खेल-कूद
टीम इंडिया के सामने नाकामियों से उबरने की चुनौती
-आंकड़े नहीं है पक्ष में
नई दिल्ली। मौजूदा चैम्पियन के तौर पर आईसीसी विश्व कप टूर्नामेंट खेलने जा रही भारतीय टीम पर इस बार सबसे बड़ा दबाव खिताब बचाने का होगा। खासकर आस्ट्रेलिया दौरे में खराब प्रदर्शन ने टीम की मुश्किलें काफी बढ़ा दी हैं। विश्व कप शुरू होने में कुछ ही दिन बाकी हैं। ऐसे में खिताब बचाने के लिए बेहद जरूरी है कि टीम जल्द ही अपनी खो चुकी लय हासिल करे और फिर से एकजुट हो टीम की तरह बेहतरीन प्रदर्शन करे।
आस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड की संयुक्त मेजबानी में 23 साल बाद विश्व कप का आयोजन होने जा रहा है, लेकिन चार साल पहले 2011 में गृह मैदान पर विश्व चैम्पियन बन कर उभरी महेंद्र सिंह धौनी की टीम फिलहाल आस्ट्रेलियाई दौरे पर बेहद खराब लय में नजर आ रही है। त्रिकोणीय श्रृंखला में भी भारतीय टीम बिना कोई मैच जीते टूर्नामेंट से बाहर हो गई। ऐसे में भारतीय टीम निश्चित रूप से विश्व कप से पहले इस खराब फॉर्म से बाहर आना चाहेगी। उल्लेखनीय है कि 1987-88 के बाद यह पहला मौका भी होगा जब भारतीय टीम सचिन तेंदुलकर के बगैर विश्व कप में उतरेगी। सचिन ने भारत के लिए पहला विश्व कप 1992 में खेला था। विश्व कप में सचिन का रिकॉर्ड शानदार रहा है। उनके नाम न केवल टूर्नामेंट में सर्वाधिक 2,278 रन का रिकॉर्ड है बल्कि सबसे ज्यादा शतक (6), सबसे ज्यादा अर्धशतक (21) और एक संस्करण सर्वाधिक 673 रन (2002-03 विश्व कप) बनाने का कीर्तिमान भी सचिन की झोली में है।
बहरहाल, आस्ट्रेलिया तथा न्यूजीलैंड की पिचों पर भारतीय टीम के प्रदर्शन की बात करें तो आंकड़े बहुत उत्साहजनक नहीं हैं। भारत ने आस्ट्रेलिया में खेले 82 एकदिवसीय मैचों में 31 में जीत हासिल की है वहीं, 44 में उसे हार का सामना करना पड़ा है। दो मैच टाइ रहे। चार मैचों का कोई नतीजा नहीं निकल सका। भारत ने आस्ट्रेलियाई पिचों पर आठ जीत एशियाई टीमों के खिलाफ हासिल की है। इसमें चार पाकिस्तान और इतने की श्रीलंका के खिलाफ मिली जीत शामिल है। साथ ही भारत ने यहां जिम्बाब्वे के खिलाफ खेले गए सभी चार मैचों में भी जीत हासिल की है।
आस्ट्रेलियाई पिचों पर शीर्ष टीमों के खिलाफ भारत का प्रदर्शन निराशाजनक है। आस्ट्रेलिया के खिलाफ भारत ने यहां खेले 42 मैचों में केवल 10 में जीत हसिल की है जबकि 30 में उसे हार का सामना करना पड़ा है। दो मैचों का कोई नतीजा नहीं निकल सका। यहीं हाल इंग्लैंड के खिलाफ भी है। भारत यहां इंग्लिश टीम के खिलाफ खेले गए चार मैचों में केवल एक में जीत दर्ज कर सका है। न्यूजीलैंड के खिलाफ भारत ने यहां छह जीत दर्ज की है और पांच बार उसे हारा का सामना करना पड़ा।
न्यूजीलैंड की पिचों पर भारत का रिकॉर्ड और डराने वाला है। भारत ने यहां खेले 40 मैचों में केवल 12 जीते हैं और 25 में उसे हार का मुंह देखना पड़ा है। भारत ने यहां आखिरी बार 2009 में जीत हासिल की थी। भारतीय टीम हालांकि, पिछले करीब डेढ़ महीने से आस्ट्रेलिया में है और ऐसे में उसे उम्मीद होगी कि इसका फायदा विश्व कप टूर्नामेंट में उसे जरूर मिलेगा। साथ ही टीम में शामिल किए गए कुछ नए चेहरों से भी टीम को बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद होगी। सबसे ज्यादा चार बार विश्व कप जीत चुकी आस्ट्रेलियाई टीम अपनी घरेलू परिस्थिति में सबसे मजबूत टीम नजर आ रही है उसे खिताब का प्रबल दावेदार माना जा रहा है। 21 साल पहले हालांकि, यहां आयोजित हुए विश्व कप में आस्ट्रेलिया की असफलता भी टीम को याद होगी। ऐसे में वह इस बार ज्यादा बेहतर और सतर्क शुरुआत करना चाहेगा।
इसके अलावा न्यूजीलैंड और दक्षिण अफ्रीका भी खिताब हासिल करने की क्षमता रखते हैं। उल्लेखनीय है कि 1992 विश्व कप में न्यूजीलैंड सेमीफाइनल में पहुंचने में कामयाब रहा था। श्रीलंका और पाकिस्तान को भी कम कर के नहीं आंका जा सकता। पाकिस्तानी टीम 1992 में यहां विश्व चैम्पियन बन कर उभरी थी।
ऑफ़बीट
IND VS AUS: पर्थ में भारतीय गेंदबाजों का कहर, बैकफुट पर ऑस्ट्रेलिया, 67 रनों पर गंवाए 7 विकेट
नई दिल्ली। पर्थ टेस्ट में भारतीय गेंदबाजों ने ऑस्ट्रेलिया को बैकफुट पर धकेल दिया है। भारत के पहली पारी में 150 रनों के जवाब में ऑस्ट्रेलियाई टीम सात विकेट खोकर 67 रन ही बना पाई है। ऑस्ट्रेलिया की शुरुआत खराब रही थी। तीसरे ही ओवर में बुमराह ने नाथन मैकस्वीनी को एल्बीडब्ल्यू आउट किया। वह 10 रन बना सके। इसके बाद बुमराह ने उस्मान ख्वाजा को कोहली के हाथों कैच कराया, फिर अगली ही गेंद पर स्टीव स्मिथ को एल्बीडब्ल्यू आउट किया। ख्वाजा आठ रन और स्मिथ खाता नहीं खोल सके। ट्रेविस हेड को डेब्यू कर रहे तेज गेंदबाज हर्षित राणा ने क्लीन बोल्ड किया। वह 11 रन बना सके। वहीं, मिचेल मार्श छह रन बनाकर मोहम्मद सिराज का शिकार बने। सिराज ने इसके बाद लाबुशेन को एल्बीडब्ल्यू किया। वह 52 गेंद में दो रन बना सके। ऑस्ट्रेलियाई कप्तान पैट कमिंस को भारतीय कप्तान बुमराह ने पंत के हाथों कैच कराया। वह तीन रन बना सके। फिलहाल एलेक्स कैरी 19 रन और मिचेल स्टार्क छह रन बनाकर नाबाद हैं। बुमराह के अलावा मोहम्मद सिराज ने दो विकेट लिए, जबकि हर्षित राणा को एक विकेट मिला।
भारतीय पारी
पर्थ के मैदान पर टीम इंडिया के बल्लेबाजी क्रम की एक बार फिर पोल खुल गई। 49.4 ओवर खेलकर ही भारत की पूरी टीम सिर्फ 150 रन बनाकर ढेर हो गई। टीम के छह बल्लेबाज दहाई का आंकड़ा पार नहीं कर सके। टीम इंडिया की शुरुआत ही बेहद खराब हुई। यशस्वी जायसवाल बिना खाता खोले ही मिचेल स्टार्क की गेंद पर पवेलियन लौट गए। देवदत्त पडिक्कल ने 23 गेंदों का सामना किया, लेकिन वो अपने नाम के आगे एक रन तक नहीं लिखवा सके। नंबर चार पर बल्लेबाजी करने उतरे विराट कोहली से फैन्स को काफी उम्मीदें थीं। हालांकि, विराट का किस्मत ने एक बार फिर साथ नहीं दिया और वह जोश हेजलवुड के हाथ से निकली बेहतरीन गेंद पर अपना विकेट गंवा बैठे। भोजनकाल से पहले 23वें ओवर में मिचेल स्टार्क ने के एल राहुल (26) को आउट कर भारत को बड़ा झटका दिया।
लंच के बाद चार विकेट पर 51 रन के आगे खेलने उतरी भारतीय टीम दूसरे सेशन में 24.4 ओवर में मात्र 99 रन ही जोड़ पाई और बचे हुए बाकी विकेट गवां दिये। 59 के स्कोर पर भारतीय टीम को पांचवां झटका लगा। मिचेल मार्श ने ध्रुव जुरेल को मार्नस लाबुशेन के हाथों कैच आउट कराया। जुरेल 11 रन बनाकर आउट हुए।
इसके बाद वॉशिंगटन सुंदर मात्र चार रन बनाकर मिचेल मार्श की गेंद पर विकेटकीपर एलेक्स कैरी को कैच थमा बैठे। भारत ने छह विकेट गिरने के बाद ऑलराउंडर नीतीश कुमार रेड्डी बल्लेबाजी करने आए और उन्होंने ऋषभ पंत के साथ छठे विकेट के लिए 48 रन जोड़े। भारत को सातवां झटका ऋषभ पंत के रूप में लगा। वह 37 रन बनाकर पैट कमिंंस की गेंद पर दूसरी स्लिप में खड़े स्टीव स्मिथ को कैच थमा बैठे।
इसके बाद हर्षित राणा मात्र 7 रन बनाकर जोश हेजलवुड की गेंद पर मार्नस लॉबुशेन को कैच थमा बैठे। भारत का नौवां विकेट जसप्रीत बुमराह के रूप में गिरा, जो जोश हेजलवुड की गेंद पर विकेटकीपर कैरी को कैच थमा बैठे। वहीं आखिरी विकेट नीतीश रेड्डी का गिरा। रेड्डी को पैट कमिंस ने उस्मान ख्वाजा के हाथों कैच आउट कराया।
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