-
उत्तर प्रदेश2 days ago
दिवाली के दिन यूपी के इस जिले में 25 करोड़ की शराब पी गए लोग
-
खेल-कूद19 hours ago
HAPPY BIRTHDAY KING KOHLI : भारतीय क्रिकेट टीम के किंग विराट कोहली आज मना रहे हैं अपना 36वां जन्मदिन
-
खेल-कूद16 hours ago
फुटबॉल खेलते वक्त मैदान पर गिरी बिजली, एक प्लेयर की मौत, वीडियो वायरल
-
नेशनल19 hours ago
लोक गायिका शारदा सिन्हा की तबियत बिगड़ी, एम्स में भर्ती, पीएम मोदी ने फोन कर ली जानकारी