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मनोरंजन

दाऊद से मिलकर कोई गलती नहीं की : ऋषि

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दाऊद से मिलकर कोई गलती नहीं की : ऋषि

नई दिल्ली | अनुभवी अभिनेता ऋषि कपूर ने अपनी आत्मकथा ‘खुल्लम खुल्ला’ में अपनी जिंदगी से जुड़े कई पहलुओं पर खुलकर बात की है। इसमें उन्होंने दाऊद इब्राहिम से मुलाकात का रहस्योद्घाटन भी किया है। उन्होंने कहा है कि उन्हें अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम से मिलने का कोई खेद नहीं है। इंडिया टूडे टीवी के साथ एक साक्षात्कार में एंकर राजदीप सरदेसाई ने उनसे 1988 में दुबई में अंडरवल्र्ड डॉन दाऊद इब्राहिम से मुलाकात के बारे में पूछा।

ऋषि ने कहा, “इसमें खेदजनक क्या था।” उन्होंने बताया कि वह कैसे आ.डी. बर्मन, आशा भोसले और बिट्ट आनंद के साथ एक शो के लिए दुबई गए थे, और एक आदमी उनके पास एक फोन लेकर आया और कहा कि “भाई बात करेंगे”।

ऋषि ने कहा, “उसने मुझे चाय पर बुलाया। मैं उसके घर गया। मुझे इसमें कुछ भी गलत नहीं लगा, क्योंकि वह सिर्फ एक भगोड़ा था, और उसने कुछ भी खतरनाक नहीं किया था।”

हालांकि एंकर ने टोकते हुए कहा, “लेकिन दाऊद तब भी एक अपराधी था।”

ऋषि ने जवाब दिया, “‘तो क्या हुआ? मैं अपने जीवन में बहुत से अपराधियों से मिला हूं। मैं भी एक अपराधी हो सकता हूं, लेकिन मैंने कोई भी गंभीर अपराध नहीं किया है। लेकिन हां, एक अभिनेता होने के नाते, मैंने सोचा, मुझे उसकी कहानी जाननी चाहिए। ‘डी-डे’ फिल्म में मैंने काफी कुछ उसके जैसा किया।”

ऋषि ने कहा कि लगभग चार घंटे की मुलाकात के दौरान उन्होंने दाऊद के साथ दो कम चाय पी थी। उन्होंने कहा, “उसने यह भी कहा कि उसे नहीं लगता कि भारत में उसे न्याय मिलेगा।”

यह मुलाकात 1993 के मुंबई विस्फोट से पूर्व हुई थी। लेकिन वह उस समय भी एक वांछित अपराधी था।

यह पूछे जाने पर कि क्या वह अब भी दाऊद के संपर्क में हैं। इस पर ऋषि ने कहा कि दाऊद से उनका कोई संपर्क नहीं है।

उन्होंने यह भी कहा कि इस समय फिल्मोद्योग के साथ अंडरवर्ल्ड का कोई संबंध नहीं है। लेकिन 1990 के दशक में बॉलीवुड का अंडरवल्र्ड के साथ गहरा रिश्ता था।

यह पूछने पर कि क्या दाऊद ने उन्हें कोई तोहफा दिया था?

इस पर उन्होंने कहा, “कभी नहीं.. लेकिन उसने मुझे पेशकश की थी और मुझसे पूछा था ‘क्या मैं आपको कुछ दे सकता हूं?’ मैंने कहा, ‘नहीं, आप मुझे कुछ क्यों देंगे? मुझे जो जरूरत है, ले सकता हूं’।”

उत्तर प्रदेश

डेकोरेटिव लाइट्स से महाकुंभ बनेगा भव्यता का प्रतीक

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प्रयागराज। महाकुंभ 2025 को दिव्य और भव्य बनाने के लिए योगी सरकार अनेक अभिनव प्रयास कर रही है। इसी क्रम में पूरे मेला क्षेत्र को डेकोरेटिव लाइट्स से सजाया जा रहा है। 8 करोड़ की लागत से उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लि. की ओर से पूरे मेला क्षेत्र में 485 डिजाइनर स्ट्रीट लाइट पोल का जाल बिछाया जा रहा है। संगम जाने वाली हर प्रमुख सड़क पर यह अलौकिक पोल और लाइट श्रद्धालुओं का स्वागत करती नजर आएगी। योगी सरकार का यह प्रयास न केवल श्रद्धालुओं को दिव्य अनुभव देगा, बल्कि भारतीय संस्कृति और आधुनिकता का अद्भुत संगम भी प्रस्तुत करेगा।

प्रमुख मार्गों पर अनूठी रोशनी का जादू

अधीक्षण अभियंता महाकुंभ मनोज गुप्ता ने बताया कि सीएम योगी की।मंशा के अनुरूप महाकुंभ को भव्य रूप देने के लिए विद्युत विभाग बड़े पैमाने पर कार्य कर रहा है। डेकोरेटिव लाइट्स और डिजाइनर पोल्स उसी का हिस्सा है। मेला क्षेत्र में लाल सड़क, काली सड़क, त्रिवेणी सड़क और परेड के सभी मुख्य मार्गों को आकर्षक डेकोरेटिव लाइट्स से रोशन किया जा रहा है। ये लाइट्स भगवान शंकर, गणेश और विष्णु को समर्पित हैं, जो श्रद्धालुओं को आध्यात्मिक शांति और सौंदर्य का अनुभव कराएंगी।

8 करोड़ की भव्य परियोजना

अधिशाषी अभियंता अनूप सिंह ने बताया कि पूरे मेला क्षेत्र में 8 करोड़ से ज्यादा की लागत से 485 डिजाइनर स्ट्रीट लाइट पोल लगाए जा रहे हैं। इस बार टेंपरेरी की बजाय स्थायी पोल्स का निर्माण किया गया है, जो महाकुंभ के बाद भी क्षेत्र की रौनक बनाए रखेंगे। हर पोल को कलश और देवी-देवताओं की आकृतियों से सजाया गया है, जो मेले के वातावरण को सांस्कृतिक वैभव से भर देंगे। 15 दिसंबर तक सभी डेकोरेटिव लाइट्स का कार्य संपन्न कर लिया जाएगा, जिसके बाद रात में मेला क्षेत्र की आभा देखते ही बनेगी।

विद्युत विभाग का अभिनव प्रयास

उन्होंने कहा कि महाकुंभ में आने वाले लाखों श्रद्धालुओं के अनुभव को यादगार बनाने के लिए यह विद्युत विभाग की ओर से एक अभूतपूर्व पहल है। आधुनिक तकनीक और सांस्कृतिक प्रतीकों के मेल से यह परियोजना महाकुंभ को विश्वस्तरीय भव्य आयोजन का दर्जा देगी। महाकुंभ के लिए लगाए गए ये डेकोरेटिव पोल्स स्थायी रहेंगे, जिससे क्षेत्र में आने वाले पर्यटक भी लंबे समय तक इस भव्यता का आनंद ले सकेंगे। डेकोरेटिव लाइट्स से सजे इस महाकुंभ में हर श्रद्धालु को आध्यात्मिक ऊर्जा और सांस्कृतिक गर्व का अनुभव होगा। यह पहल महाकुंभ को भारतीय संस्कृति की भव्यता और आधुनिक विकास का अद्वितीय प्रतीक बनाएगी।

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