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झारखंड में कम हो रही हाथियों की आबादी
रांची, 26 मई (आईएएनएस)| झारखंड में पिछले 15 वर्षो से हाथियों की आबादी लगातार कम होती जा रही है। अधिकारी ने बताया कि हाथियों के कम होने के पीछे बिजली के झटके, रेल दुर्घटना और अवैध शिकार प्रमुख वजहें हैं।
झारखंड में 2002 में हाथियों की संख्या 772 थी, जो 2007 में कम होकर 624 और इस वर्ष 588 रह गई है। हालांकि 2012 में हाथियों की आबादी 624 से बढ़कर 688 हो गई थी।
वन विभाग के अनुसार, इसी महीने राज्य के छह इलाकों में हाथियों की आबादी की गणना हुई। पालामाऊ बाघ अभयारण्य में हाथियों की आबादी 238 से कम होकर 186 हो गई है।
दल्मा अभयारण्य में हाथियों की संख्या 156 से घटकर सिर्फ 46 रह गई है। हालांकि राज्य के अन्य क्षेत्रों में हाथियों की आबादी या तो बढ़ी है या मामूली गिरावट आई है।
वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी ने आईएएनएस से कहा, हादसे से मौत और पलायन इन इलाकों में हाथियों की आबादी कम होने के दो प्रमुख कारण हैं। कुछ हाथी प्राकृतिक रूप से मरे हैं और कुछ बिजली के झटके लगने, ट्रेन हादसे और मनुष्यों के साथ हुए टकराव में मारे गए हैं।
32 से ज्यादा हाथियों की मौत बिजली के झटके लगने से हुई और 22 हाथी ट्रेन हादसे में मारे गए हैं। बिजली के झटके के अलावा मनुष्यों द्वारा शिकार करने, जहर देने और अत्यधिक आयु हाथियों की मौत के अन्य कारण हैं।
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महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे की हार पर बोलीं कंगना रनौत, उनका वही हश्र हुआ जो ‘दैत्य’ का हुआ था
मुंबई। महाराष्ट्र में बीजेपी के नेतृत्व वाले महायुति गठबंधन को मिली प्रचंड जीत ने विपक्षी गठबंधन महा विकास अघाड़ी में शामिल पार्टियों को चारों खाने चित कर दिया है। महाराष्ट्र में पार्टी की प्रचंड जीत पर बीजेपी की सांसद कंगना रनौत काफी खुश हैं। वहीं, उद्धव ठाकरे की हार पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कंगना ने कहा कि महिलाओं का अपमान करने की वजह से उनका ये हश्र हुआ है। मुझे उनकी हार का अनुमान पहले से ही था।
कंगना रनौत ने कहा, “मुझे उद्धव ठाकरे की हार का अनुमान पहले ही था। जो लोग महिलाओं का अपमान करते हैं, वे राक्षस हैं और उनका भी वही हश्र हुआ जो ‘दैत्य’ का हुआ था। वे हार गए, उन्होंने महिलाओं का अपमान किया। मेरा घर तोड़ दिया और मेरे खिलाफ अपशब्दों का भी इस्तेमाल किया, इसलिए यह स्पष्ट है कि वे सही और गलत की समझ खो चुके हैं।
बता दें कि कंगना रनौत और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की महा विकास आघाडी (एमवीए) सरकार के बीच 2020 में तब कड़वाहट भरी झड़प हुई थी, जब तत्कालीन अविभाजित शिवसेना के नेतृत्व वाली बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) ने उनके बांद्रा स्थित बंगले में कथित अवैध निर्माण को ध्वस्त कर दिया था। अपने बंगले में तोड़फोड़ की कार्रवाई से पहले रनौत ने यह भी कहा था कि उन्हें “मूवी माफिया” से ज्यादा मुंबई पुलिस से डर लगता है और उन्होंने महाराष्ट्र की राजधानी की तुलना पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर से की थी।
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