Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

मुख्य समाचार

..तो वापस बच्चा बनना चाहूंगा : मोदी

Published

on

PM Modi visits Education City at Jawanga, Dantewada

Loading

दंतेवाड़ा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बच्चों की मुलाकात के दौरान उनसे कई रोचक सवाल पूछे गए, और प्रधानमंत्री ने उनका अपने अंदाज में जवाब दिया। मोदी ने एक सवाल के जवाब में कहा कि जीवन का सबसे ज्यादा आनंद बच्चा बने रहने का है। बड़े हो जाते हैं तब हमें उसका महत्व पता लगता है। ईश्वर मुझसे पूछे कि क्या चाहते हो, तो मैं कहूंगा कि वापस बच्चा बनना चाहूंगा। मोदी यहां गीदम के जावंगा ऑडिटोरियम में जनजातीय बच्चों से मुखातिब हो रहे थे। उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री मोदी दिनभर के छत्तीसगढ़ दौरे पर हैं।

बच्चों ने मोदी से कुछ इस तरह के सवाल पूछे-

सवाल : कोई घटना बताइए, जिससे आपको प्रेरणा मिली हो?
मोदी का जवाब : बहुत बार खुद से ज्यादा औरों की घटनाओं से प्रेरणा मिलती है। लेकिन उसके लिए हमें खुद को उस तरह बनाना होगा कि दूसरों से सीख सकें। आप लोग एक पोलीएना नामक किताब पढ़िएगा, 70-80 पन्नों की इस किताब में एक बच्ची का किरदार है। उसके मन में एक ही विचार रहता है कि हर चीज में से अच्छी बात कैसे निकाली जा सकती है।

सवाल : दिन में 18 घंटे काम कैसे करते हैं?
मोदी का जवाब : मैं कभी नहीं गिनता कि कितने घंटे काम किया। जब हम गिनना शुरू कर देते हैं तो हम थक जाते हैं कि अरे इतना समय काम कर लिया। बच्चों आपको मिला होमवर्क जैसे ही पूरा होता है वैसे ही आपकी थकान उतर जाती है। काम की थकान कभी नहीं होती, काम न करने की थकान होती है। जितना ज्यादा काम करते हैं, उतना ही ज्यादा आनंद मिलता है।

सवाल : आप जीवन की सबसे बड़ी सफलता किसे मानते हैं और उसका श्रेय किसे देंगे?
मोदी का जवाब : जीवन को सफलता और विफलता के तराजू से नहीं तौलना चाहिए। हमें एक ध्येय लेकर चलना चाहिए। कभी रुकावट और कठिनाइयां आएं तो ध्येय के आगे यह बौनी हो जाती है। इसके साथ ही विफलता से सीखना चाहिए। ज्यादातर लोग इसलिए सफल नहीं होते क्योंकि वे विफलता से नहीं सीखते। मेरा जीवन ऐसा है जिसमें ज्यादातर विफलताएं ही मिली हैं। कोशिश करता हूं कि विफलता से ज्यादा से ज्यादा सीखने का प्रयास करूं।

सवाल : यदि आप राजनीति में नहीं होते तो क्या होते?
मोदी का जवाब : जीवन का सबसे ज्यादा आनंद बच्चा बने रहने का है। बड़े हो जाते हैं तब हमें उसका महत्व पता लगता है। ईश्वर मुझसे पूछे कि क्या चाहते हो, तो मैं वापस बच्चा बनना चाहूंगा।

सवाल : आपकी सफलता का राज बताना चाहेंगे?
मोदी का जवाब : जीवन में किसी भी क्षेत्र में सफल होना है तो हमें पता होना चाहिए कि कहा और किस रास्ते जाना है। हमें पता होना चाहिए कि कैसे जाना है, कब तक जाना है। अगर हमारी ऐसी सोच होगी तो रुकावटों के बाद भी संकल्प ²ढ़ रहेगा। लक्ष्य से भटकने वालों को कभी सफलता नहीं मिलती। आज एक इच्छा तो कल कोई दूसरी इच्छा। ऐसा न हो तो सफलता हमारी कदम चूमती चली आएगी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि अगर कुछ बनना है, तो बनने के सपने कम देखो और करने के सपने ज्यादा देखो।

प्रादेशिक

IPS अधिकारी संजय वर्मा बने महाराष्ट्र के नए डीजीपी, रश्मि शुक्ला के ट्रांसफर के बाद मिली जिम्मेदारी

Published

on

By

Loading

महाराष्ट्र। महाराष्ट्र के नए डीजीपी का कार्यभार IPS संजय वर्मा को सौंपा गया है। आईपीएस संजय वर्मा को केंद्रीय चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र के नए पुलिस महानिदेशक के रूप में नियुक्त किया है। कुछ ही दिनों में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव है। उससे पहले चुनाव आयोग ने राज्य कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले की शिकायत मिलने के बाद डीजीपी रश्मि शुक्ला के तबादले का आदेश दिया था।

कौन हैं IPS संजय वर्मा?

IPS संजय वर्मा 1990 बैच के पुलिस अधिकारी हैं। वह महाराष्ट्र में वर्तमान में कानून और तकनीकी के डीजी के रूप में कार्यरत रहे। वह अप्रैल 2028 में सेवानिवृत्त पुलिस सेवा से रिटायर होंगे। दरअसल, डीजीपी रश्मि शुक्ला को लेकर सियासी दलों के बीच पिछले कुछ समय से माहौल गर्म था। कांग्रेस के बाद उद्धव गुट की शिवसेना ने भी चुनाव आयोग को पत्र लिखकर उन्हें हटाने की मांग की थी।

कांग्रेस ने रश्मि शुक्ला की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए चुनाव आयोग से उन्हें महानिदेशक पद से हटाने की मांग की थी। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने उन पर आरोप लगाया था कि वह बीजेपी के आदेश पर सरकार के लिए काम कर रही हैं।

Continue Reading

Trending