Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

खेल-कूद

जूनियर हॉकी विश्व कप: दूसरी बार खिताब जीतने उतरेगा भारत

Published

on

Loading

Hockey world cupलखनऊ। अपने शानदार प्रदर्शन के दम पर जूनियर हॉकी विश्व कप के फाइनल में प्रवेश कर चुकी भारतीय टीम रविवार को खिताबी मुकाबले में बेल्जियम से भिड़ेगी। मेजर ध्यानचंद स्टेडियम में होने वाले इस फाइनल मुकाबले में मेजबानों की नजर 15 साल के सूखे को खत्म कर एक बार फिर विश्व विजेता बनने पर होगी।

भारत ने पहली बार 2001 में जूनियर विश्व कप का खिताब अपने नाम किया था। आस्ट्रेलिया की मेजबानी में हुए जूनियर हॉकी विश्व कप-2001 के फाइनल में भारतीय टीम ने अर्जेटीना को मात दी थी। वहीं बेल्जियम की नजरें पहली बार खिताब अपने नाम करने पर होंगी। उसने पहली बार जूनियर विश्व कप के फाइनल में जगह बनाई है।

एक बार फिर भारतीय टीम इतिहास को अपने घर में दोहराना चाहेगी। माहौल उसके पक्ष में है। भारतीय टीम को घरेलू समर्थन हासिल है और खिताबी मुकाबले में यह उसकी सबसे बड़ी ताकत भी साबित हो सकता है।
मेजबान टीम अब तक इस टूर्नामेंट में अपराजित रही है। उसने ग्रुप दौर में अपने तीनों मैच जीते और कनाडा, इंग्लैंड तथा दक्षिण अफ्रीका को एक तरफा मुकाबलों में मात दी। क्वाार्टर फाइनल में उसने अपने शानदार और आक्रामक खेल से स्पेन जैसी मजबूत टीम को हराया।

सेमीफाइनल में उसका सामना खिताब की मजबूत दावेदारों में से एक मानी जा रही आस्ट्रेलिया से हुआ जिसे उसने बेहद की रोमांचक और कड़े मुकाबल में शूटआउट में मात दी। लेकिन फाइनल में उसके सामने ऐसी टीम है जिसका खेल इस पूरे विश्व कप में बेहद ही आक्रामक रहा है। बेल्जियम फाइनल में दो बार की मौजूदा विजेता जर्मनी को सेमीफाइनल में मात देकर फाइनल में पहुंची है। बेल्जियम भी अब तक टूर्नामेंट में अपराजित रही है। भारत के लिए उसकी चुनौती से पार पाना आसान नहीं होगा।

भारत के लिए टूर्नामेंट में अब तक सब कुछ अच्छा रहा है। टीम की रक्षापंक्ति से लेकर आक्रमण पंक्ति ने अच्छा प्रदर्शन किया है। लेकिन मैच के आखिरी मिनटों में उसका ढुलमुल रवैया उसे नुकसान पहुंचा सकता है।
सेमीफाइनल में भी इसी कारण वह अपनी बढ़त गंवा बैठा था और आस्ट्रेलिया बराबरी करने में सफल रहा था। यहां तक मेजबानों को पहुंचाने में बहुत बड़ा हाथ गोलकीपर विकास दहिया का रहा है। उन्होंने कई मौकों पर टीम को संकट से उबारा।

सेमीफाइनल में आस्ट्रेलिया के खिलाफ शूटआउट में भी उन्होंने शानदार बचाव करते हुए टीम को जीत दिलाई। इसके अलावा भारत को इस मैच में हरमनप्रीत सिंह, सुमित और मनप्रीत से काफी उम्मीदें होंगी। बेल्जियम की मजबूत रक्षापंक्ति को भेदने की जिम्मेदारी इन तीनों के कंधों पर ही होगी।

बेल्जियम ने अब तक इस टूर्नामेंट में कुल पांच मैचों में छह गोल खाए हैं जिसमें से चार गोल शूटआउट में हुए हैं। उसने अर्जेटीना को क्वार्टर फाइनल में भी शूटआउट में मात दी थी। ऐसे में भारतीय टीम को उसकी रक्षापंक्ति पर खास नजर रखनी होगी। वहीं भारतीय रक्षापंक्ति को भी सजग और चुस्त रहना होगा। बेल्जियम की टीम किसी भी मौके को गंवाती नहीं है। ऐसे में फाइनल में भारत को पिछले मुकाबलों की अपेक्षा और बेहतर खेल दिखाना होगा।

इस टूर्नामेंट में अगर दोनों टीमों का प्रदर्शन देखा जाए तो समान ही रहा है। लेकिन भारत के पेनाल्टी कॉर्नर को गोल में बदलने की कमजोरी पिछले कुछ मैचों में साफ सामने आई है। यह एक जगह है जहां मेजबानों को फाइनल में काम करना होगा।

वहीं बेल्जियम के लिए सबसे बड़ी चुनौती भारत के खिलाफ घर में ही खेलने की है। लेकिन उसका ध्यान मैदान पर अपने प्रदर्शन पर होगा। वह पहली बार विश्व विजेता बनने के इस मौके पर हाथ से जाने नहीं देना चाहेगी और पूरे दम के साथ मैदान पर उतरेगी।

ऑफ़बीट

IND VS AUS: पर्थ में भारतीय गेंदबाजों का कहर, बैकफुट पर ऑस्ट्रेलिया, 67 रनों पर गंवाए 7 विकेट

Published

on

Loading

नई दिल्ली। पर्थ टेस्ट में भारतीय गेंदबाजों ने ऑस्ट्रेलिया को बैकफुट पर धकेल दिया है। भारत के पहली पारी में 150 रनों के जवाब में ऑस्ट्रेलियाई टीम सात विकेट खोकर 67 रन ही बना पाई है। ऑस्ट्रेलिया की शुरुआत खराब रही थी। तीसरे ही ओवर में बुमराह ने नाथन मैकस्वीनी को एल्बीडब्ल्यू आउट किया। वह 10 रन बना सके। इसके बाद बुमराह ने उस्मान ख्वाजा को कोहली के हाथों कैच कराया, फिर अगली ही गेंद पर स्टीव स्मिथ को एल्बीडब्ल्यू आउट किया। ख्वाजा आठ रन और स्मिथ खाता नहीं खोल सके। ट्रेविस हेड को डेब्यू कर रहे तेज गेंदबाज हर्षित राणा ने क्लीन बोल्ड किया। वह 11 रन बना सके। वहीं, मिचेल मार्श छह रन बनाकर मोहम्मद सिराज का शिकार बने। सिराज ने इसके बाद लाबुशेन को एल्बीडब्ल्यू किया। वह 52 गेंद में दो रन बना सके। ऑस्ट्रेलियाई कप्तान पैट कमिंस को भारतीय कप्तान बुमराह ने पंत के हाथों कैच कराया। वह तीन रन बना सके। फिलहाल एलेक्स कैरी 19 रन और मिचेल स्टार्क छह रन बनाकर नाबाद हैं। बुमराह के अलावा मोहम्मद सिराज ने दो विकेट लिए, जबकि हर्षित राणा को एक विकेट मिला।

भारतीय पारी

पर्थ के मैदान पर टीम इंडिया के बल्लेबाजी क्रम की एक बार फिर पोल खुल गई। 49.4 ओवर खेलकर ही भारत की पूरी टीम सिर्फ 150 रन बनाकर ढेर हो गई। टीम के छह बल्लेबाज दहाई का आंकड़ा पार नहीं कर सके। टीम इंडिया की शुरुआत ही बेहद खराब हुई। यशस्वी जायसवाल बिना खाता खोले ही मिचेल स्टार्क की गेंद पर पवेलियन लौट गए। देवदत्त पडिक्कल ने 23 गेंदों का सामना किया, लेकिन वो अपने नाम के आगे एक रन तक नहीं लिखवा सके। नंबर चार पर बल्लेबाजी करने उतरे विराट कोहली से फैन्स को काफी उम्मीदें थीं। हालांकि, विराट का किस्मत ने एक बार फिर साथ नहीं दिया और वह जोश हेजलवुड के हाथ से निकली बेहतरीन गेंद पर अपना विकेट गंवा बैठे। भोजनकाल से पहले 23वें ओवर में मिचेल स्टार्क ने के एल राहुल (26) को आउट कर भारत को बड़ा झटका दिया।

लंच के बाद चार विकेट पर 51 रन के आगे खेलने उतरी भारतीय टीम दूसरे सेशन में 24.4 ओवर में मात्र 99 रन ही जोड़ पाई और बचे हुए बाकी विकेट गवां दिये। 59 के स्कोर पर भारतीय टीम को पांचवां झटका लगा। मिचेल मार्श ने ध्रुव जुरेल को मार्नस लाबुशेन के हाथों कैच आउट कराया। जुरेल 11 रन बनाकर आउट हुए।

इसके बाद वॉश‍िंगटन सुंदर मात्र चार रन बनाकर म‍िचेल मार्श की गेंद पर व‍िकेटकीपर एलेक्स कैरी को कैच थमा बैठे। भारत ने छह विकेट गिरने के बाद ऑलराउंडर नीतीश कुमार रेड्डी बल्लेबाजी करने आए और उन्होंने ऋषभ पंत के साथ छठे विकेट के लिए 48 रन जोड़े। भारत को सातवां झटका ऋषभ पंत के रूप में लगा। वह 37 रन बनाकर पैट कम‍िंंस की गेंद पर दूसरी स्ल‍िप में खड़े स्टीव स्म‍िथ को कैच थमा बैठे।
इसके बाद हर्ष‍ित राणा मात्र 7 रन बनाकर जोश हेजलवुड की गेंद पर मार्नस लॉबुशेन को कैच थमा बैठे। भारत का नौवां विकेट जसप्रीत बुमराह के रूप में गिरा, जो जोश हेजलवुड की गेंद पर विकेटकीपर कैरी को कैच थमा बैठे। वहीं आखिरी विकेट नीतीश रेड्डी का गिरा। रेड्डी को पैट कमिंस ने उस्मान ख्वाजा के हाथों कैच आउट कराया।

 

Continue Reading

Trending