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झाबुआ ब्लास्ट: जांच आयोग गठित, आरोपी की तलाशी जारी
झाबुआ। मध्य प्रदेश के झाबुआ जिले में हुए विस्फोट की जांच के लिए राज्य सरकार ने एक सदस्यीय जांच आयोग का गठन कर दिया है। उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश आर्येन्द्र कुमार सक्सेना को आयोग का अध्यक्ष बनाया गया है। मामले का मुख्य आरोपी राजेंद्र कासवा अब भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर है। उसे पकड़ने के लिए पुलिस का तलाशी अभियान जारी है।
सरकार की तरफ से मंगलवार देर रात जारी बयान में कहा गया है कि झाबुआ विस्फोट की जांच के लिए आयोग गठित किया गया है, जो तीन माह में जांच कर अपनी रपट राज्य सरकार को प्रस्तुत करेगा। आयोग का मुख्यालय इंदौर में होगा। बयान के अनुसार, आयोग विस्फोट की परिस्थितियों और इसके लिए उत्तरदायी लोगों के बारे में पता लगाएगा। इसके अलावा भवन के स्वामी अथवा किरायेदार के पास विस्फोटक संग्रहण या उपयोग करने का लायसेंस था या नहीं, अगर था तो वह लायसेंस किस प्राधिकार द्वारा जारी किया गया था, इन कई सारे बिंदुओं की जांच आयोग करेगा।
आयोग इस बात की भी जांच करेगा कि भवन में विस्फोटक सामग्री का अवैध संगहण करने के संबंध में कोई शिकायत की गई थी, यदि शिकायत की गई थी तो उसे किस अधिकारी ने प्राप्त किया तथा उस पर क्या कार्रवाई हुई। आयोग इस मामले से संबंधित अन्य विषयों की भी जांच करेगा। आयोग ऐसी घटना की पुनरावृत्ति न हो, इसके भी सुझाव देगा। पुलिस अधीक्षक जीजी पांडे ने बुधवार को बताया कि कासवा की अभी तक गिरफ्तारी नहीं हुई है, पुलिस उसे तलाश रही है। उन्होंने कहा, “विस्फोटकों की तलाश के लिए कई स्थानों पर तलाशी ली गई है। पूर्व में पुलिस विस्फोटक रखने के दो मामले दर्ज कर चुकी है।”
पुलिस सूत्रों के अनुसार, कासवा की तलाश के लिए कई टीमें बनाई गई हैं, जो मध्य प्रदेश के अलावा गुजरात और महाराष्ट्र में उसे तलाश रही हैं। पुलिस कासवा के परिजनों व परिचितों से लगातार पूछताछ कर रही है, मगर उसके बारे में अभी तक कोई सुराग नहीं मिल पाया है। ज्ञात हो कि शनिवार सुबह पेटलावद के न्यू बस स्टैंड के करीब स्थित सेठिया होटल में गैस सिलेंडर फटने और उसके बाद होटल पास में स्थित राजेंद्र कासवा के गोदाम में खनन कार्य के लिए रखे गए विस्फोटक में हुए विस्फोट में 89 लोग मारे गए थे, और 100 से ज्यादा घायल अभी हैं। घायलों में कई की हालत गंभीर है। घायलों का इंदौर, रतलाम, धार व दाहोद के विभिन्न अस्पतालों में इलाज चल रहा है।
राज्य सरकार इस विस्फोट के मुख्य आरोपी राजेंद्र कासवा पर एक लाख रुपये इनाम घोषित कर चुकी है। इसके अलावा विशेष जांच दल (एसआईटी) पहले ही गठित की जा चुकी है। पेटलावद में पदस्थ अनुविभागीय अधिकारी, राजस्व (एसडीएम) और अनुविभागीय अधिकारी, पुलिस (एसडीओ,पी) को हटा दिया गया है।
प्रादेशिक
IPS अधिकारी संजय वर्मा बने महाराष्ट्र के नए डीजीपी, रश्मि शुक्ला के ट्रांसफर के बाद मिली जिम्मेदारी
महाराष्ट्र। महाराष्ट्र के नए डीजीपी का कार्यभार IPS संजय वर्मा को सौंपा गया है। आईपीएस संजय वर्मा को केंद्रीय चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र के नए पुलिस महानिदेशक के रूप में नियुक्त किया है। कुछ ही दिनों में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव है। उससे पहले चुनाव आयोग ने राज्य कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले की शिकायत मिलने के बाद डीजीपी रश्मि शुक्ला के तबादले का आदेश दिया था।
कौन हैं IPS संजय वर्मा?
IPS संजय वर्मा 1990 बैच के पुलिस अधिकारी हैं। वह महाराष्ट्र में वर्तमान में कानून और तकनीकी के डीजी के रूप में कार्यरत रहे। वह अप्रैल 2028 में सेवानिवृत्त पुलिस सेवा से रिटायर होंगे। दरअसल, डीजीपी रश्मि शुक्ला को लेकर सियासी दलों के बीच पिछले कुछ समय से माहौल गर्म था। कांग्रेस के बाद उद्धव गुट की शिवसेना ने भी चुनाव आयोग को पत्र लिखकर उन्हें हटाने की मांग की थी।
कांग्रेस ने रश्मि शुक्ला की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए चुनाव आयोग से उन्हें महानिदेशक पद से हटाने की मांग की थी। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने उन पर आरोप लगाया था कि वह बीजेपी के आदेश पर सरकार के लिए काम कर रही हैं।
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