प्रादेशिक
तेलंगाना, आंध्र में परिवहन कर्मियों की हड़ताल, जनजीवन प्रभावित
हैदराबाद | तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में वेतन वृद्धि की मांग को लेकर एक लाख से अधिक परिवहन कर्मियों की हड़ताल के कारण बुधवार को दोनों राज्यों के सार्वजनिक परिवहन निगम की करीब 20 हजार बसों का संचालन ठप है। लंबी दूरी और शहर के अंदर सेवा देने वाली बसों का संचालन ठप रहने से सरकारी परिवहन साधनों का उपयोग करने वाले करीब 1.5 करोड़ यात्रियों को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा है।
आंध्र प्रदेश में आंध्र प्रदेश परिवहन निगम सेवा (एपीएसआरटीसी) की 10,576 बसें और तेलंगाना में 9,370 बसें बस अड्डों से बाहर नहीं निकलीं। इस दौरान विद्यार्थियों, नौकरीपेशा लोगों, पर्यटकों और तिरुपति के श्रद्धालुओं को परेशानी का सामना करना पड़ा है। एपीएसआरटीसी प्रबंधन ने कर्मचारियों को चेतावनी देते हुए कहा है कि यदि वे गुरुवार दोपहर तक काम पर नहीं लौटते हैं, तो उनके विरुद्ध आवश्यक सेवा रखरखाव अधिनियम (एस्मा) के तहत कार्रवाई की जाएगी। लेकिन कर्मचारी संघों ने कहा है कि वे डरने वाले नहीं हैं। आधी रात से हड़ताल पर डटे कर्मचारी वेतन को दोनों राज्यों में राज्य सरकार के अन्य विभाग के कर्मचारियों के वेतन के समान किए जाने की मांग कर रहे हैं।
एपीएसआरटीसी प्रबंधन ने मांग को यह कहते हुए खारिज कर दिया है कि संगठन की माली हालत उतनी अच्छी नहीं है। प्रबंधन ने 27 फीसदी वेतन वृद्धि की पेशकश की है। प्रबंधन ठेके पर काम करने वाले कर्मचारियों के सहारे सेवा संचालित करने की कोशिश कर रहा है। इसके कारण कुछ स्थानों पर ठेका कर्मियों और हड़ताली कर्मचारियों के बीच संघर्ष भी हुआ। बुधवार को हैदराबाद में महात्मा गांधी बस अड्डे पर वीरानी छाई रही। महात्मा गांधी बस अड्डा, सिकंदराबाद में जुबली बस अड्डा तथा विशाखापत्तनम, विजयवाड़ा, तिरुपति तथा अन्य स्थानों के बस अड्डों पर सेवा बाधित रही और लोगों को पेरशानी हुई। ग्रेटर हैदराबाद में करीब 3,500 बसों का संचालन नहीं हुआ। एपीएसआरटीसी के प्रबंध निदेशक एन. संबाशिवा राव ने कहा कि बस किराया 15-20 फीसदी बढ़ा कर ही वेतन वृद्धि की मांग पूरी नहीं की जा सकती है। उन्होंने कहा कि संगठन का 14 मई से दोनों राज्यों के लिए दो इकाइयों में विभाजन होने वाला है, इसलिए भी यह मांग अभी पूरी नहीं की जा सकती है।
उन्होंने कहा कि 43 फीसदी वेतन वृद्धि से संगठन का खर्च 2,800 करोड़ रुपये बढ़ जाएगा, जिसे 2014-15 में 950 करोड़ रुपये का घाटा हुआ है। तेलंगाना के परिवहन मंत्री महेंद्र रेड्डी और आंध्र प्रदेश के परिवहन मंत्री सिद्ध राघव राव ने कर्मचारियों से अपील की है कि आम लोगों की परेशानी को देखते हुए वे हड़ताल वापस ले लें। उन्होंने साथ ही कहा कि आरटीसी सेवा को आंशिक तौर पर संचालित करने की कोशिश की जा रही है। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने भी आरटीसी कर्मचारियों से राज्य की वित्तीय कठिनाई को देखते हुए हड़ताल वापस लेने का आग्रह किया है।
IANS News
वसुधैव कुटुंबकम’ भारत का शाश्वत संदेश : योगी आदित्यनाथ
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘वसुधैव कुटुंबकम’ के आदर्श वाक्य के महत्व पर जोर देते हुए इसे भारत की वैश्विक मानवता के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक बताया है। उन्होंने इसे भारत का शाश्वत संदेश बताते हुए कहा कि हमने हमेशा से शांति, सौहार्द और सह-अस्तित्व को प्राथमिकता दी है। सीएम योगी ने यह बात शुक्रवार को एलडीए कॉलोनी, कानपुर रोड स्थित सिटी मॉन्टेसरी स्कूल (सीएमएस) के वर्ल्ड यूनिटी कन्वेंशन सेंटर में विश्व के मुख्य न्यायाधीशों के 25वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करने के दौरान अपने संबोधन में कही। कार्यक्रम में 56 देशों के 178 मुख्य न्यायाधीश और डेलिगेट्स ने भाग लिया।
‘अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक’
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक बताया। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद सम्मानजनक अंतरराष्ट्रीय संबंधों को विकसित करने और संघर्षों को शांतिपूर्ण ढंग से हल करने के लिए नैतिक मार्ग का अनुसरण करने के लिए हम सभी को प्रेरित करता है। उन्होंने समारोह को प्रेरणादायक बताते हुए कहा कि 26 नवंबर 2024 को संविधान अंगीकरण के 75 वर्ष पूरे होंगे। यह संविधान के अंगीकृत होने के अमृत महोत्सव वर्ष की शुरुआत के दौरान आयोजित हो रहा है।
‘युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है’
योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संयुक्त राष्ट्र के ‘समिट ऑफ दि फ्यूचर’ में दिये गये संबोधन की चर्चा करते हुए कहा कि युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है। युद्ध ने दुनिया के ढाई अरब बच्चों के भविष्य को खतरे में डाला है। उन्होंने दुनिया के नेताओं से आग्रह किया कि वे एकजुट होकर आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वच्छ, सुरक्षित और भयमुक्त समाज का निर्माण करें। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सम्मेलन को वैश्विक संवाद और सहयोग का मंच बताते हुए विश्वास व्यक्त किया कि अनुच्छेद 51 की भावना के अनुरूप यह आयोजन विश्व कल्याण के मार्ग को प्रशस्त करेगा। उन्होंने दुनिया भर के न्यायाधीशों से इस दिशा में सक्रिय योगदान देने का भी आह्वान किया।
‘भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध’
मुख्यमंत्री ने संविधान के अनुच्छेद 51 की चर्चा करते हुए कहा कि यह वैश्विक शांति और सौहार्द की दिशा में भारत की सोच को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद संघर्षों के शांतिपूर्ण समाधान और सभी देशों के बीच सम्मानजनक संबंधों को बढ़ावा देने का संदेश देता है। मुख्यमंत्री ने भारत की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की सक्रिय भागीदारी से यह स्पष्ट होता है कि भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध है।
सीएमएस के संस्थापक को दी श्रद्धांजलि
सीएमएस के संस्थापक डॉ. जगदीश गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी दूरदृष्टि और प्रयासों से यह सम्मेलन एक महत्वपूर्ण मंच बना है। उन्होंने डॉ. भारती गांधी और गीता गांधी को इस कार्यक्रम को अनवरत जारी रखने के लिए धन्यवाद दिया।
इस अवसर पर हंगरी की पूर्व राष्ट्रपति, हैती रिपब्लिक के पूर्व प्रधानमंत्री सहित दुनिया के 56 देशों से आए हुए न्यायमूर्तिगण, सीएमएस की संस्थापक निदेशक डॉ भारती गांधी, प्रबंधक गीता गांधी किंगडन समेत स्कूली बच्चे और अभिभावकगण मौजूद रहे।
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