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प्रादेशिक

…तो अधीक्षक हो जाएंगे डिप्टी जेलर

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-रिटायर एडीजी, डीआईजी एवं डीआईजी रिवर्ट होकर बन जाएंगे वरिष्ठ अधीक्षक

-आरक्षण का लाभ लेकर प्रोन्नत पाए अधिकारियों का यह होगा हाल

राकेश यादव

लखनऊ। एडीजी डीआईजी, डीआईजी अधीक्षक और अधीक्षक डिप्टी जेलर बन जाएंगे। सर्वोच्च न्यायालय के अनुसुचित जाति के आधार पर आरक्षण का लाभ लेकर प्रोन्नति पाए उत्तर प्रदेश के कारागार विभाग के अधिकारियों का कुछ यही हाल होने जा रहा है। न्यायालय के आदेश पर विभाग ने ऐसे अधिकारियों को चिन्हित करने का काम अन्तिम चरण में है। प्रदेश कारागार विभाग में करीब दो दर्जन से अधिक अधिकारियों के रिवर्ट होने की सम्भावना है। अधिकारियों को 1994 की स्थिति पर लाया जाएगा। इस सूची मे रिटायर अधिकारियों को भी शामिल किया जाएगा।

सर्वोच्च न्यायलय ने अनुसूचित जाति के प्रोन्नति मे आरक्षण का लाभ लेकर प्रोन्नत पाए अधिकारियों को रिवर्ट करने का आदेश जारी किया। इस आदेश के बाद से प्रदेश के विभिन्न विभागों में आरक्षण का लाभ लेकर प्रोन्नत पाए अधिकारियों की सूची तैयार की जा रही है। इसके तहत यूपी कारागार विभाग में भी खलबली मची हुई है। सूत्रों का कहना है कि आरक्षण का लाभ लेकर प्रोन्नति पाने वाले अधिकारियों की संख्या दो दर्जन से अधिक है। विभाग की ओर से तैयार कराई गई सूची के मुताबिक इसमें अपर महानिदेशक कारागार से लेकर जेलर स्तर तक के अधिकारी शामिल है। इसमें कई अधिकारी तो रिटायर भी हो चुके हैं। सूत्र बताते हैं कि आरक्षण का लाभ पाकर अपर निदेशक कारागार बने एमएल प्रकाश रिटायर हो चुके हैं। इन्हें वर्ष 1994 की स्थिति में लाया जाएगा तो ये प्रदोन्नत होकर डीआईजी पद पर पहुंच जाएंगे।

इसी प्रकार आरक्षण का लाभ लेकर डीआईजी बने केदारनाथ और वरिष्ठ अधीक्षक बने शैलेन्द्र मैत्रया, रामधनी एवं रिटायर हो चुके नवल किशोर अधीक्षक पद पर रिर्वट हो जाएंगे। इसी क्रम में आरक्षण पाकर अधीक्षक बने लक्ष्मी नारायण (बदांयू), राजेन्द्र कुमार (गाजीपुर), अशोक कुमार सागर (इटावा), पीडी सलोनिया (मथुरा), अनिल कुमार सुधाकर (उरई), रीबन सिंह (ललितपुर), कैलाश चन्द्र (कानपुर देहात) समेत कुल 10 अधीक्षक रिवर्ट होकर डिप्टी जेलर बन जाएंगे। डिप्टी जेलर पद से आरक्षण का लाभ लेकर जेलर बने नयन तारा बनर्जी (जिला जेल बरेली), दीपांकर भारती निलंबित (बलिया), संतोष कुमार (नैनी), सुरेश चन्द्र (बाराबंकी), प्रदीप कुमार (शाहजहांपुर), मनीश कुमार( मुरादाबाद), महेन्द्र कुमार (पीलीभीत), राजेश कुमार (मेरठ) एवं हरीश कुमार (सीतापुर) समेत कई जेलर भी रिवर्ट होकर अपने पूर्व के डिप्टी जेलर पद पर आ जाएंगे। विभाग की ओर से सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश के बाद विभाग की ओर से अधिकारी संवर्ग की जो वरिष्ठता सूची तैयार की गई है उसमे इस सच को आसानी से देखा जा सकता है।

उधर विभाग के मुखिया एवं प्रभारी महानिरीक्षक कारागार देवेन्द्र सिंह चैहान ने पहले तो इस बारे मे कुछ भी बताने से इन्कार किया लेकिन सूची का हवाला देने पर उन्होंने बताया कि न्यायालय के आदेश का अनुपालन सुनिश्चित किया जाएगा।

उत्तर प्रदेश

डेकोरेटिव लाइट्स से महाकुंभ बनेगा भव्यता का प्रतीक

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प्रयागराज। महाकुंभ 2025 को दिव्य और भव्य बनाने के लिए योगी सरकार अनेक अभिनव प्रयास कर रही है। इसी क्रम में पूरे मेला क्षेत्र को डेकोरेटिव लाइट्स से सजाया जा रहा है। 8 करोड़ की लागत से उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लि. की ओर से पूरे मेला क्षेत्र में 485 डिजाइनर स्ट्रीट लाइट पोल का जाल बिछाया जा रहा है। संगम जाने वाली हर प्रमुख सड़क पर यह अलौकिक पोल और लाइट श्रद्धालुओं का स्वागत करती नजर आएगी। योगी सरकार का यह प्रयास न केवल श्रद्धालुओं को दिव्य अनुभव देगा, बल्कि भारतीय संस्कृति और आधुनिकता का अद्भुत संगम भी प्रस्तुत करेगा।

प्रमुख मार्गों पर अनूठी रोशनी का जादू

अधीक्षण अभियंता महाकुंभ मनोज गुप्ता ने बताया कि सीएम योगी की।मंशा के अनुरूप महाकुंभ को भव्य रूप देने के लिए विद्युत विभाग बड़े पैमाने पर कार्य कर रहा है। डेकोरेटिव लाइट्स और डिजाइनर पोल्स उसी का हिस्सा है। मेला क्षेत्र में लाल सड़क, काली सड़क, त्रिवेणी सड़क और परेड के सभी मुख्य मार्गों को आकर्षक डेकोरेटिव लाइट्स से रोशन किया जा रहा है। ये लाइट्स भगवान शंकर, गणेश और विष्णु को समर्पित हैं, जो श्रद्धालुओं को आध्यात्मिक शांति और सौंदर्य का अनुभव कराएंगी।

8 करोड़ की भव्य परियोजना

अधिशाषी अभियंता अनूप सिंह ने बताया कि पूरे मेला क्षेत्र में 8 करोड़ से ज्यादा की लागत से 485 डिजाइनर स्ट्रीट लाइट पोल लगाए जा रहे हैं। इस बार टेंपरेरी की बजाय स्थायी पोल्स का निर्माण किया गया है, जो महाकुंभ के बाद भी क्षेत्र की रौनक बनाए रखेंगे। हर पोल को कलश और देवी-देवताओं की आकृतियों से सजाया गया है, जो मेले के वातावरण को सांस्कृतिक वैभव से भर देंगे। 15 दिसंबर तक सभी डेकोरेटिव लाइट्स का कार्य संपन्न कर लिया जाएगा, जिसके बाद रात में मेला क्षेत्र की आभा देखते ही बनेगी।

विद्युत विभाग का अभिनव प्रयास

उन्होंने कहा कि महाकुंभ में आने वाले लाखों श्रद्धालुओं के अनुभव को यादगार बनाने के लिए यह विद्युत विभाग की ओर से एक अभूतपूर्व पहल है। आधुनिक तकनीक और सांस्कृतिक प्रतीकों के मेल से यह परियोजना महाकुंभ को विश्वस्तरीय भव्य आयोजन का दर्जा देगी। महाकुंभ के लिए लगाए गए ये डेकोरेटिव पोल्स स्थायी रहेंगे, जिससे क्षेत्र में आने वाले पर्यटक भी लंबे समय तक इस भव्यता का आनंद ले सकेंगे। डेकोरेटिव लाइट्स से सजे इस महाकुंभ में हर श्रद्धालु को आध्यात्मिक ऊर्जा और सांस्कृतिक गर्व का अनुभव होगा। यह पहल महाकुंभ को भारतीय संस्कृति की भव्यता और आधुनिक विकास का अद्वितीय प्रतीक बनाएगी।

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