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तानाशाह के देश में सुंदरियां करती हैं ट्रैफिक कंट्रोल, इन्हें देखने आते हैं पर्यटक

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प्योंगयोंग। उत्तर कोरिया में ट्रैफिक संभालने के लिए सुंदरियों को रखा जाता हैं। सड़कों पर ट्रैफिक संभालने वाली महिलाओं की भर्ती उनके लुक्स यानी नैन–नक्‍श को देखकर होती है। ट्रैफिक संभालने में इन लडकियों को 26 साल की उम्र में रिटायर कर दिया जाता है। इस दौरान इन्हें शादी करने की भी इजाजत नहीं है। कोई ट्रैफिक लेडी यदि शादी कर लेती है तो उसे नौकरी गंवानी पड़ती है।

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यहां आने वाले पर्यटकों और पत्रकारों के लिए प्योंगयोंग की सडकों इन सुंदरियों को देखना उनका पसंदीदा विषय होता है। यहां 300 ट्रैफिक सुंदरियां काम करती हैं।

प्योंगयोंग के चौराहों पर ब्लू वर्दी और काली हील के जूते पहने ट्रैफिक संभालती युवा सुंदरियों को आधिकारिक तौर पर ट्रैफिक सुरक्षा अधिकारी कहा जाता है, लेकिन दुनिया इन्हें ट्रैफिक लेडिज कहती है।

उत्तर कोरिया प्रशासन इन ल़़डकियों पर विशेष ध्यान रखता है। कोशिश की जाती है कि इस पद के लिए सुंदर, आकर्षक और फोटोजेनिक चेहरे वाली युवा ल़़डकियों को ही चुना जाए क्योंकि यहां आने वाले पर्यटक और पत्रकारों की इन पर विशेष नजर रहती हैं। इन लडकियों को नौकरी के दौरान तय मानदंडों के अनुसार जीवन जीना पडता है। इसलिए सुंदरियों को चुना जाता हैं।

उत्तर कोरिया के लोक सुरक्षा मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि ये लडकियां देश की राजधानी का प्रतिनिधित्व करती हैं इसलिए इनका चयन उनकी कद काठी और सुंदरता के आधार पर किया जाता है। यह मंत्रालय ट्रैफिक मामले देखता है।

पुरुषों के लिए उम्र सीमा नहीं इन लडकियों के आसपास ही पुरुष ट्रैफिक जवान भी तैनात किए जाते हैं। इनके लिए उम्र सीमा नहीं है। इनकी संख्या करीब 400 है। 1980 से हो रही भर्ती नियम के बारे में अधिकारी का कहना है कि यह कठिन ड्यूटी है इसलिए लडकियों को शादी के बाद इसे निभाना कठिन होता है।

उत्तर कोरिया में लडकियां 26-27 की उम्र में शादी कर लेती हैं। इन लडकियों की भर्ती 1980 से की जाने लगी। तब हालांकि यहां कारें और ट्रैफिक काफी कम थी। हमेशा सतर्क ट्रैफिक लेडिज भी उत्तर कोरिया का एक सुरक्षा दस्ता है। दस्ते की सीनियर कैप्टन री म्योंग सिम (24) का कहना है कि हमें सभी एक्शन पूरी तरह अनुशासन मे रहकर और स्फूर्ति के साथ करना प़़डता है।

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मध्य प्रदेश के शहडोल में अनोखे बच्चों ने लिया जन्म, देखकर उड़े लोगों के होश

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शहडोल। मध्य प्रदेश के शहडोल से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां ऐसे बच्चों ने जन्म लिया है, जिनके 2 शरीर हैं लेकिन दिल एक ही है। बच्चों के जन्म के बाद से लोग हैरान भी हैं और इस बात की चिंता जता रहे हैं कि आने वाले समय में ये बच्चे कैसे सर्वाइव करेंगे।

क्या है पूरा मामला?

एमपी के शहडोल मेडिकल कालेज में 2 जिस्म लेकिन एक दिल वाले बच्चे पैदा हुए हैं। इन्हें जन्म देने वाली मां समेत परिवार के लोग परेशान हैं कि आने वाले समय में इन बच्चों का क्या भविष्य होगा। उन्हें समझ में ही नहीं आ रहा कि शरीर से एक दूसरे से जुड़े इन बच्चों का वह कैसे पालन-पोषण करेंगे।

परिजनों को बच्चों के स्वास्थ्य की भी चिंता है। बच्चों को ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया है। मेडिकल कालेज प्रबंधन द्वारा इन्हें रीवा या जबलपुर भेजने की तैयारी की जा रही है, जिससे इनका उचित उपचार हो सके। ऐसे बच्चों को सीमंस ट्विन्स भी कहा जाता है।

जानकारी के अनुसार, अनूपपुर जिले के कोतमा निवासी वर्षा जोगी और पति रवि जोगी को ये संतान हुई है। प्रेग्नेंसी के दर्द के बाद परिजनों द्वारा महिला को मेडिकल कालेज लाया गया था। शाम करीब 6 बजे प्रसूता का सीजर किया गया, जिसमें एक ऐसे जुडवा बच्चों ने जन्म लिया, जिनके जिस्म दो अलग अलग थे लेकिन दिल एक ही है, जो जुड़ा हुआ है।

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