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प्रादेशिक

तीसरे दिन लगातार ब्रज में लठमार होली की धूम

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ब्रज मंडल के वातावरण, ब्रज में लठमार होली की धूम, नन्दगाँव में खेली जाने वाली लठमार होली

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मथुरा। ब्रज मंडल के वातावरण में अभी से अबीर और गुलाल चारों ओर उड़ रहा है।  पूरा नन्दगाँव “आज बिरज में होली है रसिया” के गीतों से गूंज रहा है। महीने भर पहले से चल रही तैयारियां नन्दगाँव में खेली जाने वाली लठमार होली की सोमवार को बरसाने की लठमार होली के दिन पूरी हो गई थीं।

ब्रज मंडल के वातावरण, ब्रज में लठमार होली की धूम, नन्दगाँव में खेली जाने वाली लठमार होली

लठमार होली

आज मंगलवार को बरसाने के ग्वाल-बाल रंगबिरंगे कपड़े पहनकर अपने सिर पर पगड़ी बांधे और हाथों में ढाल लिए नन्दगाँव रवाना हो गए हैं।  ढाल इसलिए ली है, नन्दगाँव की हुरियारिनों के लठ की मार से खुद को जो बचाना है। यह हुरियारे सबसे पहले नन्द भवन पहुचे यहां पहुच कर विधिवत पूजा अर्चना कर इन्होंने अपने सर पर पग बांधकर हाथों में ढाल संभाल लीं।

द्वारकेश बर्मन की रिपोर्ट

उधर, नन्दगाँव की हुरियारने जो की राधिका का स्वरुप मानी जाती है वह भी सोलह श्रृंगार कर अपने ग्वाल-बालों की बाट जोह चुकी हैं। उन्होंने भी घरों से पुरानी लाठियां निकालकर उन्हें सरसों के तेल से चमका लिया है। यह नन्दगाँव की भाभियाँ भी अपनी लाठियों को पिछले माह से ही तेल पिला रही है।

बरसाना से सज आये हुरियारे, नन्दगाँव की हुरियारनो ने बजाये लट्ठ

यह तैयारी ग्वालों के छेड़छाड़ करने पर उन्हें सबक सिखाने के लिए है। दरअसल होली का पर्व हँसी ठिठोली और छेड़खानी से भरा जो होता है। द्वापर युग यानी कृष्ण काल से चली आ रही सदियां पुरानी इस परम्परा का निर्वहन आज भी यहां ब्रज क्षेत्र में किया जा रहा है।

यह भी पढ़ें- हुरियारनो ने नन्दगाँव के हुरियारों पर लट्ठ चलाकर मनाई होली

कल बुधवार को यही क्रम मथुरा में दोहराया जाएगा, जब नन्दगाँव,वृन्दावन,गोकुल, बरसाने आदी समूचे जनपद के देवर यानि ग्वाल ढाल लेकर जन्मभूमि मंदिर परिसर में पहुंचेंगे और मथुरा की गोपियां लठमार कर उनका स्वागत करेंगी।

 

 

 

 

 

 

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IANS News

वसुधैव कुटुंबकम’ भारत का शाश्वत संदेश : योगी आदित्यनाथ

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लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘वसुधैव कुटुंबकम’ के आदर्श वाक्य के महत्व पर जोर देते हुए इसे भारत की वैश्विक मानवता के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक बताया है। उन्होंने इसे भारत का शाश्वत संदेश बताते हुए कहा कि हमने हमेशा से शांति, सौहार्द और सह-अस्तित्व को प्राथमिकता दी है। सीएम योगी ने यह बात शुक्रवार को एलडीए कॉलोनी, कानपुर रोड स्थित सिटी मॉन्टेसरी स्कूल (सीएमएस) के वर्ल्ड यूनिटी कन्वेंशन सेंटर में विश्व के मुख्य न्यायाधीशों के 25वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करने के दौरान अपने संबोधन में कही। कार्यक्रम में 56 देशों के 178 मुख्य न्यायाधीश और डेलिगेट्स ने भाग लिया।

‘अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक’
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक बताया। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद सम्मानजनक अंतरराष्ट्रीय संबंधों को विकसित करने और संघर्षों को शांतिपूर्ण ढंग से हल करने के लिए नैतिक मार्ग का अनुसरण करने के लिए हम सभी को प्रेरित करता है। उन्होंने समारोह को प्रेरणादायक बताते हुए कहा कि 26 नवंबर 2024 को संविधान अंगीकरण के 75 वर्ष पूरे होंगे। यह संविधान के अंगीकृत होने के अमृत महोत्सव वर्ष की शुरुआत के दौरान आयोजित हो रहा है।

‘युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है’
योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संयुक्त राष्ट्र के ‘समिट ऑफ दि फ्यूचर’ में दिये गये संबोधन की चर्चा करते हुए कहा कि युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है। युद्ध ने दुनिया के ढाई अरब बच्चों के भविष्य को खतरे में डाला है। उन्होंने दुनिया के नेताओं से आग्रह किया कि वे एकजुट होकर आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वच्छ, सुरक्षित और भयमुक्त समाज का निर्माण करें। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सम्मेलन को वैश्विक संवाद और सहयोग का मंच बताते हुए विश्वास व्यक्त किया कि अनुच्छेद 51 की भावना के अनुरूप यह आयोजन विश्व कल्याण के मार्ग को प्रशस्त करेगा। उन्होंने दुनिया भर के न्यायाधीशों से इस दिशा में सक्रिय योगदान देने का भी आह्वान किया।

‘भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध’
मुख्यमंत्री ने संविधान के अनुच्छेद 51 की चर्चा करते हुए कहा कि यह वैश्विक शांति और सौहार्द की दिशा में भारत की सोच को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद संघर्षों के शांतिपूर्ण समाधान और सभी देशों के बीच सम्मानजनक संबंधों को बढ़ावा देने का संदेश देता है। मुख्यमंत्री ने भारत की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की सक्रिय भागीदारी से यह स्पष्ट होता है कि भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध है।

सीएमएस के संस्थापक को दी श्रद्धांजलि
सीएमएस के संस्थापक डॉ. जगदीश गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी दूरदृष्टि और प्रयासों से यह सम्मेलन एक महत्वपूर्ण मंच बना है। उन्होंने डॉ. भारती गांधी और गीता गांधी को इस कार्यक्रम को अनवरत जारी रखने के लिए धन्यवाद दिया।

इस अवसर पर हंगरी की पूर्व राष्ट्रपति, हैती रिपब्लिक के पूर्व प्रधानमंत्री सहित दुनिया के 56 देशों से आए हुए न्यायमूर्तिगण, सीएमएस की संस्थापक निदेशक डॉ भारती गांधी, प्रबंधक गीता गांधी किंगडन समेत स्कूली बच्चे और अभिभावकगण मौजूद रहे।

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