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ताशकंद में शास्त्री के साथ थे सुभाष चंद्र बोस!

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कोलकाता। महान क्रांतिकारी नेताजी सुभाषचंद्र बोस से जुड़ा चौंकानेवाला तथ्य सामने आया है। खुलासा हुआ है कि पहली बार मृत घोषित किए जाने के लगभग 2 दशक बाद भी सुभाषचंद्र बोस जीवित थे। इसका दावा ब्रिटिश विशेषज्ञों द्वारा जारी एक तस्वीर के माध्यम से किया गया है। और तो और यह तस्वीर वर्ष 1966 में ऐतिहासिक ताशकंद समझौते के वक्त की है। इस तस्वीर में पूर्व पीएम लाल बहादुर शास्त्री के साथ ताशकंद गए भारतीय दल में शामिल एक व्यक्ति का चेहरा नेताजी सुभाष चंद्र बोस से बिल्कुल मिलता-जुलता नजर आ रहा है।

नेताजी के विषय से जुड़े शोधकर्ताओं ने ब्रिटिश विशेषज्ञों द्वारा चेहरा पहचानने और इसका अनुमान लगाने वाली फॉरेंसिक तकनीक ‘फेस मैपिंग’ का इस्तेमाल कर खोजी एक तस्वीर को सबूत के तौर पर पेश किया है। विशेषज्ञों का मानना है कि शास्त्री जी के साथ दिखने वाले यह व्यक्ति नेताजी सुभाषचंद्र बोस हो सकते हैं। इस मामले में ब्रिटेन के उच्च न्यायालयों और अंतराष्ट्रीय कोर्ट ऑफ जस्टिस में राय देनेवाले नील मिलर का कहना है कि ताशकंद में शास्त्रीजी के साथ दिखनेवाले रहस्यमय व्यक्ति के फेस मैपिग से पुख्ता होता है कि वह व्यक्ति नेताजी ही हैं।

शोधकर्ताओं ने पीएम नरेंद्र मोदी से अपील की है कि वह रूस के राष्ट्रपति पुतिन पर नेताजी से जुड़े सच का खुलासा करने के लिए दबाव डालें। मालूम हो कि पीएम मोदी इसी महीने रूस के दौरे पर जा रहे हैं।

ब्रिटिश एक्सपर्ट के दावे में मुताबिक अगर यह फोटो नेताजी की है तो इससे दो बातें साबित होती हैं कि नेताजी की मौत 1945 में हुए प्लेन हादसे में नहीं हुई थी। साथ ही यह भी गलत साबित हो जाएगा कि रूसी नेता स्टालिन ने 1950 की शुरुआत में उनका मर्डर कराया था।
वहीं शास्त्री जी का परिवार भी दावा करता रहा है कि ताशकंद दौरे के दौरान शायद उनकी बात नेताजी से हुई हो। शास्त्री की इसी दौरे के बीच में 11 जनवरी 1966 को रहस्यमय परिस्थितियों में मौत हो गई थी।

ध्यान रहे कि शास्त्री जी की इसी दौरे के बीच में 11 जनवरी 1966 को रहस्यमय हालात में मौत हो गई थी। बताया जाता है कि शास्त्री जी की मौत हार्ट अटैक के कारण हुई। इस संदर्भ में उस समय 9 साल के रहे शास्त्री जी के पोते संजय नाथ सिंह ने याद करते हुए बताया था कि मृत घोषित किए जाने से महज एक घंटे पहले ही शास्त्री जी ने किसी के साथ फोन पर बात की थी। शास्त्री जी ने कहा था कि वह भारत लौटकर एक ऐसी चीज का खुलासा करेंगे जिससे विपक्षी दल बाकी सब कुछ भूल जाएंगे।

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पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला, 38 लोगों की मौत

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पख्तूनख्वा। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला हुआ है। इस हमले में 38 लोगों की मौत हो गई है। यह हमला खैबर पख्तूनख्वा के डाउन कुर्रम इलाके में एक पैसेंजर वैन पर हुआ है। हमले में एक पुलिस अधिकारी और महिलाओं समेत दर्जनों लोग घायल भी हुए हैं। जानकारी के मुताबिक उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान के अशांत प्रांत खैबर पख्तूनख्वा में आतंकियों ने शिया मुस्लिम नागरिकों को ले जा रहे यात्री वाहनों पर गोलीबारी की है। यह क्षेत्र में हाल के वर्षों में इस तरह का सबसे घातक हमला है। मृतकों की संख्या में इजाफा हो सकता है।

AFP की रिपोर्ट के मुताबिक इस हमले में 38 लोगों की मौत हुई है. पैसेंजर वैन जैसे ही लोअर कुर्रम के ओचुट काली और मंदुरी के पास से गुजरी, वहां पहले से घात लगाकर बैठे आतंकियों ने वैन पर अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू कर दीं. पैसेंजर वैन पाराचिनार से पेशावर जा रही थी। पाकिस्तान की समाचार एजेंसी डॉन के मुताबिक तहसील मुख्यालय अस्पताल अलीजई के अधिकारी डॉ. ग़यूर हुसैन ने हमले की पुष्टि की है.

शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच तनाव 

अफगानिस्तान की सीमा से लगे कबायली इलाके में भूमि विवाद को लेकर शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच दशकों से तनाव बना हुआ है। किसी भी समूह ने घटना की जिम्मेदारी नहीं ली है। जानकारी के मुताबिक “यात्री वाहनों के दो काफिले थे, एक पेशावर से पाराचिनार और दूसरा पाराचिनार से पेशावर यात्रियों को ले जा रहा था, तभी हथियारबंद लोगों ने उन पर गोलीबारी की।” चौधरी ने बताया कि उनके रिश्तेदार काफिले में पेशावर से यात्रा कर रहे थे।

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