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बिजनेस

टाटा कम्युनिकेशंस बनी इंटरनेट वाच फाउंडेशन की सदस्य

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नई दिल्ली, 23 नवंबर (आईएएनएस)| टाटा कम्युनिकेशंस भारत की पहली पहली इंटरनेट सेवाप्रदाता (आईएसपी) कंपनी है जो इंटरनेट वॉच फाउंडेशन (आईडब्ल्यूएफ) की सदस्य बनी है। इस गठजोड़ से टाटा कम्युनिकेशंस नागरिकों को ऑनलाइन बाल यौन उत्पीड़न सामग्रियों से सुरक्षित कर एक सुरक्षित इंटरनेट मुहैया कराएगी।

कंपनी ने गुरुवार को एक बयान में कहा कि आईडब्ल्यूएफ के एक सदस्य होने के नाते टाटा कम्युनिकेशंस बाल यौन उत्पीड़न सामग्रियां प्रस्तुत करने वाले वेबपेजेस की सूची यूआरएल लिस्ट सर्विस का इस्तेमाल करेगा।

यूआरएल लिस्ट का इस्तेमाल कर और इन वेबपेजेस तक पहुंच की ग्राहकों की क्षमता खत्म कर टाटा कम्युनिकेशंस अपने ग्राहकों को बाल यौन उत्पीड़न सामग्रियों को अपने नेटवर्क से बचाने का सबसे अद्यतन तरीका मुहैया कराता है।

कंपनी ने बताया कि आज दुनिया के 28 फीसदी से अधिक इंटरनेट मार्ग टाटा कम्युनिकेशंस नेटवर्क से होकर गुजरता है और इसे पांचवां सबसे बड़ा वैश्विक इंटरनेट बैकबोन सेवाप्रदाता बनाता है।

टाटा कम्युनिकेशंस की जनरल काउंसिल-इंडिया एंड कंपनी सेक्रेटरी मनीष सनसी ने कहा, हमने इंटरनेट से बाल यौन उत्पीड़न सामग्री को ब्लॉक करने के लिए आईडब्ल्यूएफ के संसाधनों को अपनाया और लागू किया। एक जिम्मेदार चीज करने के साथ ही हमें इस बात का गर्व है कि हम आईडब्ल्यूएफ के साथ हाथ मिलाने वाले भारत के पहले आईएसपी हैं और हम गड़बड़ ऑनलाइन सामग्री से अपने ग्राहकों को सुरक्षित रखने की अपनी प्रतिबद्धता को दोहराते हैं।

आईडब्ल्यूएफ की मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुसी हरग्रीव्स ओबीई ने कहा, सामान्य जनता और कंपनियां दोनों के लिए सुरक्षित इंटरनेट के इस्तेमाल को बढ़ावा देना टाटा कम्युनिकेशंस के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह हमारे लिए है। यह साझेदारी हमें ऑनलाइन बाल यौन उत्पीड़न सामग्रियों को रखने और उनके वितरण को रोककर सुरक्षित इंटरनेट के एक कदम करीब ले जाता है।

उन्होंने कहा, हम भारत में अन्य आईएसपी से देश के इंटरनेट के गेटकीपर्स के तौर पर जिम्मेदारी निभाने और आईडब्ल्यूएफ का सदस्य बनने की अपील करते हैं। सदस्यता से संबंधित सभी शुल्क सीधे इंटरनेट से बाल यौन उत्पीड़न सामग्री को हटाने के काम की फंडिंग के काम आता है। ऑनलाइन बाल यौन उत्पीड़न तस्वीरें एक वैश्विक समस्या है-इंटरनेट किसी भी सीमा को नहीं जानता है। इसलिए यह आवश्यक है कि हर देश के इंटरनेट सेवाप्रदाता आईडब्ल्यूएफ का हिस्सा बनें और इस वैश्विक समस्या को मात दें।

भारत सरकार ने ऑनलाइन बाल यौन उत्पीड़न सामग्री पर प्रतिबंध लगाने संबंधित एक आदेश 18 अप्रैल 2017 को जारी किया था। सरकार ने भारत में ऑनलाइन यौन उत्पीड़न सामग्री के वितरण और प्रसार को रोकने के लिए आईडब्ल्यूएफ की यूआरएल सूची को अपनाने और लागू करने की जरूरत बताई थी। यह नीति 31 जुलाई 2017 को लागू हुई।

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बिजनेस

जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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