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टीम इंडिया का यह सितारा करोड़ों का मालिक, दादा मुफलिसी में चला रहे ऑटो

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टीम इंडिया के स्टार गेंदबाज जसप्रीत बुमराह आज करोड़ों के मालिक हैं लेकिन उनके दादा मुफलिसी में जी रहे हैं। उनके हालात इस कदर बदतर हैं कि कभी तीन फैक्ट्रियों का मालिक होने के बावजूद उन्हें आज ऑटो चलाकर गुजारा करना पड़ रहा है।

उत्तराखंड के ऊधमनगर सिंह स्थित किच्छा में रह रहे जसप्रीत सिंह बुमराह के दादा संतोख सिंह बुमराह ऑटो-टैम्पो चलाकर गुजर बसर कर रहे हैं। शहर की आवास विकास कालोनी में एक जर्जर वह किराए के मकान में 84 साल के संतोख सिंह हैं। उनके साथ 45 वर्षीय पोलियो ग्रस्त उनका छोटा पुत्र जसविंदर रहता है। दोनों पिता पुत्रों की आजीविका का एक मात्र साधन एक आटो रिक्शा है।

संतोख की आर्थिक हालात हमेशा से ऐसी नहीं थी। कभी गुजरात के अहमदाबाद मे बटवा औद्योगिक एस्टेट में उनकी तूती बोलती थी। उनकी तीन फैक्टरियां थीं। इसके अलावा उनकी 2 सिस्टर कंसर्न भी थीं लेकिन बदलते वक्त ने उनका सबकुछ छीन लिया।

कारोबार क्रिकेटर जसप्रीत के पिता जसवीर सिंह संभालते थे। वर्ष 2001 में बेटे की बीमारी से मौत से संतोख सिंह टूट गए और फैक्ट्रियां भी आर्थिक संकट से घिर गईं। बैंकों का कर्जा निपटाने के लिये उन्हें तीनों फैक्ट्रियों को बेचना पड़ा और करोड़पति संतोख सडक़ पर आ गए।

हालांकि, जिंदगी की आखिरी दहलीज पर पहुंचे 84 साल के बुजुर्ग संतोख सिंह को अपनी जिंदगी से कोई शिकायत नहीं है और वह इसे कुदरत का खेल मानते हैं।

उनका पोता आज देश का बड़ा क्रिकेटर बन गया है। यही नहीं संतोख सिंह ने जसप्रीत के बचपन की फोटो बहुत सहेज कर रखी है और वह उससे मिलना चाहते हैं। संतोख का कहना है कि जीवन के आखिरी पड़ाव में उनकी तमन्न अपने पोते को गले लगा कर उसे प्यार करने की है और वह उसे छू कर आशीर्वाद देना चाहते हैं।

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मध्य प्रदेश के शहडोल में अनोखे बच्चों ने लिया जन्म, देखकर उड़े लोगों के होश

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शहडोल। मध्य प्रदेश के शहडोल से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां ऐसे बच्चों ने जन्म लिया है, जिनके 2 शरीर हैं लेकिन दिल एक ही है। बच्चों के जन्म के बाद से लोग हैरान भी हैं और इस बात की चिंता जता रहे हैं कि आने वाले समय में ये बच्चे कैसे सर्वाइव करेंगे।

क्या है पूरा मामला?

एमपी के शहडोल मेडिकल कालेज में 2 जिस्म लेकिन एक दिल वाले बच्चे पैदा हुए हैं। इन्हें जन्म देने वाली मां समेत परिवार के लोग परेशान हैं कि आने वाले समय में इन बच्चों का क्या भविष्य होगा। उन्हें समझ में ही नहीं आ रहा कि शरीर से एक दूसरे से जुड़े इन बच्चों का वह कैसे पालन-पोषण करेंगे।

परिजनों को बच्चों के स्वास्थ्य की भी चिंता है। बच्चों को ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया है। मेडिकल कालेज प्रबंधन द्वारा इन्हें रीवा या जबलपुर भेजने की तैयारी की जा रही है, जिससे इनका उचित उपचार हो सके। ऐसे बच्चों को सीमंस ट्विन्स भी कहा जाता है।

जानकारी के अनुसार, अनूपपुर जिले के कोतमा निवासी वर्षा जोगी और पति रवि जोगी को ये संतान हुई है। प्रेग्नेंसी के दर्द के बाद परिजनों द्वारा महिला को मेडिकल कालेज लाया गया था। शाम करीब 6 बजे प्रसूता का सीजर किया गया, जिसमें एक ऐसे जुडवा बच्चों ने जन्म लिया, जिनके जिस्म दो अलग अलग थे लेकिन दिल एक ही है, जो जुड़ा हुआ है।

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