मुख्य समाचार
जेकेपी ने लड़कियों को शिक्षित और सक्षम दोनो बनाया हैः अनुप्रिया
भक्तिधाम (मनगढ़, कुंडा- प्रतापगढ़)। वर्तमान परिवेश में महिलाएं जीवन के हर क्षेत्र में आत्म निर्भर हो रही हैं इसके लिए उनके मानसिक विकास के साथ-साथ उनका शारीरिक रूप से सशक्त होना अनिवार्य है। शिक्षा द्वारा यदि महिलाओं के मानसिक विकास में वृद्धि होती है तो वहीं यदि महिलाओं को आत्मरक्षा के लिए प्रशिक्षित किया जाय तो उनके अंदर की असुरक्षा का भाव समाप्त हो जाएगा। जिससे उनके आत्मविश्वास में वृद्धि होगी। इसी को ध्यान में रखते हुए लड़कियों की शिक्षा के प्रति पहले से ही समर्पित जगतगुरू कृपालु परिषत् ने लड़कियों की आत्मरक्षा के लिए सेल्फ डिफेंस ट्रेनिंग प्रोग्राम का आयोजन किया।
भक्तिधाम मनगढ़ में पिछले कई दिनों से चल रहे इस ट्रेनिंग प्रोग्राम का आज प्रदर्शन किया गया। जेकेपी की अध्यक्षा डा. विशाखा त्रिपाठी की देख-रेख में शुरू हुए इस प्रोग्राम में प्रशिक्षण यश भारती पुरस्कार से सम्मानित ट्रेनर अभिषेक यादव ने दिया जबकि पूरे कार्यक्रम को जेकेपी के सचिव राम पुरी ने संचालित किया।
ट्रेनिंग प्रोग्राम के प्रदर्शन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जेकेपी की अध्यक्षा डा. विशाखा त्रिपाठी ने कहा कि आज लड़कियों की शिक्षा के साथ-साथ उनकी सुरक्षा भी बहुत जरूरी है। उनके प्रति होने वाले अपराधों के मद्देनजर यह ट्रेनिंग प्रोग्राम उनके बहुत काम आएगा। इससे उनके आत्मविश्वास में वृद्धि होगी जिससे वे समाज में एक मुकाम हासिल करने में कामयाब होंगी।
सेल्फ डिफेंस ट्रेनिंग प्रोग्राम के प्रदर्शन में बतौर मुख्य अतिथि पंहुचीं केंद्रीय स्वास्थ्य व परिवार कल्याण राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल ने कहा कि जगद्गुरू कृपालु परिषत् ने लड़कियों के प्रति होने वाले अपराधों को रोकने की यह जो मुहिम चलाई है वह वास्तव में काबिले तारीफ है। परिषत् ने सिर्फ अपने विद्यालयों में पढ़ने वाली लड़कियों की ही नहीं बल्कि क्षेत्र के अन्य विद्यालयों की लड़कियों को भी इस कार्यक्रम में शामिल कर समाजसेवा का एक अनुकरणीय उदाहरण पेश किया है।
उन्होंने कहा कि परिषत् की अध्यक्षा बड़ी दीदी विशाखा त्रिपाठी जी ने श्रीमहाराज जी के सेवा कार्यों का न सिर्फ गति देने का कार्य किया है बल्कि उसे और ऊचाइयां भी प्रदान की हैं। आज देश के हर कोने से अक्सर लड़कियों के प्रति अपराध की घटनाएं होती रहती हैं जिससे निपटने का काम सिर्फ पुलिस या प्रशासन का नहीं है इसके लिए समाज के जागरूक लोगों को आगे आना होगा क्योंकि यह एक सामाजिक समस्या है।
उन्होंने कहा कि लड़कियां के प्रति होने वाले अपराधों को रोकने के लिए इस तरह के सेल्फ डिफेंस ट्रेनिंग प्रोग्राम काफी उपयोगी साबित होंगे। मैं परिषत् के सचिव राम पुरी जी का भी आभार व्यक्त करती हूं कि उन्होंने इतने व्यापक स्तर पर ऐसे प्रोग्राम को सफलता पूर्वक आर्गनाइज किया। अनुप्रिया ने कहा मैं एक बार फिर जगद्गुरू कृपालु परिषत् की अध्यक्षा विशाखा त्रिपाठी व परिषत् से जुड़े सभी लोगों का इस बात के लिए आभार प्रकट करना चाहती हूं कि उनके मन में इस सामाजिक समस्या से निपटने का ख्याल आया और उन्होंने इसे मूर्त रूप भी प्रदान किया।
कार्यक्रम में पधारे बॉलीवुड स्टार रणदीप हुड्डा ने कहा कि आज के दौर में सशक्त महिला ही आदर्श परिवार और मज़बूत समाज का आधार होती है। मुझे भक्ति धाम आकर हैरत भी है और बेहद खुशी भी। ग्रामीण इलाके में एक साथ इतनी छात्राओं का आत्म विश्वास और उनका जज़्बा देखकर हैरानी है तो वहीं इस बात की बेहद खुशी और पूरा विश्वास है कि यही लड़कियां न सिर्फ खुद को सुरक्षित करने में सक्षम हैं बल्कि आने वाले दिनों में देश की युवा शक्ति में भी इनका पूरा योगदान होगा। आत्म रक्षा आज हर लड़की की जरुरत है और मुझे यकीन है कि सामने कैसी भी चुनौती हो, आज मेरे सामने जो छात्राएं मौजूद हैं वो हर चुनौती से निपटने के लिए तैयार है और भविष्य में वे अपने हर सपने को पूरा करने में कामयाब होंगीं।
उन्होंने कहा कि मैं जगदगुरु कृपालु परिषत ऐजुकेशन की प्रेसीडेन्ट डा. विशाखा त्रिपाठी और सेक्रेटरी राम पुरी को इस महान प्रयास के लिए दिली मुबारकबाद देता हूं और मुझे पूरी उम्मीद है कि जगदगुरु कृपालु परिषत ऐजुकेशन सफलता के लगातार नए मुकाम हासिल करेगा। मैं विश्वास दिलाता हूं कि ऐसे हर आयोजन में मेरा पूरा समर्थन आपके साथ है।
कार्यक्रम में पधारे अतिथियों व अन्य गणमान्य नागरिकों सहित सभी का आभार प्रकट करते हुए परिषत् के सचिव राम पुरी ने कहा कि श्री महाराज जी ने सामान्य जन की सेवा के लिए जो अभियान चलाया था उसे हम लोग उसी दृढ़ता के साथ आगे बढ़ाते रहेंगे। परिषत् का उद्देश्य बालिकाओं को शिक्षित बनाने के साथ-साथ उन्हें समर्थ व सक्षम बनाना भी है। राम पुरी ने विश्वास दिलाया कि हम आगे भी इस तरह के प्रोग्राम चलाते रहेंगे।
कार्यक्रम में बतौर विशिष्ट अतिथि पधारीं उप्र पुलिस के महिला सम्मान प्रकोष्ठ की महानिदेशक सुतापा सान्याल ने कहा कि जेकेपी ने एक ऐसा नेक काम किया है जिसकी जरूरत आज समाज की प्रत्येक महिला को है। हम लोगों के सामने आए दिन इस तरह के केस आते रहते हैं जिसमें महिलाओं की कमजोरी का फायदा उठाकर कुछ असामाजिक तत्व उनके खिलाफ अपराध करते रहते हैं। लड़कियां यदि अपने आप में सक्षम होंगी तो ऐसे अपराधों को रोकने में मदद मिलेगी और ऐसे तत्वों को सही सबक भी मिलेगा। सपा नेत्री जूही सिंह ने प्रोग्राम की सराहना करते हुए कहा कि जगद्गुरू कृपालु परिषत् के इस कार्य की जितनी प्रशंसा किया जाय वह कम है। लड़कियों को आत्मरक्षा के लिए इस तरह के ट्रेनिंग प्रोग्राम में बढ़-चढ कर हिस्सा लेना चाहिए।
बताते चलें कि पांच सितंबर से 17 सितंबर तक चले इस ट्रेनिंग प्रोग्राम का प्रदर्शन लगभग 5700 छात्राओं के साथ किया गया। यह प्रदर्शन लिमका बुक आफ रिकार्ड में दर्ज हो गया है। इस ट्रेनिंग प्रोग्राम में सिर्फ कृपालु महाविद्लाय की लड़कियों को ही नहीं बल्कि आस-पास के क्षेत्र के तमाम विद्यालयों की छात्राओं को प्रशिक्षित किया गया।
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‘एक केजीबीवी, एक खेल’ योजना से 82,120 बालिकाओं को खेल में निपुण बनाएगी योगी सरकार
लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों में पढ़ने वाली 82,120 बालिकाओं की खेल प्रतिभाओं को राष्ट्रीय स्तर तक पहुंचाने का प्रयास तेज कर दिया है। सरकार इस उद्देश्य को ‘एक केजीबीवी, एक खेल’ योजना लागू कर साकार करेगी।
बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री संदीप सिंह के नेतृत्व में इस योजना के अंतर्गत प्रत्येक विद्यालय में एक विशेष खेल का चयन किया जाएगा, जिसमें छात्राओं को विशेषज्ञ प्रशिक्षण दिया जाएगा। इस योजना से बालिकाएं खेल में निपुण होने के साथ-साथ शारीरिक, मानसिक और सामाजिक विकास भी प्राप्त करेंगी, जिससे वे समाज में एक सशक्त पहचान बना सकेंगी।
उत्तर प्रदेश के कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों (केजीबीवी) में बालिकाओं की खेल प्रतिभा को निखारने और उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर उभारने के उद्देश्य से ‘एक केजीबीवी, एक खेल’ योजना लागू की गई है। इस योजना का उद्देश्य पिछड़े और वंचित समुदायों की बालिकाओं को खेल के क्षेत्र में विशेष कौशल प्रदान करना है। इसके अंतर्गत प्रत्येक विद्यालय में एक विशेष खेल का चयन किया जाएगा, जिसमें छात्राओं को खेल विशेषज्ञों द्वारा प्रशिक्षित किया जाएगा। यह योजना पायलट प्रोजेक्ट के रूप में प्रत्येक जनपद के दो केजीबीवी में आरंभ की जाएगी और सफल होने पर इसे अन्य विद्यालयों में भी विस्तार दिया जाएगा।
राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करना है उद्देश्य इस योजना का मुख्य उद्देश्य केजीबीवी में अध्ययनरत 82,120 छात्राओं को खेलों में प्रशिक्षित कर राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करना है। यह योजना छात्राओं को न केवल खेल किट और आधारभूत प्रशिक्षण प्रदान करेगी, बल्कि विभिन्न प्रतियोगिताओं में जनपद और राज्य स्तर पर चयनित करने की प्रक्रिया भी सुनिश्चित करेगी।
विद्यालय में खेल का चयन ऐसे होगा
प्रत्येक विद्यालय में एक खेल समिति का गठन किया जाएगा, जिसमें वार्डन, व्यायाम शिक्षिका, खेल प्रभारी और दो खिलाड़ी छात्राएं होंगी। यह समिति छात्राओं की रुचि और उपलब्ध संसाधनों के आधार पर एक खेल का चयन करेगी। चयनित खेल में प्रशिक्षण देने के लिए योग्य महिला प्रशिक्षक नियुक्त की जाएगी। आवश्यकतानुसार, बाहरी खेल प्रशिक्षकों की सहायता भी ली जा सकेगी।
विशेष प्रशिक्षण और स्वास्थ्य पर रहेगा विशेष ध्यान
योजना के अंतर्गत, खेल गतिविधियों के संचालन के लिए एक निर्धारित समय सारिणी होगी, जिसमें प्रशिक्षक छात्राओं को खेल की बारीकियां सिखाएंगे। बेहतर स्वास्थ्य के लिए पोषण और स्वास्थ्य जागरूकता कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे, जिसमें छात्राओं को आहार, पोषण और स्वास्थ्य के प्रति जागरूक किया जाएगा। बालिकाओं का स्वास्थ्य परीक्षण भी समय-समय पर किया जाएगा।
समाज और विभागीय सहयोग लिया जाएगा
पूर्व राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ियों को भी बुलाकर छात्राओं को प्रेरित किया जाएगा। उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाली बालिकाओं को स्थानीय स्तर पर पुरस्कृत भी किया जाएगा। इसके अलावा, विद्यालयों में खेल प्रतियोगिताओं के दौरान सम्मानित नागरिकों और विभागीय अधिकारियों को आमंत्रित कर छात्राओं का उत्साहवर्धन किया जाएगा।
खेल संघों और कॉर्पोरेट समूहों से भी लिया जाएगा सहयोग
योजना के सफल क्रियान्वयन के लिए राज्य और राष्ट्रीय स्तर के खेल संघों के साथ कॉर्पोरेट समूहों से भी सहयोग लिया जाएगा। कॉर्पोरेट समूहों की मदद से छात्राओं के लिए आवश्यक खेल सामग्री और अन्य सुविधाएं बेहतर तरीके से उपलब्ध कराई जाएंगी।
बालिकाओं का विशेष स्थानांतरण और अभिभावकों की ली जाएगी सहमति
चयनित छात्राओं को विशेष खेल प्रशिक्षण देने के लिए तीन महीने तक नोडल केजीबीवी में रखा जाएगा। इस दौरान उनके रहने, खाने और प्रशिक्षण की पूरी व्यवस्था होगी। इसके बाद, छात्राओं को उनके मूल केजीबीवी में वापस भेज दिया जाएगा। छात्राओं के स्थानांतरण से पूर्व उनके अभिभावकों से सहमति ली जाएगी।
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