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प्रादेशिक

झाबुआ विस्फोट में 83 की मौत

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झाबुआ। मध्य प्रदेश के झाबुआ जिले में शनिवार सुबह एक चाय की दुकान में हुए विस्फोट में 83 लोगों की मौत हो गई, जबकि 100 से अधिक घायल हो गए हैं। सरकार ने हादसे की जांच के आदेश दिए हैं और मृतकों के परिजनों व घायलों के लिए सहायता राशि की घोषणा की है। सरकार विस्फोट की वजह रसोई गैस सिलेंडर फटने को बता रही है, जबकि दूसरी ओर आशंका जताई जा रही है कि विस्फोटक पदार्थो में विस्फोट के कारण यह हादसा हुआ। झाबुआ पुलिस नियंत्रण कक्ष के प्रभारी निरीक्षक एम.एल. गौर ने  बताया, “हादसे में 83 लोगों की मौत हुई है। इनमें से 60 शवों का पोस्टमार्टम हो चुका है। उनकी पहचान भी हो गई है, जबकि 23 अन्य का पोस्टमार्टम किया जा रहा है।”

प्रदेश के गृह मंत्री बाबूलाल गौर ने कहा, “विस्फोट की वजह गैस सिलेंडर का फटना है।”जब उनसे पूछा गया कि क्या विस्फोटक पदार्थो में विस्फोट हुआ है तो उन्होंने कहा, “यह जांच का विषय है। मामले की जांच के आदेश दे दिए गए हैं।”

इधर, मुख्यमंत्री शिवराज ने हादसे पर दुख व्यक्त करते हुए कहा, “धमाके को लेकर दो तरह की बातें सामने आ रही हैं। मुख्य सचिव एंटनी डिसा को जांच के निर्देश दिए गए हैं। मुख्यमंत्री ने मृतकों के परिजनों को दो-दो लाख रुपये और घायलों को 50-50 हजार रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की। साथ ही घायलों के समुचित उपचार का इंतजाम किए जाने की बात कही।

प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि यह जनजातीय इलाका है और बड़ी संख्या में मजदूर काम के लिए न्यू बस स्टैंड से अन्य स्थानों को जाते हैं। रोज की तरह शनिवार सुबह भी सेठिया चाय-नाश्ते की दुकान पर बड़ी संख्या में लोग जमा थे। तभी अचानक एक गैस सिलेंडर फटा। विस्फोट इतना जबरदस्त था कि वहां मौजूद कई लोगों की घटनास्थल पर ही मौत हो गई। इसके बाद पास में ही एक और विस्फोट हुआ, जिसमें कई मकान क्षतिग्रस्त हो गए। आशंका जताई जा रही है कि मकान में विस्फोटक पदार्थ रखे हुए थे, जिसके कारण वहां विस्फोट हुआ। लेकिन राज्य के गृह मंत्री गौर गैस सिलेंडर से विस्फोट की बात कह रहे हैं।

पुलिस के अनुसार, हादसे में 100 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। उन्हें पेटलावाद के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया है। कई घायलों को उपचार के लिए इंदौर व रतलाम भेजा गया है। हादसे के बाद से पेटलावाद में अफरा-तफरी का माहौल है। कई लोगों के मलबे में दबे होने की आशंका है। राहत एवं बचाव कार्य जारी हैं।

उत्तर प्रदेश

भगवान रामलला के मंदिर में मुख्यमंत्री ने जलाए श्रद्धा के दीप

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अयोध्या|  22 जनवरी 2024 को रामलला 500 वर्ष बाद अपने दिव्य-भव्य मंदिर में विराजमान हुए। इसके बाद 30 अक्टूबर को पहला दीपोत्सव हुआ, जब लला स्वयं के महलों में विराजमान होकर अपनी नगरी को अपलक निहारते रहे। अयोध्या का सौंदर्य देख रामलला खुद भी भाव-विह्वल हो उठे। योगी सरकार के आठवें दीपोत्सव में राममंदिर की अनुपम छटा हर किसी को आह्लादित कर रही थी।

रामलला की मौजूदगी में बुधवार को पहला दीपोत्सव मनाया गया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बुधवार शाम श्रीराम मंदिर भी पहुंचे। मुख्यमंत्री ने सर्वप्रथम मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम का दर्शन किया, फिर उनके चरणों में श्रद्धा निवेदित की। इसके पश्चात मुख्यमंत्री ने प्रभु के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित किए। बाहर भी मुख्यमंत्री ने पांच-पांच दीप जलाए। वहीं मंदिर प्रांगण में हजारों दीप प्रज्ज्वलित किए गए।

श्रीराम मंदिर में दीप प्रज्ज्वलन के दौरान केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, कैबिनेट मंत्री स्वतंत्र देव सिंह, मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह, प्रमुख सचिव संजय प्रसाद, श्रीराम तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय, ट्रस्टी अनिल मिश्र, गोपाल जी, विनोद जी आदि भी रहे।

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