बिजनेस
डीएचएफएल के शुद्ध लाभ में 17.45 प्रतिशत की वृद्धि
लखनऊ। निजी क्षेत्र में भारत की दूसरी सबसे बड़ी हाउसिंग फाइनेंस कंपनी दीवान हाउसिंग फाइनेंस कार्पोरेशन लिमिटेड (डीएचएफएल) ने 31 मार्च, 2015 को समाप्त वित्त वर्ष के लिए अपने वार्षिक परिणामों की घोषणा की है। कंपनी ने वित्त वर्ष 2015 के दौरान 621.29 करोड़ रूपये का शुद्ध लाभ अर्जित किया और इसमें वर्ष दर वर्ष 17.45 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है।
कंपनी के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक कपिल वधावन ने प्रदर्शन पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुये कहा, कंपनी के लिए कारोबारी विकास के साथ-साथ लाभदेयता दोनों के मामले में यह सफलतम वर्ष रहा है। हम निचले एवं मध्यम आय वर्ग में लगातार अपना ग्राहक आधार बढ़ाने में सक्षम हुये हैं। इससे हमें लोन पोर्टफोलियो में स्थायी विस्तार और राजस्व विकास प्राप्त करने में मदद मिली। हमारा वैवधीकृत बिजनेस माडल, प्रभावी मार्केटिंग रणनीतियां और वितरण पहुंच के साथ सहयोगी आर्थिक परिवेश से कंपनी के समग्र प्रदर्शन में सुधार आया है।
उन्होंने कहा कि हमें भरोसा है कि वित्त वर्ष 2016 में हमारी ग्राहक पेशकश और सुदृढ़ होगी और यह स्वस्थ विकास एवं दक्षता में सहयोग करेगी तथा शेयरधारकों के मूल्य को भी संचालित करेगी। किफायती हाउसिंग की दिशा में मजबूत फोकस के अलावा सेगमेंट को इंसेंटिवाइज करने के सरकार के प्रयासों को देखते हुये, हमें उम्मीद है कि वित्त वर्ष 2016 में किफायती आवासीय क्षेत्र में मजबूत निवेश आयेगा और इससे विकास एवं स्थिरता सुनिश्चित होगी। डीएचएफएल में हम प्रत्येक भारतीय के लिए गृह स्वामित्व को किफायती बनाने की दिशा में काम करना जारी रखेंगे।
डीएचएफएल ने अपने नेटवर्क को विस्तारित कर 575 स्थानों में अपनी उपस्थिति दर्ज करा रखी है। कंपनी अपनी व्यापक नेटवर्क उपस्थिति और उत्पाद पेशकश के माध्यम से प्रत्येक भारतीय को अपना खुद का घर खरीदने के लिए सुविधाजनक एवं दक्ष वित्तीय पहुंच मुहैया कराने के वास्ते अपने तीन दशक पुराने फोकस पर बरकरार है। डीएचएफएल देश भर के सभी ग्राहकों को होम लोन की पेशकश करती है। हालांकि, कंपनी का मुख्य फोकस निचले एवं मध्यम आय वाले सेगमेंट पर है। पोर्टफोलियो स्तर पर डीएचएफएल का औसत लोन टिकट साइज 11.6 लाख रूपये है। कंपनी का कुल ग्राहक आधार 4 लाख से अधिक है।
डीएचएफएल द्वारा होम लोन उत्पादों की व्यापक श्रृंखला की पेशकश की जाती है। इसमें होम लोन, होम एक्सटेंशन लोन, होम इम्प्रूवमेंट लोन, प्लाट लोन, मार्टगेज लोन, लीज्ड रेंटल फाइनेंस, प्रोजेक्ट लोन और गैर-आवासीय प्रापर्टी लोन शामिल हैं जोकि देश भर के सभी ग्राहकों को मुहैया कराये जाते हैं। कंपनी का मुख्य फोकस निचले एवं मध्यम आय वाले सेगमेंट पर है।
डीएचएफएल द्वारा निचली एचं मध्यम आय वाली आवासीय परियोजनाओं के विकास के लिए विशेष रूप से प्रोजेक्ट लोन की पेशकश की जाती है। डीएचएफएल द्वारा लोगों के लिए फिक्स्ड डिपाजिट उत्पादों की व्यापक श्रृंखला की पेशकश की जाती है। इसमें व्यक्तिगत एवं ट्रस्ट निवेशक भी शामिल हैं, जोकि उच्च प्रतिफल, सुरक्षा और तरलता सुनिश्चित करते हैं।
व्यक्तिगत निवेशकों के लिए डीएचएफएल फिक्स्ड डिपाजिट उत्पाद द्वारा ग्राहकों को निशुल्क एक लाख रूपये के दुर्घटना बीमा की भी पेशकश की जाती है। डीएचएफएल फिक्स्ड डिपाजिट उत्पादों को केयर एएए और बीडब्लूआर (एफएएएए) का दर्जा दिया गया है, जोकि उच्च सुरक्षा सुनिश्चित करते हैं। डीएचएफएल अपने होम लोन उत्पादों सहित मूल्य-वर्धित और विशिष्ट रूप से निर्मित बीमा समाधानों की पेशकश करता है।
डीएचएफएल के विषय में:
दीवान हाउसिंग फाइनेंस कार्पोरेशन लिमिटेड (डीएचएफएल) की स्थापना स्वर्गीय राजेश कुमार वाधवान द्वारा 1984 में की गई थी। इसका उद्देश्य समाज के निचले एवं मध्यम आय वर्ग तक वित्तीय पहुंच उपलब्ध कराना है। वर्तमान समय में, डीएचएफएल निजी क्षेत्र में भारत की दूसरी सबसे बड़ी हाउसिंग फाइनेंस कंपनी है और कंपनी ने देश के 575 स्थानों में अपनी उपस्थिति दर्ज करा रखी है। कंपनी के दुबई और लंदन में स्थित प्रतिनिधि कार्यालय भी हैं।
नेशनल
ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप को मनमानी करने पर 103 के बदले देने पड़ेंगे 35,453 रु, जानें क्या है पूरा मामला
हैदराबाद। ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप स्विगी को ग्राहक के साथ मनमानी करना भारी पड़ गया। कंपनी की इस मनमानी पर एक कोर्ट ने स्विगी पर तगड़ा जुर्माना ठोक दिया। हैदराबाद के निवासी एम्माडी सुरेश बाबू की शिकायत पर उपभोक्ता आयोग ने बड़ा फैसला सुनाया है। बाबू ने आरोप लगाया था कि स्विगी ने उनके स्विगी वन मेंबरशिप के लाभों का उल्लंघन किया और डिलीवरी Food Delivery की दूरी को जानबूझकर बढ़ाकर उनसे अतिरिक्त शुल्क वसूला
क्या है पूरा मामला ?
सुरेश बाबू ने 1 नवंबर, 2023 को स्विगी से खाना ऑर्डर किया था। सुरेश के लोकेशन और रेस्टॉरेंट की दूरी 9.7 किमी थी, जिसे स्विगी ने बढ़ाकर 14 किमी कर दिया था। दूरी में बढ़ोतरी की वजह से सुरेश को स्विगी का मेंबरशिप होने के बावजूद 103 रुपये का डिलीवरी चार्ज देना पड़ा। सुरेश ने आयोग में शिकायत दर्ज कराते हुए कहा कि स्विगी वन मेंबरशिप के तहत कंपनी 10 किमी तक की रेंज में फ्री डिलीवरी करने का वादा किया था।कोर्ट ने बाबू द्वारा दिए गए गूगल मैप के स्क्रीनशॉट्स और बाकी सबूतों की समीक्षा की और पाया कि दूरी में काफी बढ़ोतरी की गई है।
कोर्ट ने स्विगी को अनुचित व्यापार व्यवहार का दोषी पाया और कंपनी को आदेश दिया कि वे सुरेश बाबू को 9 प्रतिशत ब्याज के साथ 350.48 रुपये के खाने का रिफंड, डिलीवरी के 103 रुपये, मानसिक परेशानी और असुविधा के लिए 5000 रुपये, मुकदमे की लागत के लिए 5000 रुपए समेत कुल 35,453 रुपये का भुगतान करे।
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