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तेलंगाना : नक्सलियों ने टीआरएस नेताओं को चेतावनी देकर रिहा किया

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हैदराबाद। तेलंगाना में नक्सलियों ने चार दिन पहले अगवा किए गए सत्तारूढ़ तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) के छह नेताओं को चेतावनी के साथ रिहा कर दिया है। उन्होंने चेताया है कि यदि सरकार अपने तरीके नहीं बदलती है तो पार्टी नेता मारे जाएंगे। पुलिस ने कहा कि टीआरएस के सभी छह नेता पुसुगुप्पा जंगली इलाके में शनिवार सुबह चरला पहुंचे, जहां से उन्हें रिहा किया गया।

भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) के सदस्यों ने इन नेताओं को कोई नुकसान पहुंचाए बगैर रिहा कर दिया है। इससे उनके परिवारों ने राहत की सांस ली है। भद्राचलम निर्वाचन क्षेत्र के लिए टीआरएस के प्रभारी एम. रामकृष्ण बुधवार देर शाम अगवा किए गए नेताओं में शामिल थे। उन्होंने संवाददाताओं को बताया कि नक्सलियों ने उनके माध्यम से संदेश भेजे हैं कि अगर सरकार अपना रवैया नहीं बदलती है तो वे राज्य स्तर से लेकर गांव स्तर तक के पार्टी नेताओं की हत्या करेंगे।

नक्सली इस बात से नाराज है कि टीआरएस इस वादे के साथ सत्ता में आई है कि वह नक्सली एजेंडे का अनुसरण करेगी, लेकिन वह दमनकारी नीतियां अपना रही है और फर्जी मुठभेड़ों में उन्हें मार रही है। नक्सलियों ने यह मांग भी की है कि सरकार तत्काल नक्सल विरोधी अभियान बंद कर दे। यह घटना गुरुवार को तब प्रकाश में आई, जब टीआरएस नेता उस दूरवर्ती गांव से घर नहीं लौटे, जहां वे कुछ लोगों से मिलने के लिए गए थे।

छत्तीसगढ़ में नक्सलियों के गढ़ से लगे इलाके में सत्तारूढ़ पार्टी के नेताओं के अपहरण से पार्टी कार्यकर्ताओं के बीच दहशत पैदा हो गई है। नक्सलियों ने एक पत्र जारी किया था, जिसमें तीन मांगें शामिल थीं। इसमें से एक मांग ‘फर्जी’ मुठभेड़ों को बंद करने और तलाशी अभियान पर रोक लगाने की मांगें शामिल थीं। नक्सलियों ने पत्र में धमकी दी थी कि अगर उनकी मांगे नहीं मानी गईं तो वे टीआरएस नेताओं को निशाना बनाएंगे।

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बीजेपी सांसद तेजस्वी सूर्या पर कर्नाटक में FIR दर्ज, फेक न्यूज फैलाने का है आरोप

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बेंगलुरु। बीजेपी सांसद तेजस्वी सूर्या पर कर्नाटक में एफआईआर दर्ज हुई है। तेजस्वी पर एक किसान की आत्महत्या के मामले को वक्फ बोर्ड के साथ भूमि विवाद से जोड़कर फर्जी खबर फैलाने का आरोप है। पुलिस ने स्पष्ट किया कि किसान की आत्महत्या का कारण कर्ज और फसल खराबी था, न कि जमीन का विवाद। इस मामले ने कर्नाटक में राजनीति को गरमा दिया है।

हावेरी जिले के पुलिस अधीक्षक ने इस मामले में बताया कि किसान की मौत जनवरी 2022 में हुई थी। उन्होंने कहा कि किसान ने आत्महत्या की वजह कर्ज और फसल नुकसान बताया गया था। पुलिस ने मामले की जांच पूरी करके रिपोर्ट भी प्रस्तुत कर दी थी। सूर्या की पोस्ट के बाद इस घटना को लेकर राजनीतिक हलचल तेज हो गई, और सोशल मीडिया पर चर्चाएं शुरू हो गईं।

कन्नड़ न्यूज पोर्टल के संपादकों पर भी FIR दर्ज

इस मामले में केवल तेजस्वी सूर्या ही नहीं, बल्कि दो कन्नड़ न्यूज़ पोर्टल के संपादकों के खिलाफ भी FIR दर्ज की गई है। इन पोर्टल्स ने एक हेडलाइन में दावा किया कि किसान की आत्महत्या वक्फ बोर्ड के भूमि विवाद से जुड़ी थी। पुलिस का कहना है कि इस प्रकार की गलत जानकारी किसानों में तनाव फैला सकती है और इसीलिए मामला दर्ज किया गया है।

वहीँ एफआईआर दर्ज होने के बाद तेजस्वी सूर्या ने इसपर सफाई दी है। उन्होंने कहा कि हाल ही में वक्फ भूमि के नोटिसों ने किसानों के बीच चिंता बढ़ाई है, जिसके चलते उन्होंने प्रारंभिक रिपोर्ट पर विश्वास किया।

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