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डीआईजी की जांच रिपोर्ट चेक कर रहा सिपाही!

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राकेश यादव

-मुख्यालय और जेटीएस में आईजी जेल ने बैठाए बाहरी कर्मी

-जेल मंत्री ने कहा मामले की कराएंगे जांच
लखनऊ। डीआईजी जेल की जांच रिपोर्ट वायरलेस विभाग का एक सिपाही देख रहा है। यह बात आपको पढ़ने और सुनने में भले ही अटपटी लग रही हो लेकिन सच है। इस सच को प्रदेश के कारागार मुख्यालय में आसानी से देखा जा सकता है। अनाधिकृत तरीके से आईजी कैम्प कार्यालय में बैठने वाले इस कर्मचारी को लेकर कारागार कर्मियों में व्यापक आक्रोश व्याप्त है। मामला विभाग के मुखिया से जुड़ा होने की वजह से आक्रोशित कर्मचारी इस गम्भीर मसले पर चुप्पी साधे हुए हैं।

कारागार विभाग के पूर्व एडीजी पुलिस/महानिरीक्षक कारागार आरआर भटनागर के डीजी पद पर पदोन्नति हो जाने के बाद शासन ने एडीजी वायरलेस के पद पर तैनात देवेन्द्र सिंह चौहान को कारागार विभाग का आईजी जेल नियुक्त किया। करीब पांच माह पूर्व आईजी जेल के पद पर नियुक्त हुए देवेन्द्र सिंह चौहान अपने पीएसओ समेत दो अन्य वायरलेस कर्मियों को लेकर कारागार मुख्यालय पहुंचने लगे। तैनाती के कुछ दिनों बाद ही एक वायरलेस कर्मी को आईजी कैम्प कार्यालय में कैम्प कार्यालय के कर्मचारियों के अतिरिक्त कुर्सी मेज डलवाकर बैठा दिया। इसके बाद से वायरलेस में तैनात यह कर्मी लगातार आईजी कैम्प कार्यालय में बैठ रहा है। बाहरी व्यक्ति के कार्यालय में बैठने को लेकर विभागीय कर्मचारियों में खासा आक्रोश व्याप्त है।

कर्मचारियों की माने तो आईजी का करीबी यह व्यक्ति अब विभागीय कार्यों में भी दखलदांजी करने लगा है। सूत्रों का कहना है कि विभिन्न जेलों से मिलने वाली शिकायतों की जांच आईजी जेल सम्बन्धित जेल के परिक्षेत्रीय डीआईजी को सौंपते है। डीआईजी प्रकरण की जांच करने के बाद आईजी जेल को सौंपने के बजाय पहले आईजी की ओर कैम्प कार्यालय में बैठाए गए कर्मी को दिखाते हैं। फिर वही जांच रिपोर्ट आईजी जेल के समक्ष प्रस्तुत की जाती है।

सूत्रों का कहना है कि पिछले दिनों पश्चिम उत्तर प्रदेश की एक जेल में एक अधिकारी के गोलमाल करने की शिकायत मिली है। इस शिकायत की जांच जेल प्रशिक्षण संस्थान के निदेशक एवं डीआईजी जेल को सौंपी गई है। जांच अधिकारी मामले की विस्तृत जांच करने के बाद जांच रिपोर्ट आईजी जेल को सौंपने गए तो उनसे कहा गया कि वह जांच रिपोर्ट पहले कैम्प कार्यालय में बैठे कर्मचारी को दिखाए। इसके बाद उसके माध्यम से रिपोर्ट आएगी।

सूत्रों का कहना है कि आईजी जेल ने जांच अधिकारी से इस रिपोर्ट को बदल कर लाने का निर्देश दिया है। यही नहीं क्रिकेट के शौकीन आईजी जेल ने जेल प्रशिक्षण संस्थान में क्रिकेट किट रखवाने और एक बाहरी कर्मचारी को आराम करने के लिए संस्थान के एक प्रोफेसर का कमरा तक खाली करा दिया। आईजी की तानाशाही से प्रशिक्षण संस्थान एवं कारागार मुख्यालय के कर्मचारियों में आक्रोश है। किन्तु मामला विभाग के मुखिया से जुड़ा होने के कारण कर्मचारी इस मसले पर कुछ भी बोलने से बच रहे हैं।

इस बाबत जब जेल मंत्री बलराम यादव से बात की गई तो उन्होंने इससे अनभिज्ञता जताते हुए कहा कि विभाग में बाहरी व्यक्तियों को दखलदांजी गलत है। इसकी जांच कराई जाएगी। जांच में दोषी पाए जाने वाले अधिकारी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

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पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला, 38 लोगों की मौत

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पख्तूनख्वा। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला हुआ है। इस हमले में 38 लोगों की मौत हो गई है। यह हमला खैबर पख्तूनख्वा के डाउन कुर्रम इलाके में एक पैसेंजर वैन पर हुआ है। हमले में एक पुलिस अधिकारी और महिलाओं समेत दर्जनों लोग घायल भी हुए हैं। जानकारी के मुताबिक उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान के अशांत प्रांत खैबर पख्तूनख्वा में आतंकियों ने शिया मुस्लिम नागरिकों को ले जा रहे यात्री वाहनों पर गोलीबारी की है। यह क्षेत्र में हाल के वर्षों में इस तरह का सबसे घातक हमला है। मृतकों की संख्या में इजाफा हो सकता है।

AFP की रिपोर्ट के मुताबिक इस हमले में 38 लोगों की मौत हुई है. पैसेंजर वैन जैसे ही लोअर कुर्रम के ओचुट काली और मंदुरी के पास से गुजरी, वहां पहले से घात लगाकर बैठे आतंकियों ने वैन पर अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू कर दीं. पैसेंजर वैन पाराचिनार से पेशावर जा रही थी। पाकिस्तान की समाचार एजेंसी डॉन के मुताबिक तहसील मुख्यालय अस्पताल अलीजई के अधिकारी डॉ. ग़यूर हुसैन ने हमले की पुष्टि की है.

शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच तनाव 

अफगानिस्तान की सीमा से लगे कबायली इलाके में भूमि विवाद को लेकर शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच दशकों से तनाव बना हुआ है। किसी भी समूह ने घटना की जिम्मेदारी नहीं ली है। जानकारी के मुताबिक “यात्री वाहनों के दो काफिले थे, एक पेशावर से पाराचिनार और दूसरा पाराचिनार से पेशावर यात्रियों को ले जा रहा था, तभी हथियारबंद लोगों ने उन पर गोलीबारी की।” चौधरी ने बताया कि उनके रिश्तेदार काफिले में पेशावर से यात्रा कर रहे थे।

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