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नेशनल

झारखंड : अंतिम चरण में हेमंत सोरेन के भविष्य का फैसला

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रांची| झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के राजनीतिक भविष्य का फैसला शनिवार को होने वाले विधानसभा चुनावों के पांचवें और अंतिम चरण के मतदान में होगा। झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) से दुमका के निवर्तमान विधायक दुमका तथा बरहट दोनों जगहों से चुनाव मैदान में हैं।दुमका से उनका मुकाबला भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) उम्मीदवार लुईस मरांडी से है, जबकि बरहट से उनके खिलाफ भाजपा उम्मीदवार हेमलाल मुर्मू हैं, जो आम चुनाव तक झामुमो में ही थे।

पांचवें चरण के मतदान के सिलसिले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो जनसभाओं को संबोधित कर चुके हैं, जिस दौरान उन्होंने राज्य की जनता से वंशवादी राजनीति खत्म करने की अपील की है। 81 सीटों वाली विधानसभा की 16 सीटों के लिए अंतिम चरण के तहत मतदान होंगे। कुल 208 उम्मीदवार मैदान में हैं, जिनमें 16 महिलाएं हैं। इस दौरान 1,784,846 महिलाओं सहित लगभग 3,690,069 मतदाता अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर सकेंगे।
मतदान के लिए 3,773 मतदान केंद्र बनाए गए हैं, जिसमें 833 मतदान केंद्रों को बेहद संवेदनशील, जबकि अन्य 1,496 को संवेदनशील घोषित किया गया है।मतदान सुबह सात बजे शुरू होगा और दोपहर तीन बजे खत्म हो जाएगा। पांचवें चरण के मतदान के लिए लगभग 22,240 सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया है।
16 सीटों में से सात सीटें अनुसूचित जनजाति (एसटी) के लिए आरक्षित हैं। वर्ष 2009 में हुए विधानसभा चुनाव में झामुमो ने नौ, जबकि भाजपा ने दो सीटें जीती थीं।
प्रमुख उम्मीदवारों में झारखंड विधानसभा अध्यक्ष शशांक शेखर भोक्ता, मंत्री लोबिन हेंब्रम, शिबू सोरन की बहू सीता सोरेन, भाजपा के राष्ट्रीय सचिव लुईस मरांडी, हेमलाल मुर्मू, पूर्व मंत्री साइमन मरांडी तथा झारखंड विकास मोर्चा (झाविमो) के मुख्य महासचिव प्रदीप यादव हैं।

उत्तर प्रदेश

बदायूं के इस गांव में आजादी के बाद भी नहीं मिली रोड की सुविधा, अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठे ग्रामीण

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बदायूं। उत्तर प्रदेश के बदायूं जनपद में एक गांव ऐसा भी है जहां देश आजाद होने के बाद भी सड़क की सुविधा नही मिली है और पिछले 30 साल से एक भी व्यक्ति की सरकारी नौकरी नहीं लगी है। जिसको लेकर ग्रामीणों ने अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू की है। जिसमें तीन लोगों की हालात बिगड़ गयी जिनका स्वास्थ्य विभाग द्वारा धरना स्थल पर ही उपचार किया जा रहा है।

बता दें कि पूरा मामला जनपद बदायूं के बिसौली तहसील के आसफपुर विकासखंड क्षेत्र के ढोरनपुर गांव का है। जहां ग्रामीणों ने अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू कर दी है। ग्रामीणों ने बताया कि देश आजाद होने के बाद भी आज तक मुख्य मार्ग से गांव तक आने वाली सड़क की सुविधा नहीं मिली है।जिससे बच्चों की शिक्षा प्रभावित होती है और बच्चे पढ़ाई नहीं कर पाते हैं। सड़क निर्माण ना होने वजह से पिछले 30 सालों से आज तक एक भी व्यक्ति की कोई भी सरकारी नौकरी नहीं लगी है। वही लोकसभा 2024 के चुनाव में सड़क की सुविधा नहीं मिलने पर ग्रामीणों ने चुनाव का बहिष्कार किया था। लेकिन अधिकारियों और नेताओं ने आश्वासन देकर वोट डालने की अपील की थी। लेकिन

भूख हड़ताल से तीन लोगों की हालात बिगड़ी

चुनाव संपन्न होने के बाद भी सड़क की सुविधा नहीं मिलने से ग्रामीणों ने अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू कर दी है।अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल से तीन लोगों की हालात बिगड़ गई जिनके इलाज के लिए स्वास्थ्य विभाग की तरफ से कर्मचारियों को भेजा गया है। 24 घंटे स्वास्थ्य विभाग की टीम धरना स्थल पर मौजूद है। वही ग्रामीणों ने बताया गांव में बिजली की भी समस्या है आये दिन बिजली के जर्जर तारों से घटनाएं होती है लेकिन कोई भी सुनवाई नहीं होती।ग्रामीणों ने बताया कि जब तक समस्याओं का समाधान नहीं होता है तब तक अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल जारी रहेगी। अब देखना होगा कि जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों द्वारा ग्रामीणों की समस्याओं का निस्तारण हो पाता या नहीं ।

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