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नेशनल

जेल में बंद कैदी फेसबुक पर ऑनलाइन, रोज अपलोड कर रहे सेल्फी

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जोधपुर। जेल में छापा मारकर आपत्तिजनक सामग्री बरामद करने की बातें तो अब पुरानी हुईं, नई खबरें तो किसी के भी होश उड़ा देंगी। जेल में कई सालों से कैद बंदी फेसबुक पर ऑनलाइन नजर आ रहे हैं। और तो और वे जेल के अंदर से ही खींची गई फोटो भी अपलोड कर रहे हैं, जिन्हें खूब लाइक्स और कमेंट्स भी मिलते हैं। इनके हौसले कितने बुलंद हैं ये इसी से पता चलता है कि ये कैदी जेल में बैठे-बैठे वॉट्सएप पर बाहर साथियों और गैंग को संदेश भी भेज रहे हैं। ये सारा गोरखधंधा चल रहा है जोधपुर सेंट्रल जेल में। सब कुछ जानने के बाद भी जेल प्रशासन की आंखों पर पट्टी बंधी हुई है।

जोधपुर जेल को राजस्थान की सबसे सुरक्षित जेल माना जाता है। तिहाड़ जेल से भेजे गए आतंकी से लेकर आसाराम जैसे हाई प्रोफाइल कैदी तक यहां हैं। इसके बावजूद इस जेल के कैदी अपनी सेल्फी खींच कर फेसबुक पर डाल रहे हैं और लगातार अपना स्टेटस भी अपडेट कर रहे हैं। इनमें कई हिस्ट्रीशीटर हैं, जिन पर हत्या जैसे संगीन आरोप हैं। फेसबुक पर मौजूद ये फोटो कई सवाल खड़े करती हैं। बंदियों तक स्मार्टफोन कैसे पहुंच रहे। कैसे इंटरनेट उपयोग कर सोशल साइट्स का उपयोग किया जा रहा है। साफ है कि अगर सलाखों से पीछे से अपराधी फेसबुक उपयोग कर सकते हैं, तो वे अंदर से ही कुछ भी करवा सकते हैं। इसका एक उदाहरण जोधपुर जेल में 3 साल से कैद स्वरूप सिंह सोढ़ा है। उसका फेसबुक एकाउंट महिपाल सोढ़ा के नाम से है। बाड़मेर निवासी सोढ़ा, दिनेश मांजू हत्याकांड का मुख्य आरोपी व कुख्यात हिस्ट्रीशीटर है। उसने 8 जून को जेल में घूमते अपना लेटेस्ट फोटो डाला। इसी तरह यहां के कुछ अन्य कैदी जून्हार सिंह, श्रवण बाबेल, सुभाष गोरा और कई अन्य लगातार फेसबुक पर सक्रिय हैं और अपने फोटो भी डाल रहे हैं।

जेल में बंद ये कुख्यात बदमाश खुलेआम सुरक्षा में सेंध लगा स्मार्ट फोन का इस्तेमाल कर रहे हैं। 3 जी के बाद अब 4जी के जमाने में निष्क्रिय हुए जैमर का फायदा उठाकर ये कैदी जेल में बैठे-बैठे बाहरी दुनिया से सम्पर्क साधे हुए हैं। फिलहाल यह मामला सामने आते ही अब जेल में तलाशी अभियान शुरू कर दिया गया है और जैमर अपग्रेड किए जा रहे हैं।

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उत्तर प्रदेश

संभल में कैसे भड़की हिंसा, किस आधार पर हो रहा दावा, पढ़े पूरी रिपोर्ट

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संभल। संभल में एक मस्जिद के स्थान पर प्राचीन मंदिर होने और भविष्य में कल्कि अवतार के यहां होने के दावे ने हाल ही में काफी सुर्खियां बटोरी हैं. इस दावे के पीछे कई धार्मिक और ऐतिहासिक तथ्य बताए जा रहे है. उत्तर प्रदेश के संभल में कल्कि अवतार और उनके मंदिर को लेकर कई दावे पहले से ही किए जा रहे हैं. इसे लेकर धार्मिक मान्यताओं और शास्त्रों के आधार पर गहरी चर्चा हो भी रही है. हिंदू धर्म में कल्कि अवतार को भगवान विष्णु का दसवां और अंतिम अवतार माना गया है. ऐसा माना जाता है कि कलियुग के अंत में जब अधर्म और अन्याय अपने चरम पर होगा तब भगवान कल्कि अवतार लेकर पृथ्वी पर धर्म की स्थापना करेंगे.

कैसे भड़की हिंसा?

24 नवंबर को मस्जिद में हो रहे सर्वे का स्थानीय लोगों ने विरोध किया. पुलिस भीड़ को नियंत्रित करने के लिए मौके पर थी. सर्वे पूरा होने के बाद जब सर्वे टीम बाहर निकली तो तनाव बढ़ गया. भीड़ ने पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया, जिसके कारण स्थिति बिगड़ गई और हिंसा भड़क उठी.

दावा क्या है?

हिंदू पक्ष का दावा है कि संभल में स्थित एक मस्जिद के स्थान पर प्राचीन काल में एक मंदिर था. इस मंदिर को बाबर ने तोड़कर मस्जिद बनवाई थी. उनका यह भी दावा है कि भविष्य में कल्कि अवतार इसी स्थान पर होंगे.

किस आधार पर हो रहा है दावा?

दावेदारों का कहना है कि उनके पास प्राचीन नक्शे हैं जिनमें इस स्थान पर मंदिर होने का उल्लेख है. स्थानीय लोगों की मान्यता है कि इस स्थान पर प्राचीन काल से ही पूजा-अर्चना होती थी. कुछ धार्मिक ग्रंथों में इस स्थान के बारे में उल्लेख मिलता है. हिंदू धर्म के अनुसार कल्कि अवतार भविष्य में आएंगे और धर्म की स्थापना करेंगे. दावेदारों का मानना है कि यह स्थान कल्कि अवतार के लिए चुना गया है.

किस आधार पर हो रहा है विरोध?

अभी तक इस दावे के समर्थन में कोई ठोस पुरातात्विक साक्ष्य नहीं मिला है. जो भी ऐतिहासिक रिकॉर्ड्स उपल्बध हैं वो इस बात की पुष्टि करते हैं कि इस स्थान पर एक मस्जिद थी. धार्मिक ग्रंथों की व्याख्या कई तरह से की जा सकती है और इनका उपयोग किसी भी दावे को सिद्ध करने के लिए नहीं किया जाना चाहिए.

संभल का धार्मिक महत्व

शास्त्रों और पुराणों में यह उल्लेख है कि भगवान विष्णु का कल्कि अवतार उत्तर प्रदेश के संभल नामक स्थान पर होगा. इस आधार पर संभल को कल्कि अवतार का स्थान माना गया है. श्रीमद्भागवत पुराण और अन्य धर्मग्रंथों में कल्कि अवतार का वर्णन विस्तार से मिलता है जिसमें कहा गया है कि कल्कि अवतार संभल ग्राम में विष्णुयश नामक ब्राह्मण के घर जन्म लेंगे.

इसी मान्यता के कारण संभल को कल्कि अवतार से जोड़ा जाता है. संभल में बने कल्कि मंदिर को लेकर यह दावा किया जा रहा है कि यही वह स्थान है जहां भविष्य में भगवान कल्कि का प्रकट होना होगा. मंदिर के पुजारी और भक्तों का कहना है कि यह स्थान धार्मिक दृष्टि से अत्यंत पवित्र है और यहां कल्कि भगवान की उपासना करने से व्यक्ति अधर्म से मुक्ति पा सकता है.

धार्मिक विश्लेषण

धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, कल्कि अवतार का समय तब होगा जब अधर्म, पाप और अन्याय चरम पर पहुंच जाएंगे. वर्तमान में दुनिया में मौजूद सामाजिक और नैतिक स्थितियों को देखकर कुछ लोग यह मानते हैं कि कल्कि अवतार का समय निकट है. संभल में कल्कि मंदिर को लेकर जो भी दावे किए जा रहे हैं वो सभी पूरी तरह से आस्था पर आधारित हैं. धार्मिक ग्रंथों में वर्णित समय और वर्तमान समय के बीच अभी काफी अंतर हो सकता है. उत्तर प्रदेश के संभल में कल्कि अवतार और मंदिर का दावा धार्मिक मान्यताओं और शास्त्रों पर आधारित है. हालांकि, यह दावा प्रमाणिकता के बजाय विश्वास पर आधारित है. यह भक्तों की आस्था है जो इस स्थान को विशेष बनाती है.

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