प्रादेशिक
टाटा सोशल इंटरप्राइज चैलेंज सेमिनार संपन्न
नोएडा। नोएडा और एनसीआर क्षेत्र के विभिन्न कालेजों से आए छात्रों के साथ टाटा सस्टैनबिलिटी ग्रुप के प्रमुख शंकर वेंकटेश्वटरन, शिव नाडर यूनिवर्सिटी के स्कूल आफ मैनेजमेंट ऐंड आंत्रप्रेन्योरशिप विभाग के प्रो. प्रदीप मेहरा, शिव नाडर यूनिवर्सिटी के स्कूल आफ मैनेजमेंट ऐंड आंत्रप्रेन्योरशिप के निदेशक प्रो. शेखर चौधरी, आईआईएम कलकत्ता के डीन (न्यू इनीशि एटिव्स ऐंड एक्सटर्नल रिलेशंस) प्रो. अशोक बनर्जी, आईआईएम कलकत्ता के प्रो. देवी विजय और जयपुर रग्स फाउंडेशन के सीईओ समीर चतुर्वेदी और प्रवाह की बोर्ड सदस्य सुश्री कामिनी प्रकाश ने नोएडा के शिव नाडर यूनिवर्सिटी के स्कूल आफ मैनेजमेंट ऐंड आंत्रप्रेन्योरशिप विभाग में ‘थिंकिंग सोशल’ विषय पर टाटा सोशल इंटरप्राइज चैलेंज सेमिनार में शिरकत की।
दिन भर चले टाटा सोशल इंटरप्राइज चैलेंज सेमिनार में नोएडा और एनसीआर क्षेत्र के विभिन्न कालेजों के करीब 100 छात्रों ने उपस्थिति दर्ज कराई। सेमिनार में टाटा सन्स के टाटा सस्टैनबिलिटी ग्रुप के प्रमुख श्री शंकर वेंकटेष्वरन, आईआईएम कलकत्ता के डीन (न्यू इनीशि एटिव्स ऐंड एक्सटर्नल रिलेशंस) प्रो. अशोक बनर्जी, आईआईएम कलकत्ता के प्रो. देवी विजय, प्रवाह की बोर्ड सदस्य सुश्री कामिनी प्रकाश, जयपुर रग्स फाउंडेशन के सीईओ समीर चतुर्वेदी, सखा कंसल्टिंग विंग्स प्रा. लि. की निदेशक और आज़ाद फाउंडेशन, शिव नाडर यूनिवर्सिटी की ट्रस्टी सुश्री मीनू वढेरा, शिव नाडर यूनिवर्सिटी के स्कूल आफ मैनेजमेंट ऐंड आंत्रप्रेन्योरशिप के निदेशक प्रो. शेखर चौधरी सहित कई अन्य प्रतिष्ठित वक्ताओं ने छात्रों को संबोधित किया और उन्हें तेजी से बदलती वैष्विक अर्थव्यवस्था में सामाजिक उद्यमशीलता की अवधारणा से परिचित कराया।
इस अवसर पर प्रो. अशोक बनर्जी ने कहा, ‘‘इस आयोजन का मुख्य मकसद छात्रों के बीच सामाजिक उद्यमशीलता के प्रति जागरूकता पैदा करने के साथ ही यह उम्मीद है कि इनमें से कुछ छात्र उद्यमषीलता के इस प्रारूप को बतौर करियर अपनाएं। शिव नाडर यूनिवर्सिटी और एनसीआर के कालेजों के करीब 100 छात्रों ने आज इस कार्यक्रम में हिस्सा लिया। सामाजिक उद्यमियों ने भारत में इस तरह के उद्यमों की जरूरत को रेखांकित किया और और किसी के सपने को पूरा करने के जुनून की जरूरत का भी जिक्र किया।
छात्रों को संबोधित करते हुए शंकर वेंकटेश्वतरन ने कहा, ‘‘इस तरह के मंच में ज्यादा से ज्यादा संख्या में युवा सामने आ रहे हैं और सामाजिक उद्यमियों के कार्यों से प्रेरित हो रहे हैं, ऐसे में सर्वश्रेश्ठ मस्तिश्क वास्तविक समस्याओं को हल करने में अपनी प्रतिभा का इस्तेमाल करेगा और दुनिया को हम सभी के लिए एक बेहतरीन जगह बनाएगा।’’
टाटा समूह और भारतीय प्रबंध संस्थान कलकत्ता (आईआईएमसी) की एक संयुक्त पहल टाटा सोशल इंटरप्राइज चैलेंज (टीएसईसी) एक राश्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता है, जिसके जरिये भारत के सर्वाधिक होनहार युवा सामाजिक उद्यमियों की तलाश करना है। इस प्रतियोगिता में ऐसे सामाजिक उद्यमियों को आमंत्रित किया जाता है, जिन्होंने शुरूआती दौर में वेंचर षुरू किया हो या जिनके पास ऐसा कोई विचार प्रमाण के साथ मौजूद हो जिससे भारत में स्थायी सामाजिक प्रभाव डाला जा सके। अगर कोई इस मानदंड को पूरा करता हो तो वे अपनी कारोबारी योजना को प्रतियोगिता के लिए जमा करा सकता है। सोशल वेंचर कैपटलिस्ट्स (वीसी), सोशल आंत्रप्रेन्योर्स और आईआईएम कलकत्ता के फैकल्टी जैसे प्रतिष्ठित निर्णायक मंडल बेहतरीन वेंचर्स को तीन चरणों की प्रक्रिया के बाद छांटेंगे।
टीएसईसी की शुरूआत वर्ष 2012 में की गई थी और पहले दो वर्षों में ही इसे 320 से ज्यादा प्रविष्टियां मिलीं। मौजूदा समय में इसका तीसरा संस्करण चल रहा है और इसके विजेताओं के नामों की घोशणा 17 जनवरी, 2015 को की जाएगी। इस प्रतियोगिता के षीर्श तीन विजेताओं को उनके उद्यम (वेंचर्स) में निवेश के लिए नकद अनुदान दिया जाएगा और षीर्श 20 उपविजेताओं को सोश ल वेंचर कैपटलिस्ट्स से परामर्ष और फंडिंग का अवसर मिलेगा और आईआईएम कलकत्ता में उन्हें कुश लता हासिल करने का अवसर दिया जाएगा।
प्रतियोगिता के अलावा, टीएसईसी के तीसरे संस्करण के तहत ‘थिंकिंग सोश ल’ थीम पर देश भर में सेमिनारों, राउंडटेबल्स और लैक्चर्स की श्रृंखला की षुरूआत की गई है। इस पहल का मकसद सामाजिक उद्यमिता के लिए एक पारिस्थितिकी सृजित करना है और सामाजिक उद्यमियों, वेंचर कैपटलिस्ट्स, शिक्षाविदों, उद्योगों और कारोबार से जुड़े सदस्यों को एक साथ लाकर टिकाऊ, व्यापक एवं उल्लेखनीय सामाजिक प्रभावों को प्रोत्साहित करना है।
IANS News
वसुधैव कुटुंबकम’ भारत का शाश्वत संदेश : योगी आदित्यनाथ
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘वसुधैव कुटुंबकम’ के आदर्श वाक्य के महत्व पर जोर देते हुए इसे भारत की वैश्विक मानवता के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक बताया है। उन्होंने इसे भारत का शाश्वत संदेश बताते हुए कहा कि हमने हमेशा से शांति, सौहार्द और सह-अस्तित्व को प्राथमिकता दी है। सीएम योगी ने यह बात शुक्रवार को एलडीए कॉलोनी, कानपुर रोड स्थित सिटी मॉन्टेसरी स्कूल (सीएमएस) के वर्ल्ड यूनिटी कन्वेंशन सेंटर में विश्व के मुख्य न्यायाधीशों के 25वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करने के दौरान अपने संबोधन में कही। कार्यक्रम में 56 देशों के 178 मुख्य न्यायाधीश और डेलिगेट्स ने भाग लिया।
‘अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक’
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक बताया। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद सम्मानजनक अंतरराष्ट्रीय संबंधों को विकसित करने और संघर्षों को शांतिपूर्ण ढंग से हल करने के लिए नैतिक मार्ग का अनुसरण करने के लिए हम सभी को प्रेरित करता है। उन्होंने समारोह को प्रेरणादायक बताते हुए कहा कि 26 नवंबर 2024 को संविधान अंगीकरण के 75 वर्ष पूरे होंगे। यह संविधान के अंगीकृत होने के अमृत महोत्सव वर्ष की शुरुआत के दौरान आयोजित हो रहा है।
‘युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है’
योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संयुक्त राष्ट्र के ‘समिट ऑफ दि फ्यूचर’ में दिये गये संबोधन की चर्चा करते हुए कहा कि युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है। युद्ध ने दुनिया के ढाई अरब बच्चों के भविष्य को खतरे में डाला है। उन्होंने दुनिया के नेताओं से आग्रह किया कि वे एकजुट होकर आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वच्छ, सुरक्षित और भयमुक्त समाज का निर्माण करें। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सम्मेलन को वैश्विक संवाद और सहयोग का मंच बताते हुए विश्वास व्यक्त किया कि अनुच्छेद 51 की भावना के अनुरूप यह आयोजन विश्व कल्याण के मार्ग को प्रशस्त करेगा। उन्होंने दुनिया भर के न्यायाधीशों से इस दिशा में सक्रिय योगदान देने का भी आह्वान किया।
‘भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध’
मुख्यमंत्री ने संविधान के अनुच्छेद 51 की चर्चा करते हुए कहा कि यह वैश्विक शांति और सौहार्द की दिशा में भारत की सोच को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद संघर्षों के शांतिपूर्ण समाधान और सभी देशों के बीच सम्मानजनक संबंधों को बढ़ावा देने का संदेश देता है। मुख्यमंत्री ने भारत की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की सक्रिय भागीदारी से यह स्पष्ट होता है कि भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध है।
सीएमएस के संस्थापक को दी श्रद्धांजलि
सीएमएस के संस्थापक डॉ. जगदीश गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी दूरदृष्टि और प्रयासों से यह सम्मेलन एक महत्वपूर्ण मंच बना है। उन्होंने डॉ. भारती गांधी और गीता गांधी को इस कार्यक्रम को अनवरत जारी रखने के लिए धन्यवाद दिया।
इस अवसर पर हंगरी की पूर्व राष्ट्रपति, हैती रिपब्लिक के पूर्व प्रधानमंत्री सहित दुनिया के 56 देशों से आए हुए न्यायमूर्तिगण, सीएमएस की संस्थापक निदेशक डॉ भारती गांधी, प्रबंधक गीता गांधी किंगडन समेत स्कूली बच्चे और अभिभावकगण मौजूद रहे।
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